थायराइड गले में मौजूद एक ग्लैंड है, जो शरीर के मेटाबॉलिज्म को कंट्रोल करने में अहम भूमिका निभाती है. ऐसे में जब इसमें गड़बड़ी होने लगती है, तो इससे शरीर में कई समस्याएं पैदा होने लगती है. जिनमें दर्द भी शामिल है. 


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थायराइड की बीमारी सबसे ज्यादा महिलाओं में होती है, क्योंकि पीरियड्स, प्रेगनेंसी और मेनोपॉज के कारण इनके शरीर में हार्मोन का उतार-चढ़ाव लगा रहता है. थायराइड की समस्या महिलाओं में फर्टिलिटी को भी इफेक्ट करती है, ऐसे में इसका निदान और समय पर उपाय करना बहुत जरूरी होता है. ऐसे में यदि आप इन हिस्सों में दर्द महसूस कर रहे हैं तो नजरअंदाज न करें.


गर्दन और कंधे

थायराइड ग्रंथि गर्दन में होता है, और जब यह ठीक से काम नहीं करती, तो इससे गर्दन में सूजन और दर्द हो सकता है. थायराइड की समस्याओं के कारण मांसपेशियों में तनाव और जकड़न महसूस हो सकती है. सूजन के कारण गर्दन में दर्द और कंधों में भी तनाव हो सकता है.

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पीठ

थायराइड की समस्याएं पीठ में भी दर्द का कारण बन सकती हैं. हाइपोथायरायडिज्म में मांसपेशियों की कमजोरी होती है, जिससे पीठ में दर्द और असहजता महसूस हो सकती है. साथ ही, यह पोस्टुरल समस्याओं का कारण भी बन सकता है.


जोड़ और मांसपेशियां

थायराइड का लेवल कम या ज्यादा होने का प्रभाव जोड़ों और मांसपेशियों पर भी पड़ता है. हाइपोथायरायडिज्म से मांसपेशियों में जकड़न और दर्द होता है. वहीं, हाइपरथायरायडिज्म में भी मांसपेशियों में कमजोरी और थकान महसूस होती है, जो जोड़ों में दर्द का कारण बन सकती है.


हाथ और पैर

थायराइड रोग के कारण हाथों और पैरों में भी दर्द और सुन्नता हो सकती है. दरअसल, थायराइड ग्रंथि के असंतुलन के कारण नसों में दबाव बढ़ता है जिससे जलन सुन्न, झुनझुनी और दर्द का अनुभव हो सकता है.


छाती

हाइपरथायरायडिज्म के कारण दिल की धड़कन तेज हो सकती है, जिससे छाती में दबाव और दर्द महसूस हो सकता है. यह असहजता कभी-कभी चिंता और तनाव का भी कारण बन सकती है.

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Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.