Ram Leela Maidan Rally: आज दिल्ली के रामलीला मैदान में I.N.D.I.A. गठबंधन की महारैली है. जरा याद कीजिए रामलीला मैदान को ये दिल्ली का वही मैदान है जहां से कभी अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने अपनी राजनीति की शुरुआत की थी. ये वही रामलीला मैदान है जब अरविंद केजरीवाल ने अन्ना आंदोलन के सारथी बने थे. अन्ना हजारे के साथ अरविंद केजरीवाल साए की तरह मंच पर बने रहते थे. इसी रामलीला मैदान से अरविंद केजरीवाल राजनीति के माहिर खिलाड़ी बने और दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारी भरकम वोटों से कांग्रेस और बीजेपी को धूल चटा दी. इसी रामलीला मैदान में दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. तो क्या आज रामलीला मैदान में एक अलग तस्वीर देखने को मिलेगी? सवाल है कि क्या सुनीता केजरीवाल राजनीति की शुरुआत करेंगी?


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जब अरविंद केजरीवाल बड़ा चेहरा बनकर उभरे


साल 2011 में लोकपाल बिल की मांग को लेकर समाजसेवी अन्ना हजारे ने जंतर-मंतर पर भूख हड़ताल की थी. इसके बाद अन्ना हजारे के नेतृत्व में रामलीला मैदान में बड़ा आंदोलन हुआ था, उसमें लाखों लोग जुटे थे. लोकपाल की मांग को लेकर सरकार के सामने अड़े रहे. इस बीच, अरविंद केजरीवाल बड़ा चेहरा बनकर उभरे. इस दौरान, अन्ना हजारे का साफ कहना था कि वह राजनीतिक पार्टी नहीं बनाएंगे.


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कैसे बनी आम आदमी पार्टी?


लेकिन, दूसरी तरफ अरविंद केजरीवाल ने नई राजनीति पार्टी बनाने की ठानी. अन्ना हजारे को काफी मनाने की कोशिश की. लेकिन वह नहीं माने. इसके बाद अरविंद केजरीवाल और अन्ना हजारे की राहें जुदा हो गईं. इसके बाद 2012 में अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी बनाई गई. 2013 में आम आदमी पार्टी दिल्ली के विधानसभा चुनाव में उतरी और चौंका दिया. आम आदमी पार्टी ने 70 में से 28 सीटें जीत लीं और कांग्रेस के समर्थन से 49 दिन की सरकार चलाई.


फिर रामलीला मैदान तक बात पहुंची...


इसके बाद 2015 में फिर से दिल्ली विधानसभा चुनाव हुआ और दिल्ली में आम आदमी पार्टी की आंधी आ गई. दिल्ली में आप ने 70 में से 67 सीटें जीत लीं. 2020 में भी आप ने बीजेपी और कांग्रेस को हरा दिया. 2020 के चुनाव में 70 में 62 सीटें जीत लीं. आम आदमी पार्टी के नाम ये भी रिकॉर्ड दर्ज हुआ कि वह सबसे कम समय में राष्ट्रीय पार्टी बनने वाली पार्टी बन गई. हालांकि, अभी तो शराब घोटाले के आरोप में अरविंद केजरीवाल ईडी की कस्टडी में है. आम आदमी पार्टी के कई नेता जेल में हैं. और इसके विरोध में इंडिया गठबंधन उसी रामलीला मैदान में रैली कर रहा है, जहां अरविंद केजरीवाल की राजनीति की शुरुआत हुई थी.


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इंडिया गठबंधन की रैली में कौन-कौन आएगा?


बताया जा रहा है कि इस महारैली में कांग्रेस से पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के अलावा पूर्व अध्यक्ष सोनिया गंधी और राहुल गांधी शामिल होंगे. इंडिया गठबंधन के दो अहम सहयोगी समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव महारैली में आएंगे. वहीं, महाराष्ट्र से शिवसेना यूबीटी गुट से उद्धव ठाकरे और एनसीपी शरद गुट के सुप्रीमो शरद पवार शिरकत कर सकते हैं.


'तानाशाही हटाओ, लोकतंत्र बचाओ'


इसके अलावा झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरन के भी रैली में शामिल होने की उम्मीद है. नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला सहित 28 पार्टियों के नेता भी इसमें शामिल होंगे. इंडिया गठबंधन के नेता महारैली के लिए 'तानाशाही हटाओ, लोकतंत्र बचाओ' का नारा दे रहे हैं.


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आपको बता दें कि आम आदमी पार्टी दिल्ली में होनी महारैली को सफल बनाने की जोरदार तैयार कर रही है. पार्टी के नेता घर-घर जाकर लोगों को रैली में आने का निमंत्रण दे रहे हैं. साथ ही पार्टी ने अरविंद केजरीवाल को समर्थन देने के लिए एक व्हाट्सऐप नंबर भी जारी किया है. माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव से पहले इंडिया गठबंधन रैली के जरिए शक्ति प्रदर्शन की तैयारी में है और वो एकजुटता दिखाने की कोशिश भी कर रही है.