Amarnath Cave Cloud Burst: जम्मू कश्मीर में अमरनाथ यात्रा के दौरान गुफा के पास बादल फटने से 13 लोगों की मौत और 48 के घायल होने की पुष्टि हो गई है. घायलों को इलाज के लिए गुफा के पास बने बेस अस्पतालों में भर्ती करवाया गया है. सेना, एनडीआरएफ, जम्मू कश्मीर पुलिस और अन्य सुरक्षाबलों के जवान लापता लोगो की तलाश कर रहे हैं. घटना के बाद बीच श्री अमरनाथ यात्रा श्राइन बोर्ड ने अमरनाथ यात्रा अस्थाई रूप से स्थगित कर दी, हालांकि यह आज से दोबारा शुरू हो सकती है. शुक्रवार की घटना में गुफा के आसपास तैनात जवान देवदूत साबित हुए और उन्होंने अपनी तेजी से सैकड़ों तीर्थ यात्रियों की जान बचा ली.


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बेस अस्पतालों पर चल रहा यात्रियों का इलाज


गांदरबल जिले के डिस्ट्रिक्ट अस्पताल की सीएमओ डॉ अफरोजा शाह ने बताया कि इस घटना में 48 लोगों के घायल होने और 13 के मरने की पुष्टि हुई है. सभी घायलों का बेस अस्पतालों में इलाज चल रहा है. मरीजों की देखभाल के लिए 28 डॉक्टर, 98 पैरामेडिकल स्टाफ और 16 एंबुलेंस को ड्यूटी पर लगाया गया है. इसके साथ ही SDRF की टीमें भी बचाव अभियान में लगी हुई हैं. अगर किसी यात्री की हालत गंभीर होती है तो उसके इलाज के लिए गांदरबल जिला अस्पताल में पूरे इंतजाम किए गए हैं. 
 
डॉ अफरोजा शाह (Dr Afroza Shah) ने बताया कि पवित्रा गुफा के पास, गुफा के नीचे और पंचतरणी में बेस अस्पताल बने हुए हैं. जहां पर डॉक्टर, नर्स, दवा और ऑक्सिजन समेत सभी बेसिक सुविधाएं मौजूद हैं. वहीं पर उन घायलों का इलाज चल रहा हैं. फिलहाल सभी घायल ठीक हैं और खतरे से बाहर हैं. हालांकि अचानक हुई घटना से उन पर घबराहट बढ़ गई है. 


कश्मीर घाटी में डॉक्टरों की छुट्टियां रद्द


घटना में हताहतों की संख्या बढ़ने की आशंका को देखते हुए जम्मू कश्मीर के स्वास्थ्य सेवा निदेशालय (Directorate of Health Services, Kashmir) ने कश्मीर घाटी में तैनात सभी सरकारी मेडिकल और पैरा-मेडिकल स्टाफ की छुट्टियां रद्द कर दी हैं और कहा है कि वे तुरंत अपने ड्यूटी सेंटर पर रिपोर्ट करें. इसके साथ ही सभी अफसरों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने मोबाइल फोन किसी भी हालत में स्विच ऑफ न करें. 


डॉग स्कवाड भी अभियान में लगाए गए


अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने के साथ ही भारी मात्रा में मलबा भी बहकर नीचे आया था. जिसके नीचे दबने से कई यात्री लापता हो गए हैं. उन यात्रियों को खोजने के लिए भारतीय सेना (Indian Army) और पैरा-मिलिट्री फोर्स के जवान ऑपरेशन चला रहे हैं. भारतीय सेना के ट्रेंड डॉगीज को मलबे में दबे लोगों को ढूंढने के काम में लगाया गया है.


सेना के प्रवक्ता ने कहा कि घायलों को बचाने और लापता यात्रियों की तलाश के लिए 6 टीमें लगाई गई हैं. इसके साथ ही इलाके में पहले से काम कर रही मेडिकल टीमों के अलावा दो टीमें गुफा की ओर भेजी गई हैं. कश्मीर के पट्टन और शरीफाबाद इलाके से डॉग स्कवाड की 2 टीमों को भी हेलीकॉप्टर के जरिए पंजतरणी भेजा गया है, जहां वे पैदल यात्रा करके 6 किलोमीटर दूर गुफा तक पहुंच जाएंगी. 


इंडियन एयर फोर्स ने रेडी मोड पर रखे हेलीकॉप्टर


अमरनाथ गुफा में बचाव अभियान को गति देने के लिए इंडियन एयर फोर्स (Indian Air Force) भी सक्रिय हो गई है. एयर फोर्स ने अपने हेलीकॉप्टरों और पायलटों को स्टैंड बॉय पर तैयार रहने को कहा है, जिससे जरूरत पड़ने पर उन्हें फंसे यात्रियों को निकालने और बचाव अभियान तेज करने में लगाया जा सके. 


ITBP के जवानों ने दिया यात्रियों को आसरा


श्री अमरनाथ गुफा पर शुक्रवार शाम हुए हादसे के दौरान कई यात्री रास्ते में थे और कई टैंटों में पहुंच चुके थे. अचानक गाद के साथ आए मलबे में कई यात्रियों को भागने का भी मौका नहीं मिला और वे वहीं दब गए. वहीं अफरा-तफरी में कई लोग बिछड़ गए. इसके चलते यात्रियों में दुख का माहौल रहे. आईटीबीपी (ITBP) के जवान गुफा के पास संगम टॉप पर अपने साथियों से बिछड़े यात्रियों को रहने के लिए आसरा और भोजन की व्यवस्था करते नजर आए.


भूकंप ने झटकों ने भी लोगों को डराया 


उधर जम्मू कश्मीर के लिए शुक्रवार का दिन दोहरे झटके वाला रहा. शाम को जहां अमरनाथ गुफा पर बाढ़ आने से 13 यात्रियों की मौत हो गई. वहीं उसी दौरान जम्मू कश्मीर में भूकंप के झटके भी महसूस किए गए. रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 4.5 थी. इस भूकंप का केंद्र पाकिस्तान में जमीन से 150 किलोमीटर नीचे बताया जा रहा है. इस भूकंप से कश्मीर में जानमाल के नुकसान की फिलहाल कोई बड़ी खबर नहीं है. रिपोर्ट के मुताबिक भूकंप के ये झटके शुक्रवार शाम करीब 5 बजकर 21 मिनट पर आए. 


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