सर्दियों का मौसम आते ही बुजुर्गों की मौतों में बढ़ोतरी देखी जाती है. नवंबर से लेकर जनवरी तक कई सारे 70 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों और किसी बीमारी से जूझ रहे बुजुर्ग की मृत्यु अचानक हो जाती है. इसका मुख्य कारण हो सकता है रोग प्रतिरोधक क्षमता की कम. इसके अलावा, ठंड के कारण उन्हें कई तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.


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एक अनुमान के अनुसार भारत में सर्दियों में बुजुर्गों की मौतें अन्य महीनों के मुकाबले करीब 40 फीसदी तक बढ़ जाती हैं. आइए जानते हैं कि सर्दियों में बुजुर्गों की मौतों के प्रमुख कारण क्या हैं और किस तरह बचाव कर सकते हैं.


बुजुर्गों की मौतों के प्रमुख कारण


कमजोर इम्यूनिटी
सर्दियों में तापमान में गिरावट के कारण बुजुर्गों की इम्यूनिटी कम हो जाती है. इससे उन्हें संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है.


हाइपोथर्मिया
सर्दियों में ठंड के कारण बुजुर्गों को हाइपोथर्मिया का खतरा बढ़ जाता है. हाइपोथर्मिया एक ऐसी स्थिति है, जिसमें शरीर का तापमान सामान्य से 35 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला जाता है. इससे बुजुर्गों को कई तरह की गंभीर समस्याएं हो सकती हैं, यहां तक कि मौत भी हो सकती है.


दिल की बीमारी
सर्दियों में दिल की बीमारी से पीड़ित बुजुर्गों में हार्ट अटैक पड़ने का खतरा बढ़ जाता है. इसके अलावा, स्ट्रोक से पीड़ित बुजुर्गों में स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है.


सांस संबंधी समस्याएं
सर्दियों में श्वसन संबंधी समस्याओं से पीड़ित बुजुर्गों में सांस लेने में तकलीफ, खांसी और जुकाम जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं.


सर्दियों में बचाने के उपाय
- सर्दियों में बुजुर्गों को गर्म कपड़े पहनने चाहिए. इससे उन्हें ठंड से बचाव मिलेगा.
- सर्दियों में बुजुर्गों को गर्म पेय पदार्थ, जैसे कि चाय, कॉफी और दूध आदि पीने चाहिए. इससे उन्हें गर्म रखने में मदद मिलेगी.
- सर्दियों में बुजुर्गों को नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए. इससे उनकी इम्यूनिटी क्षमता बढ़ेगी.
- बुजुर्गों को अपने डॉक्टर से नियमित रूप से जांच करवानी चाहिए. इससे किसी भी बीमारी का जल्दी पता चल जाएगा और उसका इलाज किया जा सकेगा.


इन बातों का भी रखें ध्यान
- रात में सोने से पहले गर्म पानी से नहाएं.
- घर में नमीं बनाए रखें.
- अधिक मात्रा में तरल पदार्थों का सेवन करें.
- धूम्रपान और शराब का सेवन न करें.