मलेरिया से हर साल 6 लाख मौत, दुनियाभर के लोगों के लिए उम्मीद बनी ये वैक्सीन
Vaccine For Malaria: मलेरिया से हर साल लाखों लोगों की मौत होती है. हाल ही में इससे बचाव के लिए एक नयी वैक्सीन तैयार की गयी है. उम्मीद की जा रही है कि इससे लोगों की जिंदगी को बचाने में काफी हद तक कामयाबी हाथ लग सकती है.
मच्छरों के जरिए फैलने वाली मलेरिया से हर साल दुनियाभर में लगभग 6,08,000 लोगों की जान चली जाती है. इस बीमारी के खिलाफ अब एक नई उम्मीद जगी है, क्योंकि हाल ही में किए गए एक छोटे क्लीनिकल ट्रायल में यह पाया गया है कि एक नई वैक्सीन मलेरिया से सुरक्षा प्रदान करने में प्रभावी और सुरक्षित साबित हुई है.
इस वैक्सीनेशन के लिए एक आनुवंशिक रूप से संशोधित प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम पैरासाइट का उपयोग किया गया है, जिसे 'जीए2' नाम दिया गया है. नीदरलैंड के लीडन यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर और रैडबाउड यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए इस ट्रायल के परिणामों से यह साबित हुआ है कि यह वैक्सीन मलेरिया से लड़ने में बेहद प्रभावी हो सकती है और मलेरिया के खिलाफ सुरक्षा प्रदान कर सकती है.
क्लीनिकल ट्रायल का रिजल्ट
इस अध्ययन में 25 स्वस्थ वयस्कों को शामिल किया गया, जिनमें से किसी को भी पहले मलेरिया का संक्रमण नहीं हुआ था. इन प्रतिभागियों को आनुवंशिक रूप से संशोधित पी. फाल्सीपेरम पैरासाइट (जीए2) से टीका लगाया गया, जिसे यकृत में लंबे समय तक विकसित करने के लिए डिजाइन किया गया था. इस ट्रायल के दौरान, 10 प्रतिभागियों को जीए2 समूह में, 10 को जीए1 समूह में और 5 को प्लेसबो समूह में रखा गया था. तीनों समूहों को तीन बार 28 दिन के अंतराल पर टीका लगाया गया.
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इसके बाद, जीए2 और जीए1 समूहों के प्रतिभागियों को पी. फाल्सीपेरम पैरासाइट से संक्रमित मच्छरों के संपर्क में लाया गया, जबकि प्लेसबो समूह के प्रतिभागियों को असंक्रमित मच्छरों के संपर्क में लाया गया. अंत में, सभी प्रतिभागियों को नियंत्रित मलेरिया संक्रमण के संपर्क में लाया गया, ताकि यह देखा जा सके कि वैक्सीन कितनी सुरक्षा प्रदान करती है.
वैक्सीन की प्रभावशीलता
इस अध्ययन के परिणाम न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित हुए, जिनमें यह पाया गया कि जीए2 समूह के 89% प्रतिभागियों को मलेरिया से सुरक्षा मिली. वहीं, जीए1 समूह में केवल 13% प्रतिभागियों को सुरक्षा मिली, और प्लेसबो समूह में किसी भी व्यक्ति को सुरक्षा नहीं मिली. इससे यह स्पष्ट होता है कि जीए2 वैक्सीन मलेरिया के खिलाफ उच्च स्तर की सुरक्षा प्रदान करती है.
सुरक्षित और प्रभावी वैक्सीनेशन
इस वैक्सीन की सबसे खास बात यह है कि जीए2 समूह के किसी भी प्रतिभागी को टीकाकरण के बाद मलेरिया का संक्रमण नहीं हुआ, जिससे यह साबित होता है कि यह वैक्सीन न केवल प्रभावी बल्कि सुरक्षित भी है. शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि जीए2 समूह के प्रतिभागियों में एक मजबूत इम्यून प्रतिक्रिया (प्रो-इन्फ्लेमेटरी रिस्पांस) देखी गई, जो इस वैक्सीनेशन की सुरक्षा को और मजबूत करती है. इसके अलावा, जीए2 और जीए1 दोनों समूहों ने समान स्तर के एंटीबॉडी बनाए, लेकिन जीए2 ने अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान की, जिसका मुख्य कारण सेलुलर इम्यून सिस्टम की प्रतिक्रिया को माना गया.
आने वाले समय की उम्मीद
यह ट्रायल मलेरिया के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है. अगर इस वैक्सीनेशन की प्रभावशीलता को भविष्य के बड़े परीक्षणों में भी पुष्टि मिलती है, तो यह मलेरिया के इलाज और रोकथाम में एक महत्वपूर्ण उपकरण बन सकता है. मलेरिया जैसी घातक बीमारी से बचाव के लिए यह नई वैक्सीन एक बड़ी उम्मीद के रूप में सामने आई है और इससे वैश्विक स्वास्थ्य प्रणाली में मलेरिया के प्रभाव को कम करने में मदद मिल सकती है.
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-एजेंसी-
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