What To Eat In Fibroids: यूट्रस यानी की बच्चेदानी की दीवारों पर बनने वाली गांठों को फाइब्रॉयड कहा जाता है. मेडिकल भाषा में इसे लियोमायोमा भी कहा जाता है. वैसे तो यह गांठ कैंसर वाली गांठ से अलग होती है लेकिन अनुपचारित छोड़ने पर इसका साइज बढ़ने लगता है जो दिनचर्या को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है. फाइब्रॉयड का जोखिम महिलाओं में मेंस्ट्रुएशन शुरू होने बाद होता है. पर अभी तक फाइब्रॉयड होने के पीछे के सटीक कारणों का पता नहीं लगाया जा पाया है. 


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फाइब्रॉयड के लक्षणों (Symptoms Of Fibroids) में पीरियड्स के दौरान हैवी ब्लीडिंग, पेल्विक एरिया में तेज दर्द, लंबा पीरियड साइकिल शामिल है. हालांकि कुछ मामलों में फाइब्रॉयड के कुछ भी संकेत देखने के लिए नहीं मिलते हैं. वैसे तो इन गांठों को दवा और सर्जरी से ठीक किया जा सकता है. लेकिन कुछ फल ऐसे भी हैं जो इसे नेचुरल रूप से सुखाने का काम करती हैं. यहां हम आपको ऐसे ही कुछ फलों के बारे में बता रहे हैं-


सेब

एनसीबीआई में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, पेक्टिन से भरपूर सेब शरीर में एस्ट्रोजन के स्तर को संतुलित रखने में मदद करता है. जिससे बच्चेदानी में गांठों का ग्रोथ रुक जाता है. इतना ही नहीं नियमित सेवन से फाइब्रॉयड का रिस्क भी कम हो जाता है.


बेरीज

ब्लूबेरी, शहतूत, रास्पबेरी और अंगूर में नेचुरल रेस्वेराट्रोल होता है. वहीं स्टडी से पता चलता है कि रेसवेराट्रोल कोशिका वृद्धि और गर्भाशय फाइब्रॉइड कोशिकाओं को बढ़ने से रोकते हैं.


संतरा (खट्टे फल)

विटामिन सी से भरपूर संतरा जैसे खट्टे फल ना सिर्फ फाइब्रॉएड की ग्रोथ को रोकते हैं. बल्कि इससे होने वाले फर्टिलिटी संबंधित परेशानी को भी करने का काम करते हैं. हर दिन एक से दो खट्टे फल खाने वाली महिलाओं में फाइब्रॉएड का रिस्क दूसरी महिलाओं की तुलना में कम होता है.


अमरूद

अमरूद विटामिन सी, एंटीऑक्सीडेंट, प्रोटीन और डाइटरी फाइबर से भरपूर जो इसे फायब्रॉएड के मरीजों के लिए फायदेमंद बनाता है. इसका नियमित सेवन गांठ के ग्रोथ को रोकने में बहुत कारगर माना जाता है. बता दें कि इसकी पत्तियों का जूस पीरियड्स क्रैंप्स से छुटकारा पाने के लिए इस्तेमाल किया जाते रहा है.


अनार

बच्चेदानी में पड़ी गांठ को ठीक करने में अनार बहुत मददगार साबित होता है. ऐसा इसमें मौजूद एल्लैगिक एसिड के कारण होता है जो फाइब्रॉएड सेल्स के विकास को रोकने का काम करता है.

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Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.