Meezaan Jafri: इन दिनों भाई-बहन की कहानियां फिल्मों में कम ही देखने मिलती हैं. कुछ साल पहले आई थी, दिल धड़कने दो (रणवीर सिंह-प्रियंका चोपड़ा). उससे पहले की याद है, जोश (शाहरुख खान-ऐश्वर्या राय). अब रिलीज हुई है, यारियां 2. हालांकि यह सगे नहीं बल्कि कजिन भाई-बहनों की कहानी है. लाडली छिब्बर (दिव्या खोसला कुमार), शिखर रंधावा (मीजान जाफरी) और बजरंग दास खत्री (पर्ल वी. पुरी) चचेरे भाई-बहन हैं. लाडली की शादी अभय सिंह कात्याल (यश दासगुप्ता) से हुई है, लेकिन अभय उसे पत्नी के रूप में स्वीकार नहीं कर पा रहा है. सारी सुख-सुविधाएं देता है लेकिन पति के रूप में प्यार नहीं करता. क्या है इसकी वजहॽ फिल्म की मुख्य कहानी यही है. लेकिन इसके साथ ही शिखर और बजरंग की कहानियां भी बुनी हुई हैं.


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सबकी अपनी जिंदगी
यहां शिखर एक मोटरबाइक रेसर है लेकिन एक हादसे के बाद उसकी रेसिंग को बैन कर दिया गया है. उसकी लव लाइफ में भी अड़चनें हैं. वह इकरूर अवस्थी (अनस्वरा राजन) से प्यार करता है, लेकिन उसकी बहन शिखर को पसंद नहीं करती क्योंकि उसके पास नौकरी या काम-धंधा नहीं है. बजरंग को एयरहोस्टेस, शोना (वरीना हुसैन) से प्यार हो जाता है, लेकिन रोमांस की उड़ान पंख फैलने से पहले ही रुक जाती है. यारियां 2 में तीनों भाई-बहन कभी अकेले तो कभी मिल-जुलकर अपनी-अपनी जिंदगियों के सवालों को हर करने की कोशिश में हैं. क्या अंत में अभय लाडली को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार करेगाॽ उसकी जिंदगी का क्या रहस्य है? क्या शिखर की बाइकिंग और लव लाइफ फिर से रफ्तार भरेगी? क्या वह इकरूर का प्यार जीत सकेगा? आखिर में बजरंग की प्रेम कहानी का क्या होगा?


किसकी कहानी
निर्देशक जोड़ी राधिका राव और विनय सप्रू ने फिल्म में तीन प्रेम कहानियां बुनते हुए, इनकी सजावट का पूरा ख्याल रखा है. हालांकि बीच-बीच में महसूस होता है कि आखिर यह कहानी तीनों किरदारों में, मुख्य रूप से किसके बारे में है. फिल्म के पहले हिस्से में लगता है कि यह पूरी तरह से लाड़ली यानी दिव्या खोसला कुमार की कहानी है, लेकिन दूसरे हिस्से में मीजान और पर्ल की कहानियां केंद्र में आ जाती हैं. निर्देशक जोड़ी ने फिल्म को एक साथ मजेदार और भावुक बनाने की कोशिश की है. फिल्म का उतार-चढ़ाव दर्शक को बांधे रहता है और इसमें एक्टरों का परफॉरमेंस अहम भूमिका निभाता है.



दिव्या का प्रभाव
वास्तव में यह फिल्म दिव्या खोसला कुमार को नए सिरे से स्थापित करती है. फिल्म देखते हुए महसूस होता है कि वह बेहतरीन एक्ट्रेस हैं. नई पीढ़ी की अभिनेत्रियों के बीच उन्हें सिर्फ अच्छी कहानियों और कल्पनाशील निर्देशकों की जरूरत है. खास तौर पर इंटरवल के बाद कुछ भावुक दृश्यों में वह अच्छा प्रभाव छोड़ती हैं. वहीं, शिखर रंधावा के किरदार में मीजान जाफरी आत्मविश्वास से भरे हैं. उन्हें देखकर लगता है कि वह लंबी पारी के लिए तैयार हैं. बाइकर के रूप में उनका यह रोल नई पीढ़ी के दर्शकों को याद रहेगा. पर्ल वी. पुरी आकर्षक लगे और उनका अभिनय अच्छा है. शोना के किरदार में वरीना हुसैन को ज्यादा मौका नहीं मिला लेकिन उनकी एक्टिंग बढ़िया है. अनस्वरा राजन ने भी इकरूर की भूमिका अच्छे से निभाया है.


ऊंची ऊंची दीवारें
राधिका राव और विनय सप्रू अपने म्यूजिक वीडियोज के लिए जाने जाते हैं. इस फिल्म को उन्होंने उसी अंदाज में बारीकी से सजाया है. हिमाचल की खूबसूरती से लेकर मुंबई के रंगों को उन्होंने पर्दे पर अच्छे ढंग से उतारा है. फिल्म की सिनेमैटोग्राफी भी इसे देखने योग्य बनाती है. हालांकि स्क्रीन प्ले शुरुआत में धीमी रफ्तार  से बढ़ता है क्योंकि किरदारों को जमाने में निर्देशक समय लेते हैं. लेकिन दूसरे हिस्से में रफ्तार आती है और कहानी में उतार-चढ़ाव के साथ कुछ भावुक पल इसे रोचक बनाते हैं. फिल्म की प्रोड्यूसर टी-सीरीज है. इसलिए म्यूजिक पर ध्यान दिया गया है. अरिजीत सिंह की आवाज में ऊंची ऊंची दीवारें और जुबिन नौटियाल का बेवफा तू याद रह जाते हैं.


युवाओं पर नजर
ऐसे दौर में, जबकि रिश्तों के कमजोर पड़ते जाने की बातें आए दिन सामने आती हैं, यारियां 2 भाई-बहन के जज्बातों के बहाने परिवारों को जोड़ने का काम करती है. यह फैमिली फिल्म है और आज के जमाने की भावनाओं को सामने लाती है. यारियां 2 नौ साल पहले आई मलयालम फिल्म बैंगलोर डेज का आधिकारिक रीमेक है. खास तौर पर युवा इसे पसंद करेंगे क्योंकि जिस तरह वे आज रिश्तों को लेकर सोचते हैं, वह बातें यहां रोचक ढंग से उभर कर आई हैं. राधिका राव और विनय सप्रू ने फिल्म का पूरा ट्रीटमेंट भी युवाओं के हिसाब से ही किया है.


निर्देशकः राधिका राव और विनय सप्रू
सितारे: दिव्या खोसला कुमार, मीजान जाफरी, पर्ल वी पुरी, अनस्वरा राजन, वरीना हुसैन, यश दासगुप्ता, भाग्यश्री बोरसे, प्रिया प्रकाश वैरियर, लिलेट दुबे, मुरली शर्मा
रेटिंग***