अमेरिकी दवा निर्माता फाइजर और जर्मन पार्टनर BioNTech की अपडेटेड कोविड-19 वैक्सीन से ब्रेन स्ट्रोक का खतरा है. ये दावा अमेरिकी स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा विश्लेषण किए गए प्रारंभिक आंकड़ों के अनुसार किया गया है. अमेरिका के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) और फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने कहा कि एक सीडीसी वैक्सीन डेटाबेस ने एक संभावित सुरक्षा मुद्दे को उजागर किया था जिसमें 65 और उससे अधिक उम्र के लोगों को फाइजर/बायोएनटेक वैक्सीन लेने के 21 दिनों के बाद इस्केमिक स्ट्रोक होने की अधिक संभावना थी.


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इस्केमिक स्ट्रोक को ब्रेन इस्किमिया (brain ischemia) भी कहा जाता है. यह दिमाग में खून ले जाने वाली धमनियों में रुकावट के कारण होता है. एफडीए और सीडीसी ने कहा कि अन्य बड़े अध्ययन, CDC के वैक्सीन एडवर्स इवेंट रिपोर्टिंग सिस्टम, अन्य देशों के डेटाबेस और फाइजर-बायोएनटेक के डेटाबेस ने इस सुरक्षा मुद्दे को चिह्नित नहीं किया था क्योंकि इसके लिए ज्यादा जांच की आवश्यकता है. सीडीसी के एक अधिकारी ने बताया कि जब हमें कोई संकेत मिलता है तो हम इसे सिस्टम के अन्य हिस्सों में ढूंढते हैं, जो हमने किया. इसमें सीडीसी के वैक्सीन सेफ्टी डेटा लिंक में इस्केमिक स्ट्रोक का लिंक देखा गया था.


फाइजर और बायोएनटेक ने एक बयान में कहा कि उन्हें वैक्सीनेशन के बाद 65 और उससे अधिक उम्र के लोगों में इस्केमिक स्ट्रोक की सीमित रिपोर्ट के बारे में अवगत कराया गया है. कंपनी ने आगे बताया कि न तो फाइजर और बायोएनटेक और न ही सीडीसी या एफडीए ने अमेरिका और दुनिया भर में कई अन्य निगरानी प्रणालियों में समान निष्कर्ष देखे हैं और यह निष्कर्ष निकालने के लिए कोई सबूत नहीं है कि इस्कीमिक स्ट्रोक कंपनियों के कोविड-19 टीकों के उपयोग से जुड़ा है. न्यूज एजेंसी के मुताबिक, CDC और FDA ने सिफारिश की है कि छह महीने से अधिक उम्र के सभी लोग पूरी तरह वैक्सीनेशन कराएं.


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