अमरनाथ यात्रा: जब श्रद्धालुओं की टूटती सांसों को मिला आईटीबीपी का सहारा..
अमरनाथ यात्रा मार्ग पर मौजूद तमाम मुश्किलों से श्रद्धालुओं को निजात दिलाने के लिए इस बार इंडो-तिब्बतन बार्डर पुलिस फोर्स (आईटीबीपी) ने खास उपाय किए हैं, जिससे श्रद्धालुओं की टूटती सांसों को सहारा दिया जा सके.
नई दिल्ली: अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए बालटाल और पहलगाम के बाद का पैदल रास्ता बेहद चुनौती भरा है. जैसे-जैसे श्रद्धालु बाबा बर्फानी की गुफा के करीब पहुंचते जाते हैं, वैसे-वैसे अत्याधिक ऊंचाई होने के चलते उनकी मुश्किलें भी बढ़ती जाती है. एक वक्त ऐसा भी आता है जब श्रद्धालुओं के लिए सांस लेना भी मुश्किल होने लगता है. इन मुश्किलों से श्रद्धालुओं को निजात दिलाने के लिए इस बार इंडो-तिब्बतन बार्डर पुलिस फोर्स (आईटीबीपी) ने खास उपाय किए हैं, जिससे श्रद्धालुओं की टूटती सांसों को सहारा दिया जा सके.
अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, वैसे तो आईटीबीपी की मुख्य जिम्मेदारी, यात्रा मार्ग को सुरक्षित करना है. लेकिन, बीते वर्षों के अनुभवों को ध्यान में रखते हुए आईटीबीपी ने इस बार अपनी तरफ से कुछ खास उपाय किए हैं. जिसके तहत, इस बार आईटीबीपी ने अपने करीब 5 हजार जवानों को न केवल प्राथमिक चिकित्सा की ट्रेनिंग दी है, बल्कि ज्यादातर जवानों को ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ अमरनाथ यात्रा मार्ग पर तैनात किया है. जिससे अत्यधिक ऊंचाई पर जिन श्रद्धालुओं को सांस लेने में दिक्कत हो, उन्हें ऑक्सीजन सिलेंडर के जरिए ऑक्सीजन मुहैया कराया जा सके.
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आईटीबीपी के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, पूर्व के अनुभवों के अधार पर की कई इन तैयारियों का श्रद्धालुओं को खासा लाभ मिला है. उन्होंने बताया कि बालटाल और पहलगाम से बाबा बर्फानी की गुफा के तरफ निकले कई श्रद्धालु ऐसे थे, जिन्होंने सांस फूलने या सांस लेने में दिक्कत होने की शिकायत की. पूर्व में इन श्रद्धालुओं को समीपवर्ती मेडिकल कैंप में भेजा था, लेकिन इस बार श्रद्धालुओं को मौके पर मौजूद ऑक्सीजन सिलेंडर के जरिए ऑक्सीजन दी गई. जिससे उन्हें मेडिकल कैंप में ले जाने की जरूरत नहीं पड़ी. मौके पर ऑक्सीजन लेने के बाद ये श्रद्धालु आगे की यात्रा के लिए निकल पड़े.
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आईटीबीपी के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस बार आईटीबीपी ने यात्रा मार्ग पर जगह-जगह पर एक या दो बेड के मेडिकल इंस्पेक्शन रूम भी तैयार किए हैं. जहां पर आईटीबीपी के डाक्टर्स को तैनात किया गया है. जिससे आपात स्थिति में श्रद्धालुओं को समय रहते मेडिकल हेल्प पहुंचाई जा सके. उन्होंने बताया कि इस वर्ष आईटीबीपी के कुछ ऐसी टीमों को भी यात्रा मार्ग पर तैनात किया गया है, जो पर्वतीय क्षेत्र में उत्पन्न होने वाली परिस्थितियों से निपटने में सक्षम हैं. किसी भी आपात स्थिति में ये टीमें श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाने का काम करेंगी.