Ayurvedic remedies for cold and cough: उत्तर भारत के राज्यों में सर्दी का मौसम शुरू हो गया है. ऐसे में वायरल संक्रमण और खांसी-जुकाम आम समस्या बन गई है. खांसी एक ऐसी समस्या है, जो कई लोगों को परेशान करती है. खांसी के कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि सर्दी-जुकाम, एलर्जी, धूल-मिट्टी का संपर्क, तम्बाकू का सेवन आदि. खांसी के कारण सांस लेने में परेशानी हो सकती है और नींद में खलल पड़ सकता है.


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आयुर्वेद में खांसी को कफ दोष से संबंधित माना जाता है. आयुर्वेदिक मेडिकल सिस्टम में खांसी के इलाज के लिए कई प्राकृतिक उपाय बताए गए हैं. इन उपायों को अपनाकर आप खांसी से राहत पा सकते हैं.


खांसी को ठीक करने के आयुर्वेदिक उपाय


मुलेठी
मुलेठी एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जो खांसी के लिए बहुत फायदेमंद है. मुलेठी का काढ़ा बनाकर पीने से खांसी और कफ से राहत मिलती है.


तुलसी
तुलसी भी खांसी के लिए एक प्रभावी आयुर्वेदिक उपाय है. तुलसी की पत्तियों का काढ़ा बनाकर पीने से खांसी और जुकाम से राहत मिलती है.


अदरक
अदरक में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं. अदरक की चाय पीने से खांसी और गले में खराश से राहत मिलती है.


शहद
शहद में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं. शहद को गर्म पानी या दूध में मिलाकर पीने से खांसी और गले में खराश से राहत मिलती है.


लहसुन
लहसुन में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुण होते हैं. लहसुन की कली को चबाने या लहसुन की चाय पीने से खांसी और जुकाम से राहत मिलती है.


आहार में बदलाव
खांसी के दौरान अपने आहार में कुछ बदलाव करने से भी राहत मिल सकती है. खांसी के दौरान गर्म और तरल पदार्थों का ज्यादा सेवन करें तो वहीं, ठंडे और खट्टे पदार्थों से बचें. अपनी डाइट में विटामिन सी और एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर फलों और सब्जियों को शामिल करें.


अन्य उपाय
- धूम्रपान से बचें. धूम्रपान से खांसी और गले में खराश बढ़ सकती है.
- पर्याप्त नींद लें. पर्याप्त नींद लेने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है और खांसी से लड़ने में मदद मिलती है.
- हाइड्रेटेड रहें. खूब सारा पानी और अन्य तरल पदार्थ पीने से शरीर में पानी की कमी नहीं होती है और खांसी से राहत मिलती है.