PM Modi On Martyrs Day: महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने उन्हे श्रद्धांजलि दी. पीएम मोदी ने इस मौके पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स' पर पोस्ट किया कि मैं पूज्य बापू को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. मैं उन सभी को भी श्रद्धांजलि देता हूं, जो हमारे देश के लिए शहीद हुए हैं. उनका बलिदान हमें लोगों की सेवा करने और हमारे राष्ट्र के लिए उनके सपने को पूरा करने की प्रेरणा देता है.''


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शहीद दिवस के मौके पर ‘मोदीआर्काइव'ने एक्स पर शेयर किए पुराने पन्ने


शहीद दिवस के मौके पर ‘मोदीआर्काइव' नाम के एक हैंडल ने एक्स पर ही पीएम नरेंद्र मोदी की पर्सनल डायरी के कुछ पुराने पन्नों को साझा किया है. इन पन्नों में पीएम मोदी ने महात्मा गांधी के उद्धरणों को लिखा है. डायरी के इन नोट्स से पता चलता है कि महात्मा गांधी के आदर्शों का पीएम मोदी के जीवन और उनकी राजनीति पर बहुत गहरा असर हुआ. 



महात्मा गांधी की प्रेरणा से 'सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास' 


एक्स पर अक्सर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन से जुड़ी बातों को साझा करने वाले ‘मोदीआर्काइव' ने लिखा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को न सिर्फ काफी पढ़ा है, बल्कि अपनी पर्सनल डायरी में उनके संदेश भी लिखे थे. पीएम मोदी को जिनसे हमेशा प्रेरणा मिली. पन्ने पर लिखे कोटेशन से पता चलता है कि महात्मा गांधी के आदर्शों का असर पीएम मोदी की जनकल्याणकारी योजनाओं और 'सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास'  जैसे उनके सियासी संदेशों पर दिखता है.


पीएम बनने से पहले की पर्सनल डायरी के शेयर किए गए कुछ पन्नों में नरेंद्र मोदी ने अंग्रेजी में अपनी भावनाओं को विस्तार से लिखा हुआ है. एक्स पर शेयर पन्ने में महात्मा गांधी के उद्धरण या कोटेशन के अलावा बाकी हिस्सों को ब्लर कर दिया गया है. पीएम मोदी ने महात्मा गांधी के कई चर्चित संदेशों को लिखा है.


इन महत्वपूर्ण संदेशों का हिंदी अनुवाद इस प्रकार हैं-


1. अंहिसा का मेरा पंथ अत्यधिक सक्रिय शक्ति है, इसमें कायरता और दुर्बलता के लिए कोई स्थान नहीं है. इसके माध्यम से एक हिंसक आदमी के एक दिन अहिंसक होने की आशा होती है, लेकिन कायर के लिए कोई आशा नहीं होती.


2. इंसान की जरूरत के लिए इस संसार में पर्याप्त संसाधन है, लेकिन उसकी लालच को पूरा करने के लिए साधन कम ही पड़ जाते हैं.


3. मैं सिर्फ और सिर्फ सत्य के लिए समर्पित हूं और सत्य के ही अनुशासन का ही पालन करता हूं.


4. मैं सबसे बड़ी संख्या की सबसे बड़ी भलाई के सिद्धांत में विश्वास नहीं करता. 51 प्रतिशत की अच्छाई के लिए 49 प्रतिशत की भलाई का त्याग करना है. यह सिद्धांत एक क्रूर सिद्धांत है. इसके माध्यम से मानवता को काफी नुकसान हुआ है. मानवता के लिए एक मात्र सिद्धांत है कि सभी के लिए भलाई के काम में विश्वास करना.