Qatar's ruling emir Sheikh Tamim bin Hamad Al-Thani : कतर में मौत की सजा पाए नौसेना के 8 पूर्व अफसरों को वापस लाने के लिए सरकार कई विकल्पों पर काम कर रही है. आठ भारतीयों को दी गई मौत की सजा के खिलाफ भारत सरकार ने अपील दायर की है. इस संबंध में विदेश मंत्रालय (MEA) ने कहा कि फैसला गोपनीय है, जिसे हमारी कानूनी टीम के साथ साझा किया गया. भारत ने सभी कानूनी विकल्पों पर विचार करते हुए अपील दायर की है. इससे इतर अब सभी की निगाहें कानूनी विकल्पों और संधियों से ऊपर कतर के अमीर शेख तमीम हमाद अल थानी पर भी टिकी हैं. कतर के अमीर क्या भारतीयों की मौत की सजा माफ कर सकते हैं? ये बात जानने से पहले आपको पता होना चाहिए कि वो मामला आखिर क्या है जिसमें ये अफसर दोषी पाए गए हैं.


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क्या है पूरा मामला?


इन अफसरों पर कथित तौर पर इजरायल के लिए जासूसी करने का आरोप है. 'अल-जजीरा' की रिपोर्ट के मुताबिक, इन पर कतर के सबमरीन प्रोजेक्ट से जुड़ी जानकारी इजरायल को देने का आरोप है. आरोपी दोहा स्थित उस अल-दहरा कंपनी में काम करते थे. जो कतर की नेवी को टेक्नोलॉजी और कंसल्टेसी सर्विस प्रोवाइड कराती थी. ओमान वायुसेना से रिटायर्ड अफसर खमीस अल आजमी इसे चलाते थे. उन्हें भी गिरफ्तार किया गया था. हालांकि, नवंबर में उन्हें रिहाई मिल गई. अल-दहरा 31 मई 2023 को बंद हो गई थी. 


इन अफसरों पर मंडरा रहा खतरा


इन 8 लोगों को अगस्त 2022 में गिरफ्तार किया गया था. जिन पर ये खतरा मंडरा रहा है. उस सूची में दर्ज नामों की बात करें तो कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर अमित नागपाल, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता और नाविक रागेश की रिहाई की कोशिशें हो रही हैं. 


कौन हैं कतर के अमीर? 2013 से कर रहे राज


कतर के अमीर शेख तमीम हमाद अल थानी अरब लीग का जाना पहचाना चेहरा हैं. वो खुलकर अपनी बात रखते हैं. जियोपॉलिटिकल गतिविधियों पर उनकी निगाह रहती है. मिडिल ईस्ट में इजरायल-हमास के युद्ध पर भी उन्होंने खुलकर अपनी बात रखी थी. कहा जाता है कि शेख तमीम बिन हमद अल-थानी पाकिस्तान के करीबी हैं, लेकिन भारत से उनके अच्छे रिश्ते हैं. 


दुनिया के तीसरे सबसे प्रभावशाली मुस्लिम


रॉयल इस्लामिक स्ट्रैटजिक स्टडीज सेंटर ने तमीम को 2022 में दुनिया का सबसे प्रभावशाली मुस्लिम माना था. 2023 की सूची में तमीम तीसरे स्थान पर है. तमीम बिन हमद का जन्म 3 जून 1980 को दोहा, कतर में हुआ था. शेख तमीम बिन हमद अल थानी कतर के इतिहास में सबसे कम उम्र के अमीर हैं. मल्टी टैलेंडेट शेख तमीम ने 2013 में 33 साल की उम्र में सत्ता संभाली. वो, अमीर हमद बिन खलीफा अल थानी के चौथे बेटे हैं. वह 2003 में उत्तराधिकारी बने जब उनके बड़े भाई शेख जसीम ने सिंहासन पर दावा छोड़ दिया था. उनकी पढ़ाई ब्रिटेन में पूरी हुई. शेरबोर्न और हैरो स्कूल में पढ़ने के बाद वो रॉयल मिलिट्री अकादमी पहुंचे और ग्रेजुएशन किया.


क्यों जगी आस?


कतर के अमीर कई भूमिकाओं में एक्टिव रहते हैं. ‘द इकोनॉमिस्ट’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक शेख के परिवार के ज्यादातर लोग कतर की सेना से लेकर सरकार और तमाम अहम पदों पर हैं. देश में एक तरीके से हर जगह उन्हीं की चलती है. शेख तमीम कतर की राष्ट्रीय ओलंपिक समिति के अध्यक्ष होने के साथ-साथ कतर सशस्त्र बलों के डिप्टी कमांडर-इन-चीफ हैं. वो सर्वोच्च शिक्षा परिषद के अध्यक्ष हैं. उनके पास देश की अर्थव्यवस्था संभालने की भी जिम्मेदारी है. 


कतर भारत का बड़ा ट्रेड पार्टनर है. भारत को वहां स्पेशल ट्रीटमेंट मिलता है. कतर दुनिया का सबसे बड़ा नेचुरल गैस एक्सपोर्टर है. कतर की आबादी करीब 29 लाख है. जिसमें करीब 15% हिंदू है. कतर भारत को एनर्जी सिक्योरिटी के क्षेत्र में गारंटी दे चुका है. भारत LNG आयात का 40 % कतर से मंगाता है. भारत उनके लिए कितना अहम है उसे इस बात से समझिए कि 2016 में कतर ने भारत के लिए LNG के दामों में 50% से ज्यादा की कटौती कर दी थी. एक बार कम LNG खरीदने के एवज में भारत को जुर्माना देना था. लेकिन पीएम मोदी और कतर के अमीर के बीच हुए समझौते की वजह से कतर भारत को जुर्माने पर छूट देने पर राजी हो गया था.


रिपोर्ट्स के मुताबिक वो 1.6 बिलियन पाउंड के मालिक हैं. वहीं रॉयल फैमिली की कुल संपत्ति 335 बिलियन डॉलर है. साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने 2019 में ओमान में अपने लिए एक खास महल ‘व्हाइट पैलेस’ बनवाया था. जिसकी कीमत करीब एक बिलियन डॉलर आंकी जा चुकी है.


अमीर के पास क्षमादान का अधिकार


कतर की परंपराओं के मुताबिक मुल्क के अमीर सद्भावना दिखाते हुए साल में दो बार अपने देश में कैदियों को क्षमादान देते हैं. ये मौका आता है हर साल रमजान के पवित्र महीने में और कतर के नेशनल डे यानी 18 दिसंबर को. भारत के साथ अच्छे संबंधों को देखते हुए कतर के अमीर तमीम बिन हमद अल थानी भारत के नागरिकों के लिए भी क्षमादान की घोषणा कर सकते हैं. भले ही गेंद कतर के पाले में है. लेकिन भारत सरकार भी अपने नागरिकों की वतन वापसी के लिए लगातार काम कर रही है.


मौत की सजा देने का सिस्टम


कतर में मृत्युदंड फायरिंग दस्ते द्वारा दिया जाता है. यहां रेयर मामलों में फांसी की सजा दी जाती है. ऐसे में संभावना है कि कतर के अमीर से अपील की जाए तो इन भारतीयों को माफी दी जा सकती है. ये इतना संवेदनशील मामला है, जिसके बारे में बहुत अधिक सार्वजनिक चर्चा नहीं हो सकती है. इसमें कूटनीति भी काम करती है, लेकिन कूटनीति में सब कुछ खुलकर नहीं कहा जाता है.