- बुलडोजर की नहीं गद्दारों और आतंकवादियों की सरकार
- बहुजन समाज को बहकाकर वोट मांगने पहुंचने वालों को जूता मारना चाहिए
- जिसने पेपर लीक किए हैं.. मन करता है उनका **** निकाल लूं 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

अपनी उत्तेजित और करकश आवाज में चुनाव प्रचार के दौरान जब बहुजन समाज पार्टी के भविष्य कहे जाने वाले आकाश आनंद जबरदस्त भाषणों के चलते चर्चा में थे तो उनके कई बयान ऐसे भी थे जो खुद बसपा के नेताओं को भी असहज कर रहे थे. ये तीन बयान उन्हीं में से एक हैं. इसके बाद आकाश बाबू पर एक के बाद एक कई एफआईआर दर्ज हुए थे. फिर अचानक आकाश आनंद चुनाव प्रचार से गायब हो गए, बसपा के अंदरखाने से खबर आई कि बहनजी के सामने उनकी पेशी हो गई है. अब उसका परिणाम भी आ गया. आकाश आनंद पर उनकी बुआजी ने गाज गिरा दी तो राजनीति पंडित चौंक गए हैं. 


राजनीतिक पंडित भले ही चौंक गए हैं लेकिन..


इस एक्शन पर राजनीतिक पंडित भले ही चौंक गए हैं लेकिन मायावती की राजनीति पर नजर रखने वालों के लिए ये कदम चौंकाने वाला नहीं लग रहा है. असल में इसके पीछे के गहरे मायने समझ लेने चाहिए. मायावती हमेशा से ही सुचिता की राजनीति की समर्थक मानी जाती रही हैं. इस भीषण ऊटपटांग राजनीतिक बयानबाजियों के दौर में भी मायावती ने अपनी वाणी पर जबरदस्त संयम दिखाया है. और इसी की उम्मीद वे अपने उत्तराधिकारी आकाश आनंद से कर रही थीं. 


पहले जनसभाओं पर रोक.. फिर पेशी 


ये बात अलग है कि पिछले दो तीन महीनों से आकाश आनंद अपने जोरदार भाषणों के चलते सोशल मीडिया से लेकर मेनस्ट्रीम मीडिया में भी खूब चर्चा में रहे लेकिन ज्ब उन्होंने जोश जोश में आकर विवादित बयान देने शुरू किए तो उनके कई शुभचिंतकों ने समझाना शुरू किया था कि आकाश बाबू ये राजनीति है, यहां ऐसी भाषा तुरंत काम नहीं करती है, यही हुआ भी. मायावती ने पहले तो उनकी जनसभाओं पर तत्काल रोक लगा दी और उनकी पेश कर दी और अब उन पर ऐसा एक्शन लिया कि शायद बसपा के समर्थकों को भी नहीं उम्मीद रही होगी. 


मायने भी गहरे हैं.. 


लेकिन इस एक्शन के संभावित कारणों को समझना चाहिए. एक तो ये कि मायावती ने गहरे संदेश दे दिए हैं. भले ही कुछ ही महीनों बाद आकाश आनंद को पद वापस लौटा दिए जाएं लेकिन उनके विवादित बयानों का फल खुद मायावती ने दे दिया. दूसरा जो अर्थ मायावती के आलोचकों को समझ में आ रहा है वह यह कि खुद मायावती भी सरकार के खिलाफ खुलकर नहीं बोल रही थीं और यही उम्मीद आकाश आनंद से भी वे कर रही थीं. 


एक्शन पर मायावती ने क्या लिखा..
इस कार्रवाई के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्विटर पर लिखा कि एक पार्टी के साथ ही बाबा साहेब डा भीमराव अम्बेडकर के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान तथा सामाजिक परिवर्तन का भी मूवमेन्ट है जिसके लिए मान्य. श्री कांशीराम जी व मैंने खुद भी अपनी पूरी ज़िन्दगी समर्पित की है और इसे गति देने के लिए नई पीढ़ी को भी तैयार किया जा रहा है. इसी क्रम में पार्टी में, अन्य लोगों को आगे बढ़ाने के साथ ही, श्री आकाश आनन्द को नेशनल कोओर्डिनेटर व अपना उत्तराधिकारी घोषित किया, किन्तु पार्टी व मूवमेन्ट के व्यापक हित में पूर्ण परिपक्वता आने तक अभी उन्हें इन दोनों अहम जिम्मेदारियों से अलग किया जा रहा है. जबकि इनके पिता श्री आनन्द कुमार पार्टी व मूवमेन्ट में अपनी जिम्मेदारी पहले की तरह ही निभाते रहेेंगेे. अतः बीएसपी का नेतृत्व पार्टी व मूवमेन्ट के हित में एवं बाबा साहेब डा. अम्बेडकर के कारवाँ को आगे बढ़ाने में हर प्रकार का त्याग व कुर्बानी देने से पीछे नहीं हटने वाला है.