Priyanka Chopra OTT: प्रियंका चोपड़ा की डेब्यू वेब सीरीज सिटाडेल का अंतिम एपिसोड आज रिलीज हो गया. शुरुआती निराशा और बीच की शिथिलता के बाद आखिरी क्षणों में मेकर्स इसे संभाल पाने में कामयाब रहे. खास तौर अंतिम दो एपिसोड के उतार-चढ़ाव जिज्ञासा पैदा करते हैं. कहानी चौंकाने वाले क्लाइमेक्स के साथ खत्म होती है. सीरीज पूरी होने पर कहा जा सकता है कि अगर आपके पास औसतन 40-40 मिनिट की छह कड़ियां देखने का समय और अमेजन प्राइम वीडियो का सब्सक्रिप्शन है तो अपनी सुविधा से एक बार में देख लें. यह ऐसी सीरीज नहीं है, जिसके एक-एक एपिसोड के लिए हफ्ता-दर-हफ्ता इंतजार किया जाए. लेकिन बात यही कि अंत भला तो सब भला.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

आपने पहले देखा
सिटाडेल जासूसों का एक संगठन है, जो दुनिया के हित में काम करता है. दुनिया में हथियारों की होड़ को रोकने के लिए उसके एजेंट दुश्मनों से टकराते हैं. दुनिया को नष्ट करने या नुकसान पहुंचाने में लगी ताकतों को सिटाडेल के एजेंट खत्म करते हैं. परंतु सिटाडेल के विरुद्ध भी एक संगठन खड़ा है, मैंटीकोर. सिटाडेल के लगभग सारे एजेंटों को मैंटीकोर मार चुका है. परंतु मेसन केन (रिचर्ड मैडन) और नाडिया सिंह (प्रियंका चोपड़ा जोनास) बचे हैं. मैंटीकोर के एक हमले की वजह से दोनों की याददाश्त मिट चुकी है. मेसन और नाडिया का एक अतीत भी है. आठ साल गुजर चुके हैं. हालात करवट बदलते हैं और मेसन केन तथा नाडिया सिंह अब आमने-सामने हैं. पहले दो एपिसोड में इतनी कहानी बताई गई थी.



अब बात आगे
सिटाडेल की कहानी जैसे-जैसे बढ़ती है, इसमें कुछ नए किरदार जुड़ते हैं. सिटाडेल से मैंटीकोर की दुश्मनी ज्यादा प्रखर होकर सामने आती है. आखिर तक आप इसकी असली वजह भी जान लेते हैं. लेकिन रोमांच तब बढ़ता है, जब मेसन और नाडिया के राज सामने आने लगते हैं. कैसे दोनों ने साथ में काम शुरू किया. कैसे नजदीक आए. तब कौन सी घटनाएं घटीं, जिन्होंने उन्हें नई जिदंगियो की तरफ धकेल दिया. नाडिया को सब याद है परंतु मेसन सिर्फ उस पर भरोसा करते हुए आगे बढ़ता है. मैंटीकोर के निशाने पर दोनों हैं. मैंटीकोर चाहता है कि नाडिया और जेसन एक रूसी पनडुब्बी में लैस परमाणु मिसाइलों को निष्क्रीय करें, लेकिन वास्तव में उसके इरादे कुछ और हैं. क्या है सच्चाई और क्या होता है, जब मेसन की याददाश्त लौट आती है. सीरीज का क्लाइमैक्स रोचक है.


एक्शन-थ्रिलर से रोमांस तक
सिटाडेल की जो कहानी एक्शन के साथ शुरू हुई थी, वह धीरे-धीरे रोमांस की तरफ मुड़ती है. जिसमें नाडिया-मेसन समेत मेसन और उसकी निजी जिंदगी के पन्ने खुलकर सामने आते हैं. मेसन क्यों जासूस बनाॽ जासूस बनकर मेसन किस मिशन पर हैॽ सिटाडेल के अलावा क्या उसका कोई प्राइवेट मिशन भी हैॽ नाडिया के साथ उसका रिश्ता कहां तक जाता हैॽ बीच के एपिसोड्स में सिटाडेल एक्शन-थ्रिलर से ज्यादा रोमांस की कहानी बन जाता है. जिसमें लुका-छुपी का खेल चलता है कि क्या कोई जासूस सचमुच किसी से प्यार कर सकता है या फिर किसी जासूस से क्या सचमुच प्यार किया जा सकता है. यह हिस्सा काफी लंबा खींचा गया है. इस दौरान सिटाडेल सुस्त हो जाती है.


कुछ बेहतर की उम्मीद
भारतीय दर्शकों के लिए सिटाडेल में मुख्य आकर्षण प्रियंका चोपड़ा हैं. उन्होंने अच्छा काम किया है. खास तौर पर एक्शन दृश्यों में अच्छी लगी हैं, लेकिन इमोशनल दृश्यों में साथी एक्टरों के मुकाबले कमजोर नजर आती हैं. सीरीज के भव्य ढंग से शूट किया गया और एक्शन सीन अच्छे हैं. कैमरावर्क तथा वीएफएक्स भी बढ़िया है. परंतु समस्या यही है कि खुफिया एजेंटों की तमाम ऐसी कहानियां पहले भी आई हैं. सिटाडेल में कई बार समय आगे-पीछे होता है. कहानी दस साल आगे. कहानी पांच साल पीछे. फिर किरदार जल्दी-जल्दी नए-नए देशों-शहरों में भी पहुंचते हैं. इन बातों पर आपको अतिरिक्त ध्यान लगाना पड़ता है. मूल रूप से यह सीरीज अंग्रेजी में है. ओटीटी पर आप हिंदी डब डायलॉग सुन सकते हैं. लेकिन जिसमें मजा कम हो जाता है. अतः आप अंग्रेजी समझते हैं तो बेहतर है कि मूल भाषा में ही देखें. अमेजन को अपनी हिंदी डबिंग और हिंदी सब टाइटल्स करने वाली टीम से काफी बेहतर की उम्मीद करनी चाहिए.


निर्देशकः न्यूटन थॉमस सिगल, जेसिका यू
सितारे: प्रियंका चोपड़ा जोनास, रिचर्ड मैडन
रेटिंग**1/2