Heart Disease In Children: बच्चों को वीडियो गेम्स खेलना बहुत पसंद होता है. बच्चों के साथ-साथ वीडियो गेम्स बड़ों को भी लुभाता है. लेकिन इसकी लत बच्चों या वयस्कों के लिए कितनी नुकसानदायक हो सकती है, यह शायद हमें नहीं पता है. आज के समय में बच्चे आउटडोर गेम्स की जगह इंडोर गेम्स में ज्यादा इन्वॉल्व रहते हैं. वीडियो गेम्स देखने में भले ही आरामदायक एक्टिविटी लगती हो, लेकिन असल में यह एड्रेनालाईन रश पैदा करती है. 


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हाल ही में एक स्टडी में पता चला है कि ज्यादा वीडियो गेम्स खेलने से बच्चों में हृदय रोग बढ़ सकता है. क्योंकि ये बच्चों में दिल के ताल को ट्रिगर करता है. वीडियो गेम्स की वजह से दिल की धड़कनों पर गहरा असर पड़ता है. जिससे कई बच्चों की मौत भी हो चुकी है. आइये जानें कि कार्डियेक दिक्कतों से जूझ रहे बच्चों के लिए कितना घातक है वीडियो गेम्स.


एक शोध में पाया गया कि कई बच्चे कनसोल और कंप्यूटर पर मल्टी-प्लेयर वॉर गेम्स खेलते हैं. वीडियो गेम्स खेतले समय बच्चे अक्सर उत्साहित स्थिति में पहुंच जाते हैं और कई बार लड़ाई कर बैठते हैं. वहीं अपने साथी खिलाड़ियों से लड़ने के बाद बीमार पड़ जाते हैं. ऐसे में बच्चों को दिल की बीमारी हो सकती है.


एक्सपर्ट्स की इस मामले पर सलाह है कि जिन बच्चों को वीडियो गेम्स खेलने के दौरान ब्लैकआउट हो जाता है, उन्हें फौरन हृदय रोग विशेषज्ञ के पास ले जाना चाहिए. क्योंकि अचानक से होश खो देना एक अज्ञात हृदय समस्या का संकेत हो सकता है. गेमिंग के दौरान बच्चे अधिक उत्साह में आ जाते हैं और फिजिकल एक्टिविटी से हुए एड्रेनालाईन रश और भावनाएं बढ़ी जाती हैं. ब्लैकआउट, धड़कने बढ़ना और चक्कर आ सकता है. कुछ मामलों में, एक बच्चे के वीडियो गेम्स की वजह से हुए ब्लैकआउट के कारण उसके परिवार के अन्य लोगों की जांच की गई और आनुवंशिक हृदय स्थिति का निदान किया गया.


Disclaimer: इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है. हालांकि इसकी नैतिक जिम्मेदारी ज़ी न्यूज़ हिन्दी की नहीं है. हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें. हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है.