दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल को डायबिटीज की बीमारी है. जिसके कारण उन्हें बहुत ही संतुलित जीवनशैली का पालन करना होता है. ऐसे में मार्च में गिरफ्तारी के बाद उनका वजन बहुत ही तेजी से कम होने लगा था. 

 

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इससे वह अभी भी रिकवर नहीं हो पाए हैं. इसके साथ ही टेस्ट में बॉडी का कीटोन लेवल भी बढ़ा हुआ आया है. जिसे डॉक्टर ने चिंताजनक बताया है. ऐसे में कीटोन लेवल क्या होता है? बॉडी में इसकी मात्रा कितनी होनी चाहिए? डायबिटीज पेशेंट की बॉडी में यदि इसकी मात्रा बढ़ जाए तो क्या होगा? जैसे सवालों के जवाब जानना आपकी सेहत के लिए भी बहुत जरूरी है.  

 

क्या होता है कीटोन?

 


क्लीवलैंड क्लिनिक के अनुसार, कीटोन्स एक तरह के एसिड होते हैं, जो फैट बर्निंग के दौरान बॉडी में पैदा होते हैं. वैसे तो बॉडी एनर्जी के लिए ग्लूकोज का इस्तेमाल करती है जो कि डाइट से मिलता है. लेकिन जब ग्लूकोज का प्रोडक्शन कम होता है तो बॉडी एनर्जी के लिए फैट को तोड़ने लगता है. इसके परिणामस्वरूप लीवर में कीटोन्स पैदा होते हैं और खून की नलियों से होते हुए यूरिन के जरिए बॉडी से बाहर निकलते हैं.

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क्यों जरूरी है कीटोन

कीटोन आपके मस्तिष्क और शरीर को ग्लूकोज की अनुपस्थिति में ऊर्जा प्रदान करता हैं. यह एक तरह से बॉडी का बैकअप एनर्जी प्रोडक्शन प्लान होता है. जब एनर्जी का मेन सोर्स यानी का ग्लूकोज की मात्रा बॉडी में कम होती है तो इससे उर्जा प्राप्त किया जाता है.


 



कीटोन कितना होना चाहिए?
 

ब्लड टेस्ट में कीटोन लेवल .6 मिलीमोल प्रति लीटर से कम (mmol/L) नॉर्मल, .6 से 1.5 mmol/L मीडियम रिस्क, 1.6 से 2.9 mmol/L डी.के.ए. का हाई रिस्क और 3.0 mmol/L से अधिक इमरजेंसी की कैटेगरी में आता है. बता दें कीटोन लेवल को दो तरह से चेक किया जाता है- ब्लड टेस्ट और यूरिन टेस्ट. सटीक जानकारी के लिए ब्लड टेस्ट बेहतर होता है. यूरिन टेस्ट में सिर्फ कुछ घंटे पहले तक के कीटोन लेवल का पता चलता है.

 

डायबिटीज में इसकी मात्रा बढ़ जाए तो क्या होगा?
 

एनसीबीआई के अनुसार, कीटोन का हाई लेवल ब्लड को टॉक्सिक और एसिडिटिक बना देता है. यह एक गंभीर स्थिति है जिसे कीटोएसिडोसिस कहा जाता है. डायबिटीज के मरीज में इसके हाई लेवल को डायबिटीज कीटोएसिडोसिस (DKA) कहा जाता है. यदि इसका तुरंत उपचार शुरू ना किया जाए तो इससे मरीज के कोमा में जाने का खतरा बढ़ जाता है. 

 

डायबिटीज कीटोएसिडोसिस के लक्षण
 

बार-बार प्यास लगना

सामान्य से ज्यादा बार पेशाब आना

उल्टी और दस्त

पेट दर्द

त्वचा और मुंह का सूखना

तेज, गहरी सांस आना

सिरदर्द


थकान का भ्रम

 

कीटोन ज्यादा हो तो क्या करें?
 

कीटोन की मात्रा बढ़ने पर प्रतिदिन इंसुलिन और ब्लड शुगर के स्तर की निगरानी करें. एक आहार योजना बनाएं जिसमें ग्लूकोज के स्तर को बढ़ाने के लिए कार्बोहाइड्रेट शामिल हों.  ज्यादा पानी पिएं ताकी कीटोन्स आसानी से शरीर से बाहर निकल सके.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.