नई दिल्ली: कुछ पेरेंट्स जिनके बच्चे अभी भी यूक्रेन (Ukraine) में फंसे हुए हैं, यूक्रेन एंबेसी (Ukraine Embassy) के बाहर पहुंचे. बता दें कि बच्चों के माता-पिता परेशान और निराश हैं. उन्होंने बताया कि उनके बच्चे बहुत बुरी स्थिति (Bad Situation) में हैं. बच्चे ठंड (Cold) में फंसे हैं और उनके पास पैसे (Cash) भी नहीं हैं. 


भारत सरकार से लगातार मांग रहे मदद


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भारत सरकार (Indian Government) से अपने बच्चों को वापस भारत लाने के लिए पेरेंट्स लगातार गुजारिश (Request) कर रहे हैं. बता दें कि पेरेंट्स (Parents) यूक्रेन एंबेसी के बाहर मदद (Help) की गुहार लेकर पहुंचे लेकिन उन्हें काफी देर खड़े रहने के बाद भी कोई जवाब (Answer) नहीं मिला. 


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आपबीती बताते-बताते रोने लगे अभिभावक


कुछ पेरेंट्स इतने परेशान (Worried) थे कि बोलते-बोलते रोने (Cry) लगे. मंजू सिंह जिनकी बेटी अभी यूक्रेन में एमबीबीएस के फाइनल ईयर की छात्रा (MBBS Final Year Student) हैं, वो कीव (Kyiv) में फंसी हुई हैं. उनकी बेटी के साथ करीब 250 बच्चे और भी हैं जिन्हें वहां बंकर (Bunker) में रखा गया है. वहां बंकर में तापमान (Temperature) 2 डिग्री तक है और उन्हें खाने की व्यवस्था (Food Arrangement) में भी दिक्कत (Difficulty) है.


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अपने बच्चों के लिए परेशान सभी पेरेंट्स


कुछ पेरेंट्स ने बताया कि यूक्रेन (Ukraine) में अभी काफी डर (Fear) का माहौल है और एटीएम की सुविधाएं भी बंद (Atm Facilities Closed) हो चुकी हैं. ममोनी शॉ जिनका बेटा यूक्रेन में एमबीबीएस (MBBS) की पढ़ाई करने गया था, वो भी यूक्रेन में फंसा हुआ है. बता दें कि यूक्रेन में किसी का भाई तो किसी की बेटी और बेटा फंसा हुआ है. 


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