नई दिल्‍ली: अयोध्‍या केस (Ayodhya Case) में छह अगस्‍त से चल रही नियमित सुनवाई सभी पक्षों की दलीलें पूरी होने के बाद पूरी हो गई. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. कहा जा रहा है कि 17 नवंबर से पहले फैसला आ सकता है. ऐसा इसलिए क्‍योंकि 17 नवंबर को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई रिटायर होने वाले हैं. वह इस केस की सुनवाई के लिए गठित संविधान पीठ के मुखिया हैं. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में अयोध्‍या केस (Ayodhya Case) की 40वें दिन की सुनवाई में रामलला विराजमान के सीएस वैद्यनाथन ने अपनी जिरह में कहा कि पैग़ंबर मोहम्मद ने कहा था कि किसी को मस्ज़िद उसी ज़मीन पर बनानी चाहिए जिसका वह मालिक है. सुन्नी वक्फ बोर्ड जगह पर मालिकाना हक साबित करने में नाकाम रहा और सिर्फ नमाज़ पढ़ने को आधार बना कर ज़मीन दिए जाने की मांग कर रहा है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

अयोध्या मामले में पहले याचिकाकर्ता रहे स्वर्गीय गोपाल सिंह विशारद की तरफ से वरिष्ठ वकील रंजीत कुमार ने कहा कि इमारत में मूर्ति रखने का केस अभिराम दास पर दर्ज हुआ. वही वहां पुजारी थे. वह निर्वाणी अखाड़ा के थे. सेवादार होने का निर्मोही अखाड़ा का दावा गलत है.


इससे पहले जब आज सुनवाई शुरू हुई तो चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने स्‍पष्‍ट किया कि किसी नए दस्‍तावेज पर विचार नहीं किया जाएगा. दरअसल हिंदू महासभा की हस्‍तक्षेप संबंधी एप्‍लीकेशन को खारिज करते हुए मुख्‍य न्‍यायाधीश ने कहा कि हर हाल में आज शाम 5 बजे तक इस मामले में सुनवाई खत्‍म हो जाएगी. बस बहुत हुआ...चीफ जस्टिस ने बीजेपी नेता सुब्रमण्‍यम स्‍वामी को बहस करने की इजाज़त देने से मना किया. कहा कि उनकी याचिका मामले में शामिल नहीं है, वह केवल सुनवाई को सुन सकते हैं. कोर्ट ने कहा कि हमने ये कल ही कह दिया था कि किसी और को नही सुनेंगे.


मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने फाड़ा नक्‍शा
सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने बेहद आपत्तिजनक व्यवहार दिखाया और हिंदू पक्ष के वकील विकास सिंह द्वारा कोर्ट के सामने पेश किए गए नक़्शे की कापियां फाड़ दीं. दरअसल हिंदू महासभा के वकील विकास सिंह ने विवादित जगह पर मन्दिर की मौजूदगी साबित करने के लिए पूर्व IPS किशोर कुणाल की एक किताब "Ayodhya Revisited' का हवाला  देना चाहा.


राजीव धवन ने इसे रिकॉर्ड का हिस्सा नहीं बताकर विरोध किया. विकास सिंह ने इसके बाद  एक नक्शा रखा और उसकी कॉपी राजीव धवन को दी. धवन ने इसका भी विरोध करते हुए अपने पास मौजूद नक्शे की कॉपी फाड़ना शुरू कर दी. चीफ जस्टिस ने धवन के इस तरीके पर नाराजगी के अंदाज़ में कहा- आप चाहे तो पूरे पेज फाड़ सकते हैं. चीफ जस्टिस ने इस तौर-तरीके पर आपत्ति जताते हुए कहा कि अगर इसी तरह का माहौल जारी रहा तो वह अभी सुनवाई पूरी कर देंगे और फिर जिस भी पक्ष को जो दलील देनी होगी वह लिखित में लेंगे.


राम जन्मभूमि पुनरूद्धार समिति
हिंदू महासभा की तरफ़ से वकील हरिशंकर जैन ने कहा कि वह लिखित जवाब दाखिल करेंगे. राम जन्मभूमि पुनरूद्धार समिति की तरफ से पीएन मिश्रा ने बहस शुरू की. पीएन मिश्रा ने कहा कि अयोध्या, काशी में मन्दिर गिराने के बाद मस्जिद बना कर मुसलमानों ने वहां पर नमाज पढ़ना शुरू कर दिया. पी एन मिश्रा ने कहा कि महंत ने वहां पर कार्यक्रमों का आयोजन करना शुरू किया जिसका विरोध किया गया. वहां पर हमसे किराया लेने के लिए मुस्लिमों ने याचिका दाखिल की गई जो खारिज कर दी गई गई. वहां पर चूने की पुताई के लिए कोर्ट में अर्ज़ी दाखिल की गई.


पीएन मिश्रा ने कहा कि कुरान सबसे बड़ी किताब है और कोर्ट ने तीन तलाक़ के मामले मे भी माना था कि कुरान मुस्लिम के लिए सर्वोच्च कानून है. मुस्लिम पक्षकार के वकील राजीव धवन ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि हदीस, कुरान से ऊपर नहीं है. लेकिन कुरान और हदीस में किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया जा सकता है.


राजीव धवन ने कहा कि सार्वजनिक मस्जिद किसी की भी हो सकती है, सभी उसके हकदार हैं और हिस्सेदार हैं. धवन ने नक़्शा दिखाते हुए कहा वह मस्जिद को किसी हिस्से में नही बांट सकते है. धवन ने लंच से पहले नक्शा फाड़ने को लेकर कहा कि मैंने कहा था कि मैं इसे फेंक रहा हूं. चीफ जस्टिस ने कहा कि जो करना है करो. मैंने फाड़ दिया. अब वो सोशल मीडिया पर चल रहा है.


राजीव धवन ने कहा कि ट्रांसलेशन ऐसे ही नहीं किया गया. ज़फ़रयाब जिलानी से एक-एक शब्द को मिला कर ट्रांसलेशन किया गया. इसकी तीन कॉपी बनाई गई. हिंदी, उर्दू और एक कॉपी बनाई गई जो जज के सामने रखी गई.



इस बीच सुन्नी वक्फ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट से अयोध्‍या केस (Ayodhya Case) वापस लेने का फैसला लिया है. बोर्ड के चेयरमैन ने मुकदमा वापस लेने का हलफनामा मध्यस्थता पैनल के सदस्य श्रीराम पंचू को भेजा. इसके बाद मध्‍यस्‍थता पैनल ने सेटलमेंट दस्‍तावेज सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कर दिया है. इस बीच सुप्रीम कोर्ट में सुन्नी वक्फ़ बोर्ड के अपील वापस लेने के मामले में कोर्ट में कोई चर्चा नहीं हुई. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने स्‍पष्‍ट किया कि आज शाम 5 बजे तक हर हाल में बहस पूरी होगी. चीफ जस्टिस ने तय पक्षकारों के अतिरिक्‍त किसी अन्‍य को हस्‍तक्षेप की अनुमति देने से इनकार कर दिया.


मध्यस्थता पैनल ने SC में सेटलमेंट दस्‍तावेज दाखिल किया, मुस्लिम पक्ष छोड़ेगा कब्‍जा



अयोध्या में राम मंदिर का विध्वंस कर मस्जिद का निर्माण एक ऐतिहासिक ग़लती थी: हिन्‍दू पक्ष


39वें दिन की सुनवाई
मंगलवार को 39वें दिन सुनवाई में चीफ जस्टिस ने हिंदू पक्ष के वकील के परासरन से पूछा कि क्या आप मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन की इस दलील से सहमत हैं कि एक मस्जिद हमेशा मस्जिद ही रहेगी. परासरन ने जवाब दिया कि मेरा कहना सिर्फ इतना भर है कि एक मंदिर हमेशा मंदिर ही रहेगा. मैं उनकी दलील पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा क्योंकि मैं इस्लामिक मान्यताओं का जानकार नहीं हूं.


रामलला के वकील के परासरन ने वक्फ़ बोर्ड के दलीलों का जवाब दिया. हिंदू पक्ष के वकील के परासरन ने कहा कि बाबर जैसे विदेशी आक्रमणकारी को हिंदुस्तान के गौरवशाली इतिहास को ख़त्म करने की इजाज़त नहीं दी जा सकती. अयोध्या में राम मंदिर का  विध्वंस कर मस्जिद का निर्माण एक ऐतिहासिक ग़लती थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट को अब ठीक करना चाहिए. परासरन ने कहा कि एक विदेशी आक्रमणकारी को ये हक़ नहीं दिया जा सकता है कि वो इस देश में आकर ख़ुद को बादशाह घोषित करे और कहे कि मेरी आज्ञा ही क़ानून है हालांकि इतिहास में अनेक शक्तिशाली हिंदू राजा भी रहे हैं पर किसी के विदेश में यूं आक्रमण करने का कोई उदाहरण नहीं मिलता.


LIVE TV



परासरन ने कहा कि हिन्‍दुओं ने भारत के बाहर जाकर किसी को तहस-नहस नहीं किया बल्कि बाहर से लोगों ने भारत में आकर तबाही मचाई, हमारी प्रवृत्ति अतिथि देवो भव की है. परासरन ने कहा कि हिंदुओं की आस्था है कि वहां पर भगवान राम का जन्म हुआ था, और मुस्लिम कह रहे है कि मस्जिद उनके लिए हैरिटेज प्लेस है.


परासरन ने कहा कि मुस्लिम दूसरी मस्जिद में नमाज पढ़ सकते हैं. अयोध्या में 50-60 मस्जिदें है, लेकिन हिंदुओं के लिए यह भगवान राम का जन्म स्थान है. हम भगवान राम के जन्म स्थान को नहीं बदल सकते. परासरन ने कहा कि हिन्‍दुओं ने भगवान राम के जन्म स्थान के लिए एक लंबी लड़ाई लड़ी है. हमारी सदियों से आस्था है कि वह भगवान राम का जन्म स्थल है.


परासरन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को अयोध्या में मस्जिद बनाने के लिए मंदिर को नष्ट करने के ऐतिहासिक गलत काम को रद्द करना चाहिए. परासरन ने कहा कि कोई शासक भारत में आकर ये नहीं कह सकता कि मैं सम्राट बाबर हूं और कानून मेरे नीचे है और जो मैं कहता हूं वो ही कानून है.


यह वीडियो भी देखें -