What is Gold ETF: द‍िवाली से पहले धनतेरस के मौके पर सोना खरीदना शुरू माना जाता है. अलग-अलग लोग अपनी पॉकेट के ह‍िसाब से सोने और चांदी के आभूषण खरीदते हैं. लेक‍िन इस बार सोने और चांदी दोनों में ही र‍िकॉर्ड तेजी है. सोना 80000 तो चांदी एक लाख रुपये के आंकड़े के पार कर गई है. ऐसे में अगर आप धनतेरस पर गोल्‍ड लेने का प्‍लान कर रहे हैं तो आपको सोने के गहने खरीदने चाह‍िए या फ‍िर गोल्‍ड ईटीएफ में न‍िवेश करना चाह‍िए. आपके ल‍िए न‍िवेश के ल‍िहाज से क्‍या सही रहेगा? यह जानने के ल‍िए आपको पहले यह पता होना चाह‍िए क‍ि दोनों में बेस‍िक अंतर क्‍या है?


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गोल्‍ड और गोल्‍ड ईटीएफ में अंतर


फ‍िज‍िकल गोल्‍ड का सीधा सा मतलब सोने के स‍िक्‍कों, बार या ज्‍वैलरी में क‍िया गया न‍िवेश है. फ‍िज‍िकल गोल्‍ड किसी व्यक्ति या संगठन के पास होता है. इसके उल्‍ट गोल्‍ड ईटीएफ ऐसा न‍िवेश है जो शेयर बाजार में खरीदा या बेचा जा सकता है. दूसरा अंतर यह है क‍ि फ‍िज‍िकल गोल्‍ड मैन्‍युफैक्‍चर‍िंग और स्‍टोरेज एक्‍सपेंस के कारण महंगा होता है. दूसरी तरफ गोल्‍ड ईटीएफ कम खर्चीला होता है. गोल्‍ड ईटीएफ लेने पर ब्रोकरेज फीस का खर्च है, जो खरीद और बिक्री के समय देना होता है. इसके अलावा फ‍िज‍िकल गोड को बेचकर जल्दी से नकदी में बदलना मुश्किल हो सकता है. लेकिन, गोल्‍ड ईटीएफ को शेयर मार्केट में आसानी से बेचकर पैसा मिल जाता है.


गोल्‍ड या गोल्‍ड ईटीएफ, कौन सा ज्‍यादा बेहतर?
निवेशकों को गोल्‍ड ईटीएफ ज्यादा पसंद आता है क्योंकि इसे आसानी से खरीदा और बेचा जा सकता है. इसमें क‍िसी तरह का छिपा हुआ खेल नहीं होता और यह फ‍िज‍िकल गोल्‍ड के मुकाबले सस्ता होता है. जानकारों का यह भी कहना है क‍ि बाजार को उम्‍मीद है क‍ि अमेरिका की सरकार जल्द ही ब्याज दर कम कर सकती है, ज‍िससे गोल्‍ड ईटीएफ का प्राइस बढ़ सकता है.


गोल्‍ड एक सुरक्षित निवेश विकल्प बन गया
ग्रांट थॉर्नटन भारत के पार्टनर रामकुमार एस कहते हैं क‍ि गोल्‍ड एक सुरक्षित निवेश विकल्प बन गया है. महंगाई बढ़ रही है और देशों के बीच तनाव बढ़ रहा है. लेक‍िन गोल्‍ड ज्‍वैलरी को बनाने, रखने और इंश्‍योरेंस कराने में खर्चा काफी होता है. इसमें न‍िवेश पर शुरू में काफी ज्‍यादा लागत होती है. सबसे बड़ी समस्या यह है कि सोने को जल्दी बेचकर नकदी में बदलना मुश्किल हो सकता है. दूसरी तरफ गोल्‍ड ईटीएफ खरीदने में कम पैसा खर्च होता है और इसे आसानी से बेचकर पैसा मिल जाता है. फ‍िज‍िकल गोल्‍ड की तरफ इसमें कोई छिपा हुआ खर्च नहीं है. इसके अलावा, गोल्‍ड ईटीएफ का रेट जल्दी पता चल जाता है, जबकि फ‍िज‍िकल गोल्‍ड का रेट पता करने में समय लग सकता है.


हमेशा फ‍िज‍िकल गोल्‍ड की कीमत से कम रेट
गोल्‍ड ईटीएफ का दाम इस बात पर निर्भर करता है कि कितने लोग इसे खरीदना चाहते हैं और कितना गोल्‍ड मार्केट में उपलब्ध है. अगर ज्यादा लोग खरीदना चाहेंगे तो कीमत बढ़ेगी और यद‍ि कम लोग खरीदना चाहेंगे तो कीमत घटेगी. गोल्‍ड ईटीएफ की कीमत हमेशा फ‍िज‍िकल गोल्‍ड की कीमत से कम होगी. लेकिन, गोल्‍ड ईटीएफ को आसानी से बेचा जा सकता है और इसे रखने में कोई खर्च नहीं आता है. यही कारण है क‍ि न‍िवेश के मकसद से गोल्‍ड लेने वाले ज्‍यादातर लोग गोल्‍ड ईटीएफ में निवेश करना पसंद करते हैं. फ‍िज‍िकल गोल्‍ड को बेचकर जल्दी नकदी में बदलना मुश्किल हो सकता है. लेकिन, गोल्‍ड ईटीएफ को शेयर बाजार में बेचकर आसानी से पैसा म‍िल जाता है.


गोल्‍ड या गोल्‍ड ईटीएफ, क‍िसने द‍िया बेहतर र‍िटर्न?
पिछले एक साल के दौरान सोने की कीमत में काफी तेजी आई है. प‍िछले एक साल में सोने का रेट 61,690 रुपये से  चढ़कर 80,420 रुपये प्रत‍ि 10 ग्राम पर पहुंच गया है. इसमें 18,730 रुपये प्रत‍ि 10 ग्राम से ज्‍यादा की तेजी आई है, यह करीब 30.3% प्रतिशत से ज्‍यादा की तेजी है. 23 अक्टूबर, 2021 को सोने की कीमत 47,570 रुपये थी और 23 अक्टूबर, 2024 तक, कीमत बढ़कर 80,420 रुपये हो गई है. इस तरह तीन साल के दौरान 32,850 रुपये का इजाफा सोने की कीमत में हुआ. इस तरह तीन साल में इसने करीब 68.9% का रिटर्न द‍िया है. 21 अक्टूबर, 2019 को सोने का रेट 38,500 रुपये पर था, अब यह चढ़कर अक्‍टूबर 2024 में 80,420 रुपये हो गया है. इस तरह इसमें पांच साल के दौरान 41,920 रुपये की तेजी आई है, जो क‍ि 108.9% का र‍िटर्न होता है.