स्टार कास्ट: आदित्य रॉय कपूर, संजना संघी, जैकी श्रॉफ, आशुतोष राणा, प्रकाश राज, प्राची शाह, एल्नाज नोरोजी आदि


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डायरेक्टर: कपिल वर्मा


स्टार रेटिंग: 3


Rashtra Kavach Om Movie Review: राज सलूजा और निकेत पांडेय ये दो नाम हैं, जिन्हें डायरेक्टर कपिल वर्मा के अलावा इस मूवी के हिट या फ्लॉप के लिए सबसे बड़े जिम्मेदार के तौर पर माना जाना चाहिए. क्योंकि चार किरदारों के इर्दगिर्द रची इस मूवी के उन चारों को जिम्मेदार कहना इसलिए ठीक नहीं होगा क्योंकि उन चारों ने अपने किरदार अच्छी तरह निभाए हैं. ऐसे में ये तीनों हर कदम पर दर्शकों के दिमाग से खेलते दिखते हैं, बिलकुल वैसे जैसे मोदी शाह की जोड़ी पत्रकारों के अंदाजे गलत साबित करती रहती है. जनता अंदाजा लगा रही होती है कि फड़नविस सीएम बनेंगे, अचानक से शिंदे का नाम आ गया, फिर सोचते हैं कि फड़नविस सरकार से बाहर रहेंगे कि अचानक से उनको डिप्टी सीएम बना दिया जाता है. इसी तरह के वाकए इस मूवी में आपको देखने को मिलेंगे.


वैज्ञानिकों की दुनिया से जुड़ी फिल्म


इस हफ्ते रिलीज हुई दोनों ही मूवीज यानी रॉकेट्री और राष्ट्र कवच ओम, वैज्ञानिकों की दुनिया से जुड़ी है. एक असली कहानी है यानी रॉकेट्री तो दूसरी ‘कोई मिल गया’ और ‘मिस्टर इंडिया’ की तरह एक फॉर्मूले के आविष्कार से जुड़ी है. ये फॉर्मूला है एक ऐसा एंटी न्यूक्लियर मिसाइल सिस्टम बनाने का, जो उस सिस्टम से बने वर्चुअल कवच के अंदर आने वाली मिसाइल्स को निष्क्रिय कर देता है. जिसे बनाने में जुटे हैं देव राठौड़ (जैकी श्रॉफ), लेकिन देव पर हमला होता है और उनको अगवा कर लिया जाता है.


हॉलीवुड फॉर्मूले से बनी फिल्म


सीक्रेट सर्विस चीफ मूर्ति (प्रकाश राज) उनको ढूंढने और इस फॉर्मूले को देश को दिलाने के लिए सीनियर अधिकारी राठोड़ के नेतृत्व में एक गुप्त मिशन शुरू करते हैं, जो स्पेशल कमांडो ओम की अगुवाई में एक टीम के साथ उस मिशन पर जुटते हैं. इसी टीम में फिल्म की हीरोइन काव्या (संजना संघी) भी हैं, जो 'रॉकस्टार' में नरगिस फाखरी की छोटी बहन के रोल के बाद 'हिंदी मीडियम' और 'फुकरे रिटर्न्स' में भी काम कर चुकी हैं. इधर ओम उस शिप तक पहुंच भी जाता है, जहां देव को बंदी बना रखा है, लेकिन एक गोली उसकी याददाश्त भुला देती है. फिर कैसे उसे मिशन को पूरा किया जाता है, डायरेक्टर ने उसके लिए कई तरह के हॉलीवुड मूवीज के फॉर्मूलों का इस्तेमाल किया है.


फिल्म में है भरपूर एक्शन


इस फिल्म के डायरेक्टर कपिल वर्मा मशहूर एक्शन डायरेक्टर टीनू वर्मा के बेटे हैं और रोहित शेट्टी, अजय देवगन जैसे एक्शन डायरेक्टर के बेटों की तरह ही उनकी फिल्मों में भी आपको जमकर एक्शन देखने को मिलना है. 'राष्ट्र कवच ओम' भी एक एक्शन मूवी है, और इसलिए आप एक्शन में कमी नहीं निकाल सकते. लेकिन इस मूवी के साथ दिक्कत ये है कि भले ही सालों से कपिल वर्मा कई शॉर्ट फिल्में डायरेक्ट कर चुके हैं, कई फिल्मों से जुड़े रहे हैं, लेकिन बतौर निर्देशक उनकी ये पहली मूवी है. बतौर एक्शन हीरो पहली बार इस तरह आदित्य रॉय कपूर ने अपने सिक्स पैक दिखाए हैं और इसलिए रोमांस को मूवी से पूरी तरह ही गायब कर दिया गया है.


स्पेशल इफेक्ट्स में कोई कमी नहीं


अगर आदित्य की जगह जॉन अब्राहम होते तो इस मूवी को शर्तिया हिट कहा जा सकता था, लेकिन सब कुछ निर्भर इस बात पर करेगा कि दर्शक आदित्य को नए रूप में पसंद करते हैं कि नहीं, क्योंकि उनकी मेहनत में तो कोई कमी नहीं. स्पेशल इफैक्ट्स, एक्शन, एडीटिंग आदि में भी कोई कमी नहीं. हालांकि कभी कभी लगता है कि मूवी को थोड़ा और आउटडोर शूट करना चाहिए था, ज्यादातर सींस इनडोर शूट के हैं या तो बंगले में या फिर ऑफिस में.


फिल्म में हैं कई ट्विस्ट


फिल्म में एक के बाद एक इतने रोमांचक मोड़ हैं कि आपको लगता है आप कोई जासूसी उपन्यास पढ़ रहे हों, कई बार डायरेक्टर जानबूछकर आपको मुख्य खलनायक की बजाय किसी और के लिए संदेह के बीज डालता है, इसलिए आम दर्शक के लिए ये पेचीदा भी हो सकता है. लेकिन एक्शन पसंद करने वालों को इस मूवी में काफी मजा आएगा. कपिल की खूबी इस बात मैं भी झलकती है कि वेदप्रकाश शर्मा के उपन्यासों में विजय-विकास के परिवार और राज कॉमिक्स में अनुपम सिन्हा के पात्र सुपर कमांडो ध्रुव के परिवार की तरह एक्शन के साथ साथ इमोशंस को भी बखूबी पिरोया गया है. ऐसे इमोशनल सींस पारिवारिक दर्शकों को काफी पसंद आएंगे.


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