नई दिल्ली: राज्यसभा में बुधवार को कावेरी मामले पर लगातार हंगामा कर रहे अन्नाद्रमुक और द्रमुक के 12 सदस्यों को सभापति एम वेंकैया नायडू ने एक दिन के लिये सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेने से रोक दिया. नायडू ने बार बार की चेतावनी के बावजूद आसन के समीप आकर नारेबाजी कर रहे अन्नाद्रमुक के आठ और द्रमुक के चार सदस्यों को नियम 256 के तहत कार्रवाई करते हुये दिन भर के लिये सदन की कार्यवाही में भाग लेने से रोक दिया. 


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इसके पहले नायडू ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह को जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लागू किये जाने संबंधी उद्घोषणा पर उच्च सदन की मंजूरी लेने के लिये इस आशय का प्रस्ताव सदन पटल पर रखने को कहा. सिंह ने अन्नाद्रमुक और द्रमुक सदस्यों की नारेबाजी के बीच ही प्रस्ताव पेश किया. नायडू ने प्रस्ताव पर चर्चा के लिये नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद को बोलने के लिये कहा. 



इस दौरान अन्नाद्रमुक और द्रमुक सदस्यों की आसन के समीप नारेबाजी तेज होने पर नायडू ने नारेबाजी कर रहे अन्नाद्रमुक के ए नवनीत कृष्णन, एस मुथुकरप्पन, एन गोकुलकृष्णन, ए के सेल्वराज, आर लक्ष्मणन, एस आर बालासुब्रह्मण्यम, वी विजयकुमार और विजिला सत्यनाथन सहित आठ और द्रमुक के तिरुची शिवा, आर एस भारती, टी के एस एलनगोवन और कनिमोई सहित चार सदस्यों को कार्यवाही में हिस्सा लेने से दिन भर के लिये रोक दिया. तीसरी बार स्थगन के बाद सदन की बैठक शुरु होने पर इन सदस्यों की नारेबाजी नहीं थमी. इस पर उपसभापति हरिवंश ने सदन की बैठक तीन बजे तक के लिये स्थगित कर दी.