बाढ़ से जूझ रहे बिहार के 11 जिले, औसत से 50 फीसदी अधिक हुई वर्षा
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बाढ़ से जूझ रहे बिहार के 11 जिले, औसत से 50 फीसदी अधिक हुई वर्षा

मौसम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, चालू मानसून सीजन के दौरान एक जून से लेकर 26 जुलाई तक बिहार में 690.7 मिलीमीटर बारिश हुई, जबकि इस दौरान औसत बारिश 460.3 मिलीमीटर होती है.

बाढ़ से जूझ रहे बिहार के 11 जिले, औसत से 50 फीसदी अधिक हुई वर्षा.

पटना: बिहार में बाढ़ (Flood) का पानी अब 11 जिलों में फैल गया है, जिससे राज्य की करीब 15 लाख की आबादी प्रभावित हुई है. इस बीच, राज्य सरकार द्वारा राहत और बचाव कार्य प्रारंभ किए गए हैं, लेकिन यह अब तक नाकाफी साबित हो रही है.

अभी भी राज्य की प्रमुख नदियों में उफान जारी है तथा करीब सभी प्रमुख नदियां कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. वहीं, भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, बिहार में औसत से 50 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है.

जल संसाधन विभाग के रिपोर्ट में कहा गया है कि, कोसी का जलस्तर वीरपुर बैराज के पास सोमवार को सुबह छह बजे 1.55 लाख क्यूसेक था, जो आठ बजे बढ़कर 1.62 लाख क्यूसेक बना हुआ है. इधर, गंडक नदी के जलस्तर में भी एक बार फिर बढ़ोतरी हो रही है. गंडक का जलस्राव बाल्मीकिनगर बराज पर सुबह छह बजे 1.89 लाख क्यूसेक था जो आठ बजे 2.09 लाख क्यूसेक पहुंच गया है.

इधर, राज्य की करीब सभी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. गंगा, बागमती, बूढ़ी गंडक, कमला बलान, महानंदा, घाघरा कई क्षेत्रों में खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव रामचंद्र डू ने बताया कि, बिहार की विभिन्न नदियों के बढ़े जलस्तर को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग पूरी तरह से सतर्क है.

नदियों के बढ़े जलस्तर से बिहार के 11 जिलों के कुल 86 प्रखंडों की 625 पंचायतें बाढ़ से प्रभावित हुई हैं. इन क्षेत्रों में करीब 15 लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि, इन इलाकों में 26 राहत शिविर खोले गए हैं, जहां 14,011 लोग रह रहे हैं.

इसके अलावे बाढ़ प्रभावित इलाकों में कुल 463 सामुदायिक रसोई घर चलाए जा रहे हैं, जिसमें प्रतिदिन 1,77,065 लोग भोजन कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि, सभी बाढ़ प्रभावित जिलों में एनडीआरएफ (NDRF) और एसडीआरएफ (SDRF) की टीमें राहत एवं बचाव का कार्य कर रही हैं.

उन्होंने कहा कि, अब तक प्रभावित इलाकों से एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और बोट्स के माध्यम से 1,36,464 लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाकों से बाहर निकाला गया है. उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए हेलीकप्टर के माध्यम से फूड पैकेट्स गिराये जा रहे हैं.

इधर, गांवों में बाढ़ का पानी घुसने के बाद लोग ऊंचे स्थानों की खोज में राष्ट्रीय राजमागरें और तटबंधों पर शरण ले रहे हैं. लोगों की शिकायत है कि, कहीं भी सरकारी सुविधा उपलब्ध नहीं कराई जा रही है. गोपालगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर की स्थिति अब काफी खराब हो चुकी है. गोपालगंज और मुजफ्फरपुर में सड़कों पर बाढ़ पीड़ित रात-दिन काट रहे हैं.

चालू मानसून सीजन में अब तक बिहार में औसत से 50 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है, जबकि उत्तर-पश्चिम भारत में औसत से 18 फीसदी कम बारिश हुई है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) से मिली जानकारी के मुताबिक, चालू मानसून सीजन के दौरान एक जून से लेकर 26 जुलाई तक बिहार में 690.7 मिलीमीटर बारिश (Rain) हुई, जबकि इस दौरान औसत बारिश 460.3 मिलीमीटर होती है.
(इनपुट-आईएएनएस)