पटना: सम्राट अशोक की औरंगजेब (Aurangzeb) से तुलना और शराबबंदी (Liquor Prohibition) के मुद्दे पर बिहार में सत्ताधारी गठबंधन (Alliance) में शामिल भाजपा और जदयू के नेताओं में तल्खी अब बढ़ती जा रही है. इस बीच, भाजपा ने सोमवार को जदयू के नेताओं को मर्यादा में रहने की नसीहत देते हुए साफ कर दिया कि अब एकतरफा (Unilateral) नहीं चलेगा.


76 लाख भाजपा कार्यकर्ता देंगे जवाब


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने सोमवार को कहा कि सवाल करेंगे तो बिहार में 76 लाख भाजपा कार्यकर्ता हैं और उन्हें अच्छे से जवाब देना आता है. हालांकि इस दौरान उन्होंने किसी भी नेता का नाम नहीं लिया. जायसवाल ने अपने फेसबुक पोस्ट (Facebook Post) के जरिए सोमवार को निशाना साधते हुए कहा कि राजग (NDA) को मजबूत रखने के लिए हम सभी को मर्यादाओं का ख्याल रखना चाहिए. यह एकतरफा अब नहीं चलेगा. उन्होंने सख्त लहजे में देश के प्रधानमंत्री (PM) से ट्विटर-ट्विटर ना खेलने की नसीहत देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री प्रत्येक भाजपा कार्यकर्ता के गौरव भी हैं और अभिमान भी. 


इशारों इशारों में साधा निशाना


भाजपा प्रदेश अध्यक्ष (BJP State President) ने कहा कि पीएम से अगर ट्विटर-ट्विटर (Twitter) खेलकर सवाल करेंगे तो बिहार के 76 लाख भाजपा कार्यकर्ता इसका जवाब देना अच्छे से जानते हैं. उन्होंने इशारों ही इशारों में सांसद (Member of Parliament) और जदयू अध्यक्ष (JDU President) ललन सिंह (Lalan Singh) और उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) पर निशाना साधते हुए कहा, आप सब बड़े नेता हैं. फिर इस तरह की बात कहना कि राष्ट्रपति जी द्वारा दिए गए पुरस्कार को प्रधानमंत्री वापस लें, इस बात से ज्यादा बकवास कुछ हो ही नहीं सकती. 


ये भी पढें: पंजाब चुनाव के लिए मंगलवार को होगी मुख्यमंत्री उम्मीदवार की घोषणाः अरविंद केजरीवाल


बिहार के मुद्दों का किया जिक्र


जायसवाल ने आगे कहा कि हम लेखक दया प्रकाश सिन्हा (Writer Daya Prakash Sinha) के आप से सौ गुना ज्यादा बड़े विरोधी हैं क्योंकि आपके लिए यह मुद्दा बिहार में शैक्षिक सुधार (Educational Reform) जैसा मुद्दा है जबकि जनसंघ (Jana Sangh) और भाजपा का जन्म ही सांस्कृतिक राष्ट्रवाद (Cultural Nationalism) पर हुआ है. हम अपनी संस्कृति और भारतीय राजाओं के स्वर्णिम इतिहास (Golden History) में कोई छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं कर सकते. उन्होंने कहा कि हम यह भी चाहते हैं कि बख्तियार खिलजी (Bakhtiyar Khilji) से लेकर औरंगजेब (Aurangzeb) तक के अत्याचारों की सही गाथा आने वाली पीढ़ियों को बताई जाए.


सम्राट अशोक की औरंगजेब से तुलना पर बवाल


आपको बता दें कि लेखक सिन्हा ने एक साक्षात्कार (Interview) में सम्राट अशोक की तुलना औरंगजेब से की थी. भाजपा नेता ने आगे कहा, 74 साल में एक भी घटना नहीं हुई जब किसी पद्मश्री पुरस्कार (Padma Shri Award) की वापसी हुई हो. पहलवान सुशील कुमार (Wrestler Sushil Kumar) पर हत्या के आरोप सिद्ध हो चुके हैं, इसके बावजूद भी राष्ट्रपति (President) ने उनका पदक वापस नहीं लिया, क्योंकि पुरस्कार वापसी मसले पर कोई निश्चित मापदंड (Criteria) नहीं है.



ये भी पढें: UP: RSS के मुकाबले के लिए कांग्रेस ने तैयार की खास यूनिट, कही जा रही-'अदृश्‍य ताकत'


लेखक की गिरफ्तारी की मांग


उन्होंने आगे कहा कि सबसे पहले बिहार सरकार (Bihar Government) दया प्रकाश सिन्हा को मेरे एफआईआर (FIR) के आलोक में गिरफ्तार करे और फास्ट ट्रैक कोर्ट (Fast Track Court) से तुरंत सजा दिलवाए. उसके बाद बिहार सरकार का एक प्रतिनिधि मंडल राष्ट्रपति के पास जाकर हम सब की बात रखें कि एक सजायाफ्ता मुजरिम (Convicted Criminal) का पद्मश्री पुरस्कार वापस लिया जाए.


'बिहार सरकार शांति से चले'


भाजपा सांसद जायसवाल ने यह भी कहा कि बिहार सरकार अच्छे वातावरण में शांति से चले, यह सिर्फ हमारी जिम्मेवारी नहीं बल्कि आप की भी है. अगर कोई समस्या है तो हम सब मिल बैठकर उसका समाधान निकालें. हमारे केंद्रीय नेताओं (Central Leaders) से कुछ चाहते हैं तो उनसे भी सीधे बात होनी चाहिए. जायसवाल ने आगे यह भी कहा कि हम हरगिज नहीं चाहते हैं कि दोबारा मुख्यमंत्री आवास (Chief Minister's Residence) 2005 से पहले की तरह हत्या कराने और अपहरण की राशि वसूलने का अड्डा हो जाए.


LIVE TV