Why You Should Avoid Artificial Sweetener Like Neotame: डायबिटीज के मरीजों को रिफाइंड चीनी से परहेज करने की सलाह दी जाती है, ऐसे में चाय और बाकी चीजों को मीठा बनने के लिए मधुमेह के रोगी नियोटेम जैसे आर्टिफिशियल स्वीटरनर्स का इस्तेमाल करते हैं, और सोचते हैं कि अब वो सेफ हैं. हालांकि कई रिसर्च में इसके हेल्थ रिस्क भी बताए गए हैं. भारत की मशहूर डाइटीशियन आयुषी यादव (Ayushi Yadav) ने बताया कि नियोटेम को अवॉइड करना चाहिए?


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

नियोटेम के नुकसान


1. आंतों की सेहत पर असर


कुछ स्टडीज बताती हैं कि नियोटेम सहित कई आर्टिफिशियल स्वीटरनर्स आंतों के माइक्रोबायोटा के स्ट्रक्चर और फंक्शन को बदल सकते हैं. आंतों के बैक्टीरिया में ये असंतुलन पाचन समस्याओं, सूजन और मेटाबॉलिक डिस्ऑर्डर सहित कई तरह स्वास्थ्य समस्याओं को पैदा कर सकते हैं.


 


2. वजन बढ़ने का खतरा


कैलोरी फ्री होने के बावजूद, नियोटेम जैसे आर्टिफिशियल स्वीटरनर्स शरीर की कैलोरी सेवन को नियंत्रित करने की क्षमता को बाधित कर सकते हैं, जिससे संभावित रूप से अधिक खाने की इच्छा और वजन बढ़ सकता है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि नियोटेम की तेज मिठास टेस्ट रिसेप्टर्स को सुन्न कर सकती है, जिससे मीठे खाद्य पदार्थों की पसंद बढ़ जाती है और अधिक कैलोरी का सेवन हो सकता है.



3. इंसुलिन रेसिस्टेंस की संभावना


कुछ सबूत बताते हैं कि नियोटेम जैसे कृत्रिम मिठास इंसुलिन सेंसिटिवीटी और ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म में दखल दे सकते हैं, जिससे लंबे समय में इंसुलिन रेजिस्टेंस और टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ सकता है.


 


4. दिल की सेहत पर असर

कुछ रिसर्च ने आर्टिफिशियल स्वीटरनर्स के नियमित सेवन और हार्ट डिजीज, जिसमें दिल का दौरा और स्ट्रोक शामिल हैं, के बढ़ते जोखिम के बीच संभावित कनेक्शन को बताया है. हालांकि इसको लेकर और ज्यादा स्टडी की जरूरत है. भारत में दिल के मरीजों की तादाद काफी ज्यादा है, इसलिए हमें सतर्क रहना चाहिए.


 


Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.