शाकाहारी भोजन को हमेशा से हेल्दी और पर्यावरण के अनुकूल माना जाता है, लेकिन एक नई रिसर्च ने इस धारणा को चुनौती दी है. ब्रिटेन में हुई एक स्टडी में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि शाकाहारी लोग नॉन-वेज खाने वालों की तुलना में ज्यादा अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड खाते हैं.


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यह अध्ययन द लैंसेट में प्रकाशित हुआ है, जिसका शीर्षक ‘प्लांट-बेस्ड डाइट पैटर्न एंड अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड कंजप्शन’ है. इसमें 2 लाख लोगों की डाइट का विश्लेषण किया गया. रिसर्च में पाया गया कि शाकाहारी लोग नॉन-वेज खाने वालों की तुलना में लगभग 1.3% ज्यादा अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड खाते हैं. वहीं, वीगन (पूरी तरह से शाकाहारी) लोग भी रेड मीट खाने वालों की तुलना में 1.2% ज्यादा प्रोसेस्ड फूड का सेवन करते हैं.


क्या कहती है रिसर्च
शोधकर्ताओं का कहना है कि इंडस्ट्रियल दुनिया में शाकाहारी डाइट का मतलब केवल ताजे फल और सब्जियां नहीं हैं. मांस छोड़ने वाले लोग अक्सर इसकी जगह प्रोसेस्ड ऑप्शन जैसे तैयार भोजन, मीट सब्स्टीट्यूट्स और सुविधा वाले स्नैक्स का इस्तेमाल करते हैं. ये फूड कैलोरी, सैचुरेटेड फैट, नमक, चीनी और एडिटिव्स से भरपूर होते हैं.


रिसर्च की चेतावनी
रिसर्च ने चेतावनी दी है कि अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड का अधिक सेवन कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है. पिछले अध्ययनों में यह पाया गया है कि इन फूड का अधिक सेवन दिल की बीमारी, कैंसर और कार्डियोमेटाबॉलिक समस्याओं के खतरे को बढ़ा सकता है. शोधकर्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि प्लांट-बेस्ड डाइट की ओर बढ़ते समय यह जरूरी है कि हम कम से कम प्रोसेस्ड फूड का सेवन करें. स्टडी में कहा गया है कि सस्टेनेबल डाइट अपनाने के साथ-साथ मिनिमली प्रोसेस्ड फूड को प्रोत्साहित करना भी बेहद जरूरी है. इस रिसर्च ने लोगों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि शाकाहारी भोजन सिर्फ एक विकल्प नहीं है, बल्कि इसे संतुलित और पौष्टिक बनाना जरूरी है.


Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.