Haryana Assembly Election 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि यह उनकी नहीं बल्कि जनता की इच्छा है कि वह मुख्यमंत्री बनें. उन्होंने कहा था, "आज भी लोग चाहते हैं कि मैं (राव) मुख्यमंत्री बनूं." उनके इस बयान पर पूर्व मुख्यमंत्री और मौजूदा केंद्रीय मंत्री मनोहरलाल खट्टर की प्रतिक्रिया के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया है. इसे भाजपा की अंदरूनी राजनीति से भी जोड़कर देखा जा रहा है.
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Haryana BJP CM Face: हरियाणा विधानसभा चुनाव में तीसरी बार लगातार सत्ता में वापसी की कोशिशों में जुटी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में टिकट चाहने वाले नेताओं की बगावत के बाद अब मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर बयानबाजी तेज हो गई है. केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के सीएम पद के लिए खुलकर दावेदारी करने और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर की प्रतिक्रिया को लेकर राजनीतिक चर्चाएं तेज हो गई हैं.
राव इंद्रजीत सिंह की बातों पर खट्टर ने दी अमित शाह के ऐलान की दुहाई
एक पत्रकार के सवाल का जवाब देते हुए राव इंद्रजीत सिंह ने सोमवार को कहा था कि यह उनकी नहीं बल्कि जनता की इच्छा है कि वह मुख्यमंत्री बनें. उन्होंने कहा था, "आज भी लोग चाहते हैं कि मैं (राव) मुख्यमंत्री बनूं." उनके इस बयान की ओर ध्यान दिलाये जाने पर केंद्रीय मंत्री खट्टर ने कहा कि अगर कोई दावा करना चाहता है तो कर सकता है. खट्टर ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पहले ही मंच से घोषणा कर चुके हैं कि चुनाव सीएम नायब सैनी के नेतृत्व में लड़ा जाएगा.
मनोहरलाल खट्टर बोले- हरियाणा में तीसरी बार सरकार बनाएगी भाजपा
मनोहरलाल खट्टर ने दावा किया कि पांच अक्टूबर को होने वाले हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पहले से भी बड़ी हार की ओर बढ़ रही है और भारतीय जनता पार्टी लगातार तीसरी बार सरकार बनाएगी. खट्टर ने कुरुक्षेत्र जिले की लाडवा सीट से चुनाव लड़ रहे मुख्यमंत्री नायब सैनी के नामांकन पत्र दाखिल करने के मौके पर राव इंद्रजीत सिंह के बयान पर प्रतिक्रिया दी. जबकि, हरियाणा के काफी सीनियर नेता राव इंद्रजीत सिंह को भाजपा में मनोहरलाल खट्टर का काफी करीबी माना जाता है.
राव इंद्रजीत सिंह की बेटी को टिकट मिलने पर दिग्गज नेता का इस्तीफा
दूसरी ओर, हरियाणा की अटेली विधानसभा सीट से केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती राव को भाजपा ने अपना उम्मीदवार बनाया है. इससे नाराज होकर भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश उपाध्यक्ष और पूर्व डिप्टी स्पीकर संतोष यादव ने मंगलवार को पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया. वह भी अटेली विधानसभा सीट से टिकट मांग रही थी. संतोष यादव ने अपने इस्तीफे में बिना नाम लिए राव इंद्रजीत सिंह और उनकी बेटी पर सवाल उठाते हुए अपनी नाराजगी जाहिर की.
नाम लिए बगैर को राव इंद्रजीत सिंह और उनकी बेटी पर सियासी हमला
उन्होंने लिखा, '... ऐसे समर्पित कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर उन व्यक्तियों को प्राथमिकता दी जा रही है, जिन्होंने न तो पार्टी के लिए काम किया और न ही अपने विधानसभा क्षेत्र के नागरिकों के लिए. यह स्थिति अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है और इससे पार्टी के कार्यकर्ताओं में निराशा एवं असंतोष फैल रहा है. मुझे अत्यधिक कष्ट के साथ यह स्वीकार करना पड़ रहा है कि पार्टी अब व्यक्ति विशेष के अहंकार के आगे झुक गई है. इससे पार्टी के लोकतांत्रिक मूल्यों और सिद्धांतों पर गंभीर आघात लगा है..." इस्तीफे की भाषा और कंटेंट को राव इंद्रजीत सिंह के विरोधी कैंप का बड़ा हमला माना जा रहा है.
मुख्यमंत्री नहीं बन पाने के अपने दर्द को छिपा नहीं पाए राव इंद्रजीत सिंह
रेवाड़ी में राव इंद्रजीत सिंह मुख्यमंत्री न बन पाने को लेकर अपने दर्द को छिपा नहीं पाए. भाजपा प्रत्याशी लक्ष्मण सिंह यादव के नामांकन समारोह में भाग लेने पहुंचे सिंह ने हालांकि, बाद में अपने शीर्ष नेतृत्व का धन्यवाद किया और कहा कि मिलकर चुनाव लड़ेंगे और फिर जीतेंगे. रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने याद दिलाया, "दक्षिणी हरियाणा ने पिछली बार और उसके पिछली बार अगर भाजपा का सहयोग नहीं किया होता तो मनोहरलाल खट्टर दो बार मुख्यमंत्री नहीं बनते.'' दूसरी ओर राव इंद्रजीत सिंह के समर्थकों ने उन्हें मुख्यमंत्री पद के चेहरे की तरह पेश करना शुरू कर दिया.
कौन हैं राव इंद्रजीत सिंह? हरियाणा की राजनीति में क्या है उनका कद
राव इंद्रजीत सिंह तत्कालीन रेवाड़ी राज्य के शाही परिवार के वंशज, राजनेता और भारत सरकार में स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री हैं. वह मौजूदा 18वीं लोकसभा के सदस्य के तौर पर हरियाणा के गुरुग्राम सीट से भाजपा के टिकट पर चुने गए हैं. लोकसभा चुनाव 2024 में जीत के बाद वह पीएम नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल में राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाए गए. हरियाणा की राजनीति में असर की बात करें तो अहीरवाल क्षेत्र में सात दशकों से सक्रिय राव बीरेंद्र सिंह से शुरू हुआ राजपरिवार सबसे प्रभावशाली है.
स्वतंत्रता सेनानी राजा के वंशज, पढ़ाई और खेल में भी लगातार अव्वल
राव इंद्रजीत सिंह का जन्म 11 फरवरी 1951 को तत्कालीन राज्य रेवाड़ी (अहिरवाल) के इसी राजपरिवार में हुआ था. हरियाणा के दूसरे मुख्यमंत्री राजा राव बीरेंद्र सिंह के बेटे राव इंद्रजीत सिंह ने लॉरेंस स्कूल, सनावर से स्कूली शिक्षा ली और लॉ फैकल्टी, दिल्ली विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री हासिल की है. वह 1857 में भारत के पहले स्वतंत्रता संग्राम के स्वतंत्रता सेनानी राजा राव तुला राम के वंशज हैं.
खेल के मशहूर हरियाणा की बड़ी हस्ती राव इंद्रजीत सिंह 1990 से 2003 तक भारतीय निशानेबाजी टीम के सदस्य थे. उन्होंने राष्ट्रमंडल निशानेबाजी चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था. राव इंद्रजीत सिंह लगातार तीन वर्षों तक स्कीट में राष्ट्रीय चैंपियन भी रहे. इसके अलावा उन्होंने SAF खेलों में तीन स्वर्ण पदक जीते.
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राजनीति में 1977 से सक्रिय, 2014 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए
राव इंद्रजीत सिंह 1977 के बाद चार बार हरियाणा विधानसभा में विधायक रहे. इसके बाद 1998 से लेकर 2009 तक, तीन बार कांग्रेस की टिकट पर लोकसभा का चुनाव जीता. इस दौरान वे पर्यावरण, वन, चिकित्सा और तकनीकी शिक्षा के लिए कैबिनेट मंत्री और विदेश राज्य मंत्री जैसे पदों पर रहे. 2014 में राव ने कांग्रेस को छोड़ भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा और 2014, 2019 और 2024 में फिर से लोकसभा पहुंचे. इसके बाद, वे रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री, योजना राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), कॉर्पोरेट मामलों के राज्य मंत्री बने.
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भाजपा ने लोकसभा चुनाव से पहले हरियाणा में मुख्यमंत्री को बदला था
हरियाणा में सभी 90 विधानसभा सीटों पर 5 अक्टूबर को वोटिंग होगी. इसके तीन दिन बाद 8 अक्टूबर को मतगणना के साथ ही नतीजे घोषित किए जाएंगे. हरियाणा में सत्तारूढ़ भाजपा मे अब तक जारी दो लिस्टों में 88 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है. फिलहाल दो सीटें होल्ड पर रखी हैं जिन पर आने वाले दिनों में उम्मीदवारों की घोषणा की जा सकती है. भाजपा ने लोकसभा चुनाव 2024 से पहले मार्च महीने में हरियाणा में अपने मुख्यमंत्री को बदल दिया था.