Obesity: मोटापे से बढ़ता है खून के कैंसर का खतरा, रिसर्च में चौंकाने वाला खुलासा!
हाल ही में किए गए एक रिसर्च से पता चला है कि मोटापे से ग्रस्त लोगों में एक खास तरह के खून के कैंसर (मल्टीपल मायलोमा) के विकसित होने का खतरा अधिक होता है.
हाल ही में किए गए एक रिसर्च से पता चला है कि मोटापे से ग्रस्त लोगों में एक खास तरह के खून के कैंसर (मल्टीपल मायलोमा) के विकसित होने का खतरा अधिक होता है. शोधकर्ताओं ने पाया कि वजन, धूम्रपान करने की आदत और व्यायाम का स्तर इस कैंसर के विकसित होने की संभावना को प्रभावित करते हैं.
रिसर्च के मुताबिक, मोनोक्लोनल गामोपाथी ऑफ अनडिटरमाइंड सिग्निफिकेंस (MGUS) नामक एक benign hematologic disorders मल्टीपल मायलोमा का शुरुआती स्टेज माना जाता है. इस स्थिति में प्लाज्मा सेल्स असामान्य प्रोटीन का उत्पादन करती हैं, लेकिन अधिकांश मरीजों में इसके कोई विशेष लक्षण नहीं दिखते. हालांकि, MGUS की उपस्थिति यह संकेत करती है कि भविष्य में मल्टीपल मायलोमा जैसे गंभीर बीमारी विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है.
लाइलाज बीमारी
यह शोध 'ब्लड एडवांसेज' नामक जर्नल में प्रकाशित हुआ है. शोधकर्ताओं की टीम मैसाचुसेट्स जनरल हॉस्पिटल के डॉ. डेविड ली के नेतृत्व में थी. डॉ. ली ने बताया कि यद्यपि मल्टीपल मायलोमा के उपचार में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है, लेकिन यह अभी भी एक लाइलाज बीमारी है. अक्सर इसका निदान तब तक नहीं हो पाता है जब तक कि रोगी के अंगों को नुकसान पहुंच चुका होता है.
रिस्क फैक्टर
उन्होंने आगे कहा कि हमारा शोध दल MGUS के रिस्क फैक्टर और कारणों की जांच करने पर केंद्रित है, ताकि यह बेहतर समझा जा सके कि किसे MGUS विकसित होने का खतरा अधिक है और यह मल्टीपल मायलोमा में कैसे परिवर्तित होता है. शोधकर्ताओं ने 2,628 ऐसे लोगों को शामिल किया जो मल्टीपल मायलोमा के विकास के लिए अधिक खतरे में थे. इन लोगों को उनके नस्लीय इतिहास और ब्लड कैंसर के पारिवारिक इतिहास के आधार पर चुना गया था. सभी प्रतिभागियों को MGUS के लिए जांचा गया.
मोटे लोगों को अधिक खतरा
आयु, लिंग, नस्ल, शिक्षा और आय को कंट्रोल करने के बाद, टीम ने पाया कि मोटापे से ग्रस्त लोगों में सामान्य वजन वाले लोगों की तुलना में MGUS होने की संभावना 73% अधिक थी. हालांकि, शोध में यह भी पाया गया कि जो लोग अत्यधिक सक्रिय थे (दिन में 45-60 मिनट या उससे अधिक दौड़ने या टहलने के बराबर व्यायाम करते थे) उनमें MGUS होने की संभावना कम थी, भले ही उनका बॉडी मास इंडेक्स (BMI) अधिक हो. इसके विपरीत, जो लोग भारी धूम्रपान करते थे और कम सोते थे, उनमें MGUS का स्तर अधिक पाया गया.
हालांकि शोधकर्ताओं ने MGUS, मोटापे और लाइफस्टाइल के फैक्टर के बीच एक मजबूत संबंध पाया है, उनके पास यह मानने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं कि एक दूसरे का कारण है. डॉ ली ने समझाया कि ये परिणाम भविष्य के शोध को निर्देशित करते हैं, जिसमें वजन, व्यायाम और धूम्रपान जैसे बदले जा सकने वाले रिस्क फैक्टर के कैंसर के खतरे पर प्रभाव को समझना शामिल है.