Explainer: कभी `पाकिस्तान राग` गाने वाले खाड़ी के मुल्क अब भारत के करीब आने की कोशिश क्यों कर रहे?
PM Modi Qatar Visit: जो अरब मुल्क कभी इस्लामिक बिरादर होने के नाते पाकिस्तान का ही राग गाते थे. अब वे भारत की धुनों पर झूम रहे हैं. अपने पुराने विवादों को पीछे छोड़कर एक- एक कर खाड़ी देश भारत से दोस्ती बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं.
India Relations with UAE and Qatar: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 13-15 फ़रवरी को संयुक्त अरब अमीरात और कतर के दौरे पर थे. यह दोनों ही देश खाड़ी के ताकतवर देश माने जाते हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब संयुक्त अरब अमीरात की राजधानी अबू धाबी पहुँचे तो एयरपोर्ट पर पीएम मोदी का स्वागत UAE के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन ज़ायेद अल नाहयान ने किया. दोनों देश के नेताओं के बीच द्विपक्षीय वार्ता भी हुई और मुलाक़ात के दौरान की जो तस्वीरें आईं, उससे प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति नाहयान के बीच मज़बूत दोस्ती दिखाई दे रही थी. दोनों नेता एक दूसरे से मुलाक़ात में काफ़ी सहज थे और खुलकर बातचीत कर रहे थे.
स्टेडियम में चारों ओर दिख रहे थे भारतीय
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यूएई के राष्ट्रपति से मुलाक़ात के बाद अबू धाबी के जायेद स्टेडियम में अहलन मोदी कार्यक्रम में हिस्सा लिया, यह कार्यक्रम संयुक्त अरब अमीरात में रहने वाले भारतीय समुदाय की तरफ से आयोजित किया गया था. संयुक्त अरब अमीरात में लगभग 35 लाख की संख्या में भारतीय समुदाय के लोग रहते हैं. पीएम मोदी के स्वागत में ज़ायेद स्टेडियम पूरी तरह से खचाखच भरा था. एक अरब देश में स्टेडियम में चारों तरफ़ सिर्फ़ और सिर्फ़ भारतीय नज़र आ रहे थे, ऐसा लग रहा था कि हम भारत की ही किसी हिस्से में हों.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यक्रम को लेकर भारतीय मूल के नागरिकों में ग़ज़ब का उत्साह दिखाई दे रहा था. भारतीय मूल के नागरिक स्टेडियम में लगातार नारेबाज़ी कर रहे थे. कोई अबकी बार, 400 पार का नारा लगा रहा था तो कोई कह रहा था कि मोदी है तो मुमकिन है. इसके अलावा अबू धाबी का स्टेडियम भारत माता की जय के नारों से गूंज रहा था. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब स्टेडियम में पहुंचे तो UAE सरकार के एक मंत्री ने उनका स्वागत किया.
'भाई' नाहयान को पीएम ने दिया धन्यवाद
प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय मूल के लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच अच्छे संबंधों की कड़ी UAE में रहने वाले भारतीय नागरिक ही हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण के दौरान कहा कि मैं अपने भाई राष्ट्रपति नाहयान का धन्यवाद करना चाहता हूं कि भारतीय नागरिकों का वो अपने देश में इतने अच्छे से ख़्याल रखते हैं. पीएम मोदी ने UAE के राष्ट्रपति के साथ अपने संबंधों के बारे में भी लोगों को विस्तार से बताया.
पीएम मोदी ने कहा कि 2015 में जब वो संयुक्त अरब अमीरात की अपनी पहली यात्रा पर आए तो बीते तीन दशक में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली UAE यात्रा थी. पीएम मोदी ने बताया कि जब उनकी टीम ने राष्ट्रपति नाहयान के सामने अबू धाबी में हिंदू मंदिर का प्रस्ताव रखा तो वो ज़मीन देने के लिए तुरंत तैयार हो गए और आज अबू धाबी में पहला हिंदू बनकर तैयार है. इसके लिए पीएम मोदी ने यूएई की सरकार और राष्ट्रपति का विशेष तौर पर धन्यवाद किया.
अबू धाबी में 27 एकड़ में बना हिंदू मंदिर
दरअसल साल 1997 में BAPS के प्रमुख स्वामी जी महाराज ने यह सपना देखा था कि अबू धाबी में पहला हिंदू मंदिर बनकर तैयार हो, लेकिन वो सपना तब जाकर पूरा हुआ जब नरेन्द्र मोदी 2014 में भारत के प्रधानमंत्री बने. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जिस तरह से राष्ट्रपति नाहयान के लिए ब्रदर (भाई) जैसे शब्दों का प्रयोग करते हैं, यह दिखाता है कि दोनों नेताओं के बीच अच्छी पर्सनल बांडिंग है और यह एक अच्छी दोस्ती भी है. यही वजह है कि नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद UAE के साथ संबंध और ज़्यादा मज़बूत और प्रगाढ़ हुए हैं.
कोई यह कल्पना भी नहीं कर सकता था कि एक इस्लामिक देश में 27 एकड़ जमीन पर भव्य और दिव्य हिंदू मंदिर बनकर तैयार होगा. खास बात ये है कि जिस जमीन पर यह मंदिर बना है, वो ज़मीन UAE की सरकार की तरफ से दान में दी गई है. ना सिर्फ़ जमीन दी गई बल्कि मंदिर निर्माण संबंधित जो भी परमिशन थी, वो भी बिना किसी रूकावट अनवरत मिलती रही. एक तरह से UAE सरकार का एक बड़ा सहयोग रहा और इसी वजह से अबू धाबी में हिंदू मंदिर बनकर तैयार हुए, जिसका उद्घाटन 14 फ़रवरी, 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया.
'मोदी सनातन के ध्वज वाहक'
BAPS संस्था के ब्रह्मबिहारी स्वामी जी महाराज ने बताया कि यह सब कुछ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की वजह से संभव हो पाया, क्योंकि पीएम मोदी की यूएई के राष्ट्रपति के साथ जो दोस्ती है, उस दोस्ती ने यह रास्ता आसान किया. BAPS संस्था ने प्रधानमंत्री मोदी और यूएई के राष्ट्रपति नाहयान का धन्यवाद किया.
अबू धाबी में मंदिर उद्घाटन के वक्त पहुंचे भारतीय मूल के लोगों ने बताया कि उन्हें यक़ीन ही नहीं हो पा रहा है कि अबू धाबी में भी मंदिर बनकर तैयार हो चुका है. भारतीय मूल के लोगों ने इसका पूरा श्रेय प्रधानमंत्री मोदी को दिया. भारतीय मूल के लोगों का कहना है कि पीएम मोदी ने उनका सपना पूरा किया है और एक महिला ने तो यहां तक कह दिया कि मोदी भगवान के अवतार हैं, इसीलिए वो भारत के आध्यात्म और सनातन को पूरी दुनिया तक पहुंचा रहे हैं. भारतीय मूल की महिला ने कहा कि मोदी सनातन के ध्वज वाहक हैं.
UAE में ऑपरेशनल होगा UPI
इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी अपनी यूएई यात्रा के दौरान दुबई भी गए, जहाँ पर उन्होंने वर्ल्ड गवर्नमेंट समिट को संबोधित किया और दुबई के अमीर के साथ द्विपक्षीय मुलाक़ात भी की. पीएम मोदी ने दोनों देशों के बीच कई अहम समझौते भी किए. सबसे ख़ास बात यह रही है कि संयुक्त अरब अमीरात ने UPI के इस्तेमाल पर सहमति व्यक्त कर दी है. आने वाले दिनों में आप UAE में भी UPI का इस्तेमाल कर पाएँगे.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अगले 3 महीने में UAE में भारतीय UPI ऑपरेशनल हो जाएगा. पीएम मोदी ने दुबई में भारत मार्ट भी लॉंच किया और भारतीयों के कल्याण से संबंधित कई प्रस्तावों को भी हरी झंडी मिली.
कतर के अमीर ने किया भव्य स्वागत
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 14 फ़रवरी को अबू धाबी से सीधे कतर की राजधानी दोहा के लिए रवाना हो गए. देर रात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोहा पहुंचे और वहां पर भी बड़ी संख्या में भारतीयों ने पीएम मोदी का स्वागत किया. इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कतर के अमीर तमीम बिन हमद के साथ द्विपक्षीय मुलाक़ात की.
कतर के अमीर ने बेहद गर्मजोशी के साथ प्रधानमंत्री मोदी का दोहा में स्वागत किया और पीएम मोदी को गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया. इस दौरान भारत और कतर के द्विपक्षीय संबंधों पर दोनों नेताओं ने चर्चा की. दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी अपने विचार साझा किए.
8 भारतीयों को छोड़ने से रिश्तों में गर्मजोशी
यह मुलाक़ात इसलिए भी काफ़ी अहम हो जाती है क्योंकि 12 फ़रवरी, 2024 को ही कतर ने 8 भारतीयों को रिहा कर दिया था, जिनमें से 7 भारतीय 13 फ़रवरी की सुबह दिल्ली पहुँच चुके थे. इन 8 भारतीय नागरिकों को कतर में फाँसी की सज़ा सुनाई गई थी और इनके परिवारजन लगातार भारत सरकार से इनकी वापसी की मांग कर रहे थे.
भारत के विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस केस पर व्यक्तिगत तौर पर नज़र बनाए हुए थे. हालाँकि कतर की न्यायिक प्रक्रिया के साथ ही भारतीयों की रिहाई हुई लेकिन विदेश मामलों के जानकार का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अरब देशों यानि खाड़ी के मुल्कों में जो साख बढ़ी है, ये उसका नतीजा है कि कतर ने 8 भारतीयों को रिहा किया. यह भारत और प्रधानमंत्री मोदी की बड़ी कूटनीतिक सफलता मानी जा रही है.
भारत की बढ़ती अहमियत को पहचान रहे मुस्लिम देश
कुछ जानकारों का यह भी कहना है कि भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था को खाड़ी के मुल्क अच्छी तरह से देख रहे हैं, इसलिए भी अरब देश भारत के साथ अपने संबंध और मज़बूत करने के पक्ष में रहते हैं. इसके अलावा सितंबर, 2023 में जब नई दिल्ली में G20 शिखर सम्मेलन का आयोजन हुआ था, तब इंडिया मिडिल ईस्ट और यूरोप आर्थिक गलियारे का ऐलान हुआ. उस मौक़े पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दाहिनी तरफ सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस तो बायीं तरफ़ अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन खड़े थे. पीएम मोदी ने दोनों नेताओं को एक साथ खड़ा किया. क्योंकि सऊदी और अमेरिका के बीच संबंध ठीक नहीं चल रहे थे.
इसके साथ ही खाड़ी के देश यह अच्छी तरह जानते हैं कि भारतीय नागरिकों का हुनर उनकी देश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में बहुत कारगर है. अरब देशों को यह भी पता है कि खाड़ी देशों में रहने वाले भारतीय मूल के नागरिकों का प्रधानमंत्री मोदी पर अटूट भरोसा है. इसीलिए खाड़ी के देश अपनी अर्थव्यवस्था को देखते हुए भी भारत के साथ बेहतर संबंध बनाए रखना चाहते हैं. यही वजह है कि आज खाड़ी के देश ब्रांड मोदी पर भरोसा कर रहे हैं. खाड़ी देशों के साथ भारत के रिश्ते दिन प्रतिदिन नए आयाम लिख रहे हैं और खाड़ी मुल्कों में मोदी एक विश्वसनीय नेता के तौर पर जाने जाते हैं.
अरब देशों ने उतार दिया है 'पाकिस्तानी चश्मा'
बताते चलें कि खाड़ी के मुस्लिम देश लंबे वक्त पाकिस्तान के घनिष्ठ साथी रहे थे. वे भारत को भी पाकिस्तान के नजरिए से देखते थे. पाकिस्तान के नेता और वहां की सेना जैसा इन खाड़ी देशों को फीड करते थे, वे उसी पर भरोसा कर लेते थे. इसके चलते लंबे वक्त तक खाड़ी देशों और भारत के रिश्तों में ठंडापन रहा. नरेंद्र मोदी जब देश के पीएम बने तो उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था में खाड़ी देशों के योगदान को देखते हुए उनसे संबंध सुधारने शुरू किए.
उन देशों के नेताओं के साथ पर्सनल कैमिस्ट्री बनाकर उभरते भारत से जुड़ने के फायदों के बारे में बताया गया. साथ ही बेहतर रिटर्न पाने के लिए उन्हें भारत में निवेश करने को प्रेरित किया गया. धीरे- धीरे पीएम मोदी की रणनीति काम करने लगी और खाड़ी के मुस्लिम देशों ने पाकिस्तान का चश्मा उतारकर भारत के साथ अपने संबंधों को खास तरजीह देनी शुरू कर दी. जिसका नतीजा अब सबके सामने आ रहा है.