नई दिल्ली: कोविड-19 (COVID-19) महामारी के समय में जहां अधिकांश उद्यमों ने अपने पारंपरिक विपणन (ट्रेडिशनल मार्केटिंग) और प्रचार खर्च में कटौती की है, वहीं डिजिटल मार्केटिंग का दायरा कई गुना बढ़ गया है, क्योंकि लक्षित उपभोक्ता सोशल डिस्टेंसिंग के समय में घर पर है और ज्यादा समय ऑनलाइन है. यह बात गुरुवार को कुछ प्रमुख डिजिटल मार्केटर्स ने कही है. लॉकडाउन ने जहां एक तरफ ढेर सारे बिजनेस को गंभीर नुकसान पहुंचाया है, वहीं कुछ ऐसे भी हैं, जिनके लिए यह एक अवसर बन गया है और डिजिटल मार्केटिंग एजेंसियां उनमें से एक हैं.


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मुंबई स्थित एक डिजिटल एजेंसी ग्रेफिटो के संस्थापक कपिल जैन ने कहा, दुनिया के इंटरनेट के इंटरनेट से जुड़े होने के कारण डिजिटल मार्केटिंग की दुनिया में सही डिजिटल रणनीति के जरिए लोगों तक पहुंचने को लेकर उत्साह का माहौला था." जैन ने कहा, बिजनेस ऑपरेशंस को जारी रखने के लिए, हम अपने भविष्य के बिजनेस ऑपरेशंस के बारे में हर कदम पर विचार कर रहे हैं, जिसमें बर्न-रेट, कर्ज सेवा लागत, बिक्री अनुमान, आपूर्ति श्रंखला की चुनौतियां, टीम के सदस्यों में कटौती और पूंजी खर्च में सुधार शामिल हैं.


वहीं डिजिटल मार्केटिंग एजेंसी डिजिटल सुकून के प्रबंध निदेशक (एमडी) सुधांशु कुमार का कहना है कि वे लॉकडाउन के प्रभाव का सामना करने के लिए अपेक्षाकृत बेहतर स्थिति में हैं. कुमार ने कहा, हमने समय का सही इस्तेमाल किया और इस तथ्य को समझा कि लॉकडाउन भारत में डेटा की खपत को बढ़ाने जा रहा है. इस स्थिति में हमें अपने क्लाइंट्स को वहां रखना था, जहां उपभोक्ता थे. हमने मानदंडों का पालन करते हुए अपनी टीमों को लेकर पूरी मेहनत के साथ इस अंतर को पाटने में कामयाबी हासिल की.


डिजिटल सुकून, प्रकाश झा प्रोडक्शंस, रोहित शेट्टी पिक्चर्स, पूजा एंटरटेनमेंट और पैनोरमा स्टूडियोज के लिए कलाकारों और लोकप्रिय हस्तियों के साथ डिजिटल प्रचार का काम संभाल रही है. डिजिटल सुकून उन कुछ फर्मों में से है, जिन्होंने इस संकट की घड़ी में भी पूरे स्टाफ को बनाए रखा और जरूरतमंदों की मदद भी की. कुमार ने कहा, ये सभी के लिए एक अभूतपूर्व समय है और हम डिजिटल सुकून के साथ जितना संभव हो सकेगा लोगों की मदद करना पसंद करेंगे. लॉकडाउन के बाद से भारत की इंटरनेट खपत 13 से 14 प्रतिशत बढ़ गई.


एक रणनीतिक विपणन और ब्रांड संचार एजेंसी पब्लिसिटी मंत्रा के सह-संस्थापक अनूप मिश्रा के अनुसार, आमतौर पर एक औसत कंपनी अपने कुल मार्केटिंग बजट का दो से तीन प्रतिशत डिजिटल प्लेटफॉर्म पर निवेश करती है. चूंकि प्रति यूजर्स के हिसाब से ऑनलाइन समय में वृद्धि हुई है, इसलिए कंपनियां इस पर अधिक ध्यान दे सकती हैं और यह डिजिटल विपणक (मार्केटर्स) के लिए एक अच्छा अवसर होने जा रहा है.


मिश्रा ने कहा कि अगर हम इंटरनेट यूजर्स और उपभोक्ताओं के बारे में बात करें तो हम और ज्यादा ग्राहकों तक पहुंचने के लिए और अधिक विज्ञापन फ्लोट्स और डिजिटल एजेंसियों का अनुभव करने जा रहे हैं. मिश्रा ने भारत में स्टार्टअप का समर्थन और मार्गदर्शन करने के लिए ओनली फॉर स्टार्टअप्स डॉट कॉम भी लॉन्च किया है.


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