Aurangzeb Temple Destruction: इस मठ को तोड़ नहीं पाया खुद औरंगजेब, मुगल सैनिक भी कांप गए! लौटना पड़ा उल्टे पांव
Mughal History: वाराणसी (Varanasi) के इस मठ में 1 करोड़ शिवलिंग (Shivling) होने का दावा किया जाता है. मुगल बादशाह (Mughal Emperor) औरंगजेब (Aurangzeb) के सैनिक इस मठ को तोड़ने में कामयाब नहीं हो पाए थे.
Jangamwadi Math: मुगल बादशाह औरंगजेब (Aurangzeb) को क्रूर शासक माना जाता था. औरंगजेब ने 49 साल तक शासन किया. इस दौरान उसने तमाम मंदिरों और मठों को तोड़ा. इतिहास में दर्ज है कि वाराणसी (Varanasi) में स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Temple) भी औरंगजेब के आदेश पर तोड़ा गया था, लेकिन उसी मंदिर से कुछ ही दूरी एक जंगमवाड़ी (Jangamwadi) नामक एक मठ है, उसे तोड़ने में मुगल सैनिक कामयाब नहीं हो पाए. मुगल सैनिक जंगमवाड़ी के मुख्य द्वार पर पहुंच गए थे, लेकिन और अंदर नहीं घुस सके थे. एक अजीब डर की वजह से मुगल सैनिक उल्टे पांव लौट गए थे. खुद औरंगजेब भी जंगमवाड़ी मठ तक आया था लेकिन मायूस होकर वापस लौट गया था. आइए जानते हैं कि इस जंगमवाड़ी मठ की क्या कहानी है?
इस मठ को नहीं तोड़ पाया औरंगजेब
जानकारी के मुताबिक, काशी के तमाम मठ-मंदिरों को तोड़ने का आदेश औरंगजेब ने दिया था. जंगमवाड़ी काशी में ही स्थित है और वहां शैव अनुयायियों का सबसे पुराना केंद्र है. औरंगजेब के सैनिक जब जंगमवाड़ी पहुंचे तो मुख्य गेट तो पार कर लिया लेकिन आगे के छोटे दरवाजे में नहीं घुस पाए.
दुम दबाकर भागे मुगल सैनिक
दावा किया जाता है कि मुगल सैनिकों को ऐसा लगा कि उनकी तरफ कोई परछाई बढ़ रही है. अपराध बोध तो मुगल सैनिकों को पहले से ही था. इसी वजह से वह डर गए कि शायद कोई दैवीय शक्ति उनकी तरफ बढ़ रही है और वह इस कारण से डर गए. फिर उन्हें दुम दबाकर भागना ही पड़ा.
इस किताब में है जिक्र
इसका जिक्र औरंगजेब के दरबारी मुस्तैद खान की किताब 'मआसिर-ए-आलमगीरी' में मिलता है. जब मुगल सैनिक जंगमवाड़ी मठ को नहीं तोड़ पाए और वापस बादशाह औरंगजेब के पास पहुंचे तो उसे इस बात पर विश्वास नहीं हुआ. इसके बाद वह खुद जंगमवाड़ी के गेट तक आया लेकिन उसे मायूसी ही हासिल हुई. वह जंगमवाड़ी को नुकसान पहुंचाने में कामयाब नहीं हो पाया.
दावा किया जाता है कि काशी के जंगमवाड़ी में 1 करोड़ शिवलिंग हैं. सीढ़ीदार ढांचों पर शिवलिंग स्थापित हैं. जंगमवाड़ी मठ में कई संत-महात्माओं ने शिवलिंग स्थापित किए हैं.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले ताज़ा ख़बर अभी पढ़ें सिर्फ़ Zee News Hindi पर| आज की ताजा ख़बर, लाइव न्यूज अपडेट, सबसे ज़्यादा पढ़ी जाने वाली सबसे भरोसेमंद हिंदी न्यूज़ वेबसाइट Zee News हिंदी|