पेट के पास जमा चर्बी का एक मुख्य कारण लिवर में जमा हो रही वसा है. यह एक गंभीर बीमारी है जिसे नॉन एल्कोहॉलिक और एल्कोहॉलिक फैटी लिवर के नाम से जाना जाता है. यह इसका खतरा मोटापे और डायबिटीज से ग्रसित लोगों में सबसे ज्यादा होता है.


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आमतौर पर फैटी लिवर के शुरुआती लक्षण नजर नहीं आते हैं. इसलिए किसी भी गंभीर परिणामों से बचने के लिए पेट के पास चर्बी जमा होते ही जीवनशैली में बदलाव कर लेना बहुत जरूरी होता है. खासतौर पर अपने खानपान से इन 5 चीजों को हटा देना सबसे प्राथमिकता होनी चाहिए.


शराब

शराब सिर्फ लिवर के लिए ही नहीं बल्कि पूरे सेहत के लिए नुकसानदेह होता है. ऐसे में इसका सेवन करने से बचना बहुत ही जरूरी है. खासतौर पर यदि आप फैटी लिवर के मरीज हैं तो थोड़ी सी भी मात्रा में शराब जहर की तरह साबित हो सकता है.


चीनी

कैंडी, कुकीज़, सोडा और फलों के रस जैसे शुगर युक्त खाद्य पदार्थों से बचना फैटी लिवर के मरीजों के लिए बहुत जरूरी होता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि हाई ब्लड शुगर लिवर में फैट की मात्रा को बढ़ाने का काम करती है.


नमक

बहुत अधिक नमक का सेवन करने से एनएएफएलडी का खतरा बढ़ सकता है. फूड्स एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन प्रति दिन 2,300 मिलीग्राम से कम सोडियम का सेवन सीमित करने की सिफारिश करता है. जबकि जिन लोगों को हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत है उन्हें नमक का सेवन प्रतिदिन 1,500 मिलीग्राम से अधिक नहीं करना चाहिए.


सफेद ब्रेड

वाइट ग्रेन को आमतौर ज्यादा प्रोसेस्ड किया जाता है. ऐसे में इससे बने खाद्य पदार्थों में फाइबर कम होता है जिसे खाने के बाद बॉडी का शुगर लेवल बहुत अधिक बढ़ सकता है. ऐसे में सफेद ब्रेड, चावल और पास्ता जैसे फूड्स फैटी लिवर के मरीजों को नहीं खाना चाहिए.

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रेड मीट

Ncbi में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार ज्यादा मात्रा में सैचुरेटेड फैट का सेवन लिवर समेत सभी अंगों में फैट को बढ़ाने का काम करता है. बता दें कि गोमांस, सूअर का मांस और डेली मांस सभी में सैचुरेटेड फैट की मात्रा बहुत अधिक होती है.