बालासोर रेल हादसे के बाद रेलवे को आया होश! देशभर में सिग्नलिंग सिस्टम का होगा ऑडिट
Balasore Train Accident: दो जून को शाम सात बजे कोरोमंडल एक्सप्रेस पहले से खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई थी और उसके अधिकतर डिब्बे पटरी से उतर गए थे. कोरोमंडल एक्सप्रेस के कुछ डिब्बे बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस के आखिर के कुछ डिब्बों से टकरा गए थे जो उसी समय वहां से विपरीत दिशा से गुजर रही थी.
Train Accident: ओडिशा के बालासोर में रेल हादसे के बाद रेलवे एक्टिव मोड में आ गया है. रेल मंत्रालय ने पूरे देश के सिग्नलिंग सिस्टम का ऑडिट करवाने का फैसला किया है. रेलवे बोर्ड ने सभी महाप्रबंधकों को आदेश दिया है कि जांच कर 14 जून तक रिपोर्ट सौंपें. आदेश में कहा गया है कि रेलवे स्टेशनों पर लगे हाउसिंग सिग्नलिंग उपकरणों की जांच होनी चाहिए.
रेल मंत्रालय के आदेश में ये भी कहा गया है कि रिले रूम की जांच कर यह तय किया जाए कि डबल सिग्नलिंग सिस्टम सही से काम कर रहा है. बता दें कि रिले रूम से ही सिग्नलिंग सिस्टम को कंट्रोल किया जाता है. बालासोर में शुक्रवार को हुए हादसे में 250 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई और 1,000 से अधिक यात्री घायल हो गए.
पूर्व में, रेलवे अधिकारियों ने शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस, बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी से जुड़े हादसे के लिए संभावित तोड़फोड़ और इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग प्रणाली से छेड़छाड़ का संकेत दिया. सभी जोन के महाप्रबंधकों को लिखे पत्र में रेलवे बोर्ड ने निर्देश दिया है कि स्टेशन की सीमा के भीतर सिग्नलिंग उपकरण की सभी गुमटी पर विशेष ध्यान देने के साथ एक सुरक्षा अभियान तुरंत शुरू किया जाना चाहिए. बोर्ड ने कहा कि जांच के साथ सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि उनके पास डबल लॉकिंग व्यवस्था हो.
बोर्ड ने कहा कि स्टेशनों के सभी रिले रूम की जांच की जानी चाहिए और डबल लॉकिंग व्यवस्था का समुचित कार्य सुनिश्चित किया जाना चाहिए. बोर्ड ने कहा कि यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि इन रिले रूम के दरवाजे खोलने/बंद करने के लिए डेटा लॉगिंग और एसएमएस अलर्ट उत्पन्न हो रहा है. रेलवे बोर्ड ने यह जांच करने का निर्देश दिया है कि सिग्नलिंग और दूरसंचार उपकरणों के लिए डिस्कनेक्शन और रीकनेक्शन की प्रणाली का निर्धारित मानदंडों और दिशानिर्देशों के अनुसार सख्ती से पालन किया जा रहा है.
इस बीच, दुर्घटना के दौरान ड्यूटी पर तैनात दक्षिण पूर्व रेलवे के खड़गपुर डिवीजन के करीब 54 अधिकारियों को पांच जून और छह जून को जांच के लिए उपस्थित रहने के लिए कहा गया है. बोर्ड ने बिना ड्यूटी वाले उन रेलवे अधिकारियों को भी तलब किया है जो दोनों में से किसी ट्रेन में सवार थे, और ऐसे अधिकारी जो दुर्घटना स्थल पर पहले पहुंचे थे.
हादसे के बाद गुजरी पहली ट्रेन
रेल हादसे के बाद सोमवार को पहली यात्री ट्रेन दुर्घटनास्थल से जब गुजरी तो अधिकतर यात्री खिड़कियों से बाहर हादसे की भयावहता को देख रहे थे, कुछ यात्री हतप्रभ थे जबकि बाकी जगन्नाथ जगन्नाथ बुदबुदा रहे थे. बाहानगा बाजार स्टेशन से गुजरने के दौरान वंदे भारत एक्सप्रेस की गति काफी धीमी हो गई थी जिसकी वजह से यात्री करीब से उस भयावहता को देख सके. वहां कुछ डिब्बे अब भी उलटे पड़े थे और क्रेन की मदद से मजदूर मलबा हटा रहे थे.
बता दें कि गत दो जून को शाम सात बजे कोरोमंडल एक्सप्रेस पहले से खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई थी और उसके अधिकतर डिब्बे पटरी से उतर गए थे. कोरोमंडल एक्सप्रेस के कुछ डिब्बे बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस के आखिर के कुछ डिब्बों से टकरा गए थे जो उसी समय वहां से विपरीत दिशा से गुजर रही थी.
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