Ajit Pawar Interview: एमपी अजब है...  MP टूरिज्म डिपार्टमेंट की टैग लाइन के हिसाब से मध्य प्रदेश अजब हो या न हो, लेकिन महाराष्ट्र की सियासत जरूर 'अजब' है. ये बात खुद पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान डिप्टी सीएम देंवेंद्र फडणवीस कह रहे हैं. इससे इतर दूसरे डिप्टी सीएम अजीत पवार के मन में क्या चल रहा है, यह भी कोई नहीं जानता? फडणवीस ने कहा, 'नतीजों के बाद पता चलेगा कौन सा दल किधर जाएगा'? इस बयान के भी कई मायने निकाले जा रहे हैं.


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बिना अधिकारिक पुष्टि के चल रही अटकलों की बात करें तो महाराष्ट्र में वोटिंग और नतीजे आने के बाद सरकार बनाने के लिए जरूरत पड़ने पर  दो सीन बनने दिख रहे हैं. इस हिसाब से कहा जा सकता है कि उद्धव सेना, बीजेपी को एक बार फिर बड़ा भाई मान सकती है तो दूसरी ओर एक कद्दावर सियासी रणनीतिकार भतीजा, महाराष्ट्र के सियासी 'चाणक्य' और अपने चाचा के दिल में दोबारा जगह बनाकर बैठ सकता है.  


हालांकि अंदरखाने ऐसी बातों को बिना सिर-पैर की कयासबाजी कहा जा सकता है. क्योंकि इनकी कहीं दूर-दूर तक कोई पुष्टि नहीं हुई है और ना कोई खुलेआम ऐसा कह सकता है.


अजित पवार के मन में क्या चल रहा है?


महाअघाड़ी हो या महायुति उसके दिग्गज नेताओं से इतर इन दिनों सबसे ज्यादा चर्चा अजित पवार की हो रही है. उनके पास से सबसे मजेदार और रोचक खबरें आ रही हैं. चुनावी वोटिंग से ठीक पहले अडानी का नाम लेकर उन्होंने बीजेपी को मुश्किल में डाल दिया है. वो लगातार अपने इंटरव्यू में चौकाने वाले खुलासे कर रहे हैं.


अजित पवार ने जब चाचा शरद पवार के खिलाफ बगावत का बिगुल बजाया. तो न सिर्फ विधायकों बल्कि NCP का नाम और सिंबल भी साथ ले गए. लोकसभा चुनाव में पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन के बावजूद, वो विधानसभा चुनाव को लेकर उत्साहित हैं. महाराष्ट्र के संभावित नतीजों को लेकर एक इंटरव्यू में उन्होंने अपनी पार्टी के दमदार प्रदर्शन को लेकर आत्मविश्वास दिखाते हुए ये दावा किया कि उनकी पार्टी सभी सीटें जीतने जा रही है.


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पवार's का 'पावरगेम'


टीओआई में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक उनसे पूछा गया कि आपने हाल ही में 2019 की एक मीटिंग का खुलासा किया, क्या रणनीति थी?  पहले कहा अडाणी नहीं थे. बैठक हुई लेकिन वो शामिल नहीं हुए. जबकि शरद पवार ने मौजूदगी की पुष्टि की है. यू टर्न... शरद पवार को जवाब देने आना पड़ा? इसके जवाब में अजित पवार ने कहा, 'यू-टर्न का सवाल ही नहीं है. यह सच है. बैठक हुई, लेकिन अडाणी नहीं थे. सरकार गठन के लिए दिल्ली में कई मुलाकातें हुईं थीं. जिनमें मैं, प्रफुल्ल पटेल... कुछ और लोग भी थे. पवार साहब के बयान पर मैं टिप्पणी नहीं करूंगा. वो महाराष्ट्र में निवेश के लिए उद्योगपतियों से मिलते रहते हैं'.


आपने आधा दर्जन से अधिक मुख्यमंत्रियों के साथ काम किया. सबसे अच्छा कौन था? इसके जवाब में अजित पवार ने कहा- 'आज हम गठबंधन की राजनीति के युग में हैं. यहां राष्ट्रीय स्तर या राज्य स्तर पर किसी एक पार्टी की सरकार बनने की कोई संभावना नहीं है. मेरी राय में विलासराव देशमुख, सबसे अच्छे सीएम थे. उन्होंने गठबंधन सरकार का नेतृत्व करने की रणनीति विकसित की थी.'


क्या आप CM पद की रेस में हैं और विधानसभा चुनाव का नतीजा क्या होगा? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा- 'महायुति एकजुट होकर चुनाव लड़ रही है. उसके लिए 175 का आंकड़ा पार करने में कोई मुश्किल नहीं आनी चाहिए. मैं रेस में नहीं हूं. नतीजे आने के बाद महायुति विधायक दल की बैठक में फैसला होगा'.


धाकड़ बयानों और ताबड़तोड़ जवाबों को जानकर ये लगता है कि अजित पवार को कोई पसंद करे या ना करे, उन्हें इग्नोर नहीं कर सकता है.