रायबरेली: कांग्रेस की पूर्व नेता और बागी विधायक होने के बाद रायबरेली (Raebareli) की सदर सीट से बीजेपी की उम्मीदवार बन चुकीं अदिति सिंह (Aditi Singh) ने नामांकन भरने के साथ अपनी पुरानी पार्टी कांग्रेस (Congress) पर करारा प्रहार किया है.


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उनके सीधे निशाने पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) रहीं. यूपी (UP) में प्रियंका पर इस सियासी हमले की वजह पंजाब विधान सभा चुनाव (Punjab Election 2022) में टिकटों के बंटवारे को बताया जा रहा है. 


प्रियंका ने किया उत्पीड़न: अदिति


रायबरेली सदर सीट से भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार अदिति सिंह ने अपने पति अंगद सिंह को पंजाब से टिकट नहीं दिए जाने को लेकर बुधवार को प्रियंका गांधी वाद्रा पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि कांग्रेस महासचिव ने मेरे पति पर दबाव बनाया कि आप उनके (अदिति) खिलाफ बोलिए तभी आपको टिकट देंगे. उन्होंने ये भी कहा कि उनके पति का टिकट कांग्रेस ने बिना किसी तर्क के काटा है.


यूपी विधान सभा चुनाव (UP Chunav) के लिए रायबरेली सीट से BJP प्रत्याशी ने नामांकन दाखिल करने के बाद खुद को बिना बाप की बेटी बताते हुए आरोप लगाया कि न्याय के लिए लड़ने के कारण उन्हें परेशान किया गया. वहीं सियासी पंडितों का मानना है कि इस मामले में अदिति की बगावत की सजा उनके पति को दी गई है. 


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पति अंगद का दावा - पत्नी के लिए गलत शब्द न लिखने पर कटी टिकट


आपको बता दें कि अंगद सिंह यूपी में सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के संसदीय क्षेत्र में आने वाली रायबरेली सदर विधानसभा सीट से निवर्तमान विधायक अदिति सिंह के पति हैं. यूपी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अदिति कांग्रेस छोड़कर BJP में शामिल हो गईं. इसके बाद नवांशहर में कांग्रेस ने अंगद सिंह का टिकट काटकर सतवीर सिंह पल्ली झिक्की को प्रत्याशी बना दिया.


अंगद ने पिछले दिनों यह आरोप लगाया था कि कांग्रेस की टिकट पाने के लिए उन्हें इंटरनेट मीडिया पर अपनी पत्नी के विरुद्ध गलत शब्द लिखने के लिए कहा गया था. जिससे इनकार करने पर उनकी टिकट काट दी गई.



यूपी में कांग्रेस का सियासी पाखंड: अदिति


कांग्रेस की कार्यशैली को सियासी पाखंड बताते हुए अदिति सिंह ने कहा कि कांग्रेस केवल उत्तर प्रदेश में महिलाओं को टिकट क्यों दे रही है. अगर वह महिला सशक्तिकरण के बारे में इतनी गंभीर है तो वह अन्य राज्यों में महिलाओं को 40 फीसदी टिकट क्यों नहीं दे रही है? 


गौरतलब है कि 2017 में कांग्रेस के टिकट पर जीतीं अदिति काफी समय से राज्य की बीजेपी सरकार के पक्ष में खुलकर बोल रही थीं.