नई दिल्ली: आतंकी बुरहान वानी की बरसी के मद्देनजर सोमवार को जम्मू से अमरनाथ यात्रा को एहतियातन रोक दिया गया है. अधिकारियों ने बताया है कि किसी भी जत्थे या यात्री वाहन को घाटी की तरफ जाने की इजाज़त नही दी गई है. हालांकि, प्रशासन का कहना है कि अमरनाथ यात्रा के पहलगाम और बालटाल दोनों मार्गो पर यात्रियों की भारी भीड़ की बजह से जम्मू से जाने वाले जत्थे को रवाना नही किया गया. उन्होंने बताया कि जत्थे के रोके जाने से 6 हजार से ज्यादा श्रद्धालु जम्मू में हैं. यात्री निवास में रुके यात्रियों में यात्रा को लेकर जोश बरकरार है.


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दरअसल, बुरहान वानी की तीसरी बरसी पर कश्मीर में अलगाववादियों ने हड़ताल बुलाई है. इस हड़ताल के चलते किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के प्रयास के तौर पर अमरनाथ यात्रा पर सोमवार के लिए रोक लगा दी गई है. अधिकारियों ने बताया कि अमरनाथ की वार्षिक यात्रा मंगलवार से बहाल हो जाएगी. उन्होंने कहा कि घाटी में कानून व्यवस्था के मद्देनजर यह फैसला लिया गया है. वहीं, श्रद्धालुओं का कहना है कि चाहे यात्रा कितने भी दिन बंद रहे, वो बिना यात्रा के नहीं लौटेंगे. 


बता दें कि 1 जुलाई से शुरू हुई अमरनाथ यात्रा में बाबा बर्फानी के दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं का आंकड़ा सोमवार को 1 लाख पार कर गया है. कश्मीर घाटी में आतंकवाद का पोस्टर ब्वॉय रहे बुरहान वानी को सुरक्षाबलों ने आठ जुलाई, 2016 को दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में एक मुठभेड़ में मार गिराया था.