Pratapgarh News: छोटीसादड़ी रेलवे लाइन निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण के बाद उचित मुआवजा नहीं मिलने पर किसानों में आक्रोश हैं. इसे लेकर क्षेत्र के अचलपुरा, सेमरड़ा, छोटीसादड़ी, बरेखन, मलावदा, नाराणी सहित अन्य गांवों के किसानों ने रेलवे विभाग के खिलाफ धरना-प्रदर्शन किया और निर्माण कार्य रोक दिया.
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Pratapgarh News: छोटीसादड़ी रेलवे लाइन निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण के बाद उचित मुआवजा नहीं मिलने पर किसानों में आक्रोश हैं. इसे लेकर क्षेत्र के अचलपुरा, सेमरड़ा, छोटीसादड़ी, बरेखन, मलावदा, नाराणी सहित अन्य गांवों के किसानों ने रेलवे विभाग के खिलाफ धरना-प्रदर्शन किया और निर्माण कार्य रोक दिया.
किसानों ने ट्रैक्टर खड़े कर मार्ग अवरुद्ध कर दिया. किसानों का कहना है कि उनकी जमीन रेलवे लाइन के लिए अधिग्रहित की गई. लेकिन मुआवजा बहुत कम तय किया गया. किसानों का आरोप है कि 2014 में एनएचएआई ने एक लाख रुपए प्रति आरी के हिसाब से मुआवजा दिया था. जबकि रेलवे ने इससे बहुत कम दर पर मुआवजा तय किया है.
बार बार ज्ञापन देने और अपील करने के बावजूद उनकी समस्या का समाधान नहीं किया गया. मामला पहले बांसवाड़ा संभागीय आयुक्त, फिर चित्तौडगढ़ जिला कलक्टर के पास भेजा गया. अब इसे जयपुर संभागीय आयुक्त कार्यालय में स्थानांतरित रहा है, जिससे किसानों को बार-बार लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है.
किसानों के विरोध के चलते बड़ीसादड़ी-नीमच रेलवे लाइन का निर्माण कार्य बंद हो गया. किसान तब तक प्रदर्शन जारी रखने पर अड़े है, जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं. किसानों ने प्रशासन पर समस्या के समाधान के बजाय उनकी अपीलों को टालने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि उनकी सुनवाई चित्तौडग़ढ़ या इसके नजदीकी किसी स्थान पर होनी चाहिए, लेकिन मामले को जयपुर स्थानांतरित कर दिया गया। इससे गरीब किसानों को आर्थिक और मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा है.
विरोध-प्रदर्शन के कारण बड़ीसादड़ी-छोटीसादड़ी से नीमच तक बन रही रेलवे लाइन का निर्माण कार्य बंद हो गया है. मौके पर पहुंची पुलिस ने स्थिति को संभालने का प्रयास किया. छोटीसादड़ी एसएचओ तेजकरण चारण के साथ पुलिस जाप्ता मौके पर पहुंचा. सीआई ने किसानों और रेलवे ठेकेदार से बात कर विवाद को सुलझाने का प्रयास किया.
हालांकि, किसानों का कहना है कि जब तक उन्हें उनकी भूमि का उचित मुआवजा नहीं मिलता, तब तक वे विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे. किसानों ने कहा एनएचएआई की दर पर उचित मुआवजा दिया जाए. अपीलों की सुनवाई नजदीकी स्थान पर की जाए. मुआवजा राशि अंडर प्रोटेस्ट जारी कर किसानों को राहत दी जाए. साथ ही किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी समस्याओं का समाधान जल्द नहीं किया गया तो आंदोलन और तेज किया जाएगा.