एक नए अध्ययन के अनुसार आपका ब्लड ग्रुप बता सकता है कि क्या आपको स्ट्रोक होने का खतरा है. जब इस्केमिक स्ट्रोक होता है, तो दिमाग के हिस्से में खून की आपूर्ति कम या बाधित हो सकती है. इससे दिमाग के टिशू को ऑक्सीजन और पोषक तत्व नहीं मिल पाते, जिससे दिमाग के सेल्स मिनटों में मर सकती हैं. ये निष्कर्ष युवाओं में स्ट्रोक की भविष्यवाणी और रोकथाम के नए तरीके विकसित करने में मदद कर सकते हैं. मुख्य रूप से ब्लड चार प्रकार के होते हैं- ए, बी, एबी और ओ. एक व्यक्ति का ब्लड ग्रुप उनके माता-पिता से विरासत में मिले जीन से निर्धारित होता है.


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किसे है ज्यादा खतरा?
शोधकर्ताओं ने पाया कि अन्य ब्लड ग्रुप वाले लोगों की तुलना में टाइप ए ब्लड वाले लोगों में 60 वर्ष की आयु से पहले स्ट्रोक पड़ने की संभावना अधिक होती है. एक शोधकर्ता ने बताया कि हम अभी भी नहीं जानते हैं कि ब्लड ग्रुप ए वाले लोगों में इसका खतरा अधिक क्यों हैं. हालांकि इसकी संभावना प्लेटलेट्स और सेल्स जैसे खून के थक्के के साथ कुछ है, जो ब्लड वेसेल्स के साथ-साथ अन्य सर्कुलेटिंग प्रोटीनों को रेखांकित करते हैं. उन्होंने आगे बताया कि विशेष रूप से हमारे मेटा-विश्लेषण से पता चलता है कि ए और ओ ब्लड ग्रुप से जुड़े जीन वेरिएंट शुरुआती स्ट्रोक से आनुवंशिक रूप से लिंक हैं. इन जीन वेरिएंट वाले लोगों में खून के थक्के बनने की संभावना अधिक हो सकती है, जिससे स्ट्रोक हो सकता है.


अतिरिक्त स्क्रीनिंग या मॉनिटरिंग की जरूरत नहीं
शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन लोगों के जीनोम ए ब्लड ग्रुप की भिन्नता के लिए कोड किए गए थे, उनमें 60 साल की उम्र से पहले स्ट्रोक होने का खतरा अन्य ब्लड ग्रुप के लोगों की तुलना में 16 प्रतिशत अधिक था. हालांकि, उन्होंने कहा कि टाइप ए ब्लड वाले लोगों में स्ट्रोक का ज्यादा खतरा न्यूनतम है, इसलिए अतिरिक्त जांच या निगरानी की कोई आवश्यकता नहीं है.


स्ट्रोक के लक्षण


  • चेहरे, हाथ या पैर में अचानक सुन्नपन या कमजोरी, खासकर शरीर के एक तरफ में

  • अचानक कंफ्यूजन, बोलने में परेशानी या बोली समझने में कठिनाई.

  • एक या दोनों आंखों से देखने में परेशानी होना.

  • अचानक चलने में परेशानी, चक्कर आना या संतुलन खोना.


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