बिहार: कैबिनेट बैठक में 25 एजेंडों पर लगी मुहर, ड्यूटी से गायब चिकित्सकों की हुई छुट्टी
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बिहार: कैबिनेट बैठक में 25 एजेंडों पर लगी मुहर, ड्यूटी से गायब चिकित्सकों की हुई छुट्टी

इसके अलावा कैबिनेट ने यह निर्णय लिया कि जन्म रजिस्ट्रेशन में लेट फी को माफ किया जाएगा. सरकार ने बिहार जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रेशन नियमावली 1999 के नियम 9 और 10 में संशोधन कर इस फैसले पर अपनी मुहर लगाई. 

बिहार: कैबिनेट बैठक में 25 एजेंडों पर लगी मुहर, ड्यूटी से गायब चिकित्सकों की हुई छुट्टी.

पटना: बिहार की राजधानी पटना में नीतीश सरकार ने आज अहम कैबिनेट बैठक की जिसमें कुल 25 एजेंडों पर मुहर लगी. इन 25 एजेंडों में 14 एजेंडे तो बर्खास्तगी के निर्णयों को लेकर ही थे. 11 डॉक्टरों को जो अपनी ड्यूटी बजाने से मना करने और पिछले कई सालों से अनुपस्थित रहने के कारण बर्खास्त कर दिया गया है.

उन्हीं में से एक हैं डॉक्टर याकूब सांगा जिन्हें कैडर डिवीजन के बाद झारखंड में कार्यरत किया गया है. बंटवारे के बाद झारखंड में बहाल सांगा की बिहार से बर्खास्तगी कर दी गई है.

इसके अलावा कैबिनेट ने यह निर्णय लिया कि जन्म रजिस्ट्रेशन में लेट फी को माफ किया जाएगा. सरकार ने बिहार जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रेशन नियमावली 1999 के नियम 9 और 10 में संशोधन कर इस फैसले पर अपनी मुहर लगाई. 

इसके बाद कैबिनेट ने कोरोना संक्रमण में अप्रवासी मजदूरों को रोजगार देने के लिए एक बड़ा फैसला किया है. ग्रामीण इलाकों में सार्वजिनक जल संचय जैसे तालाब आदि का जीर्णोद्धार मनरेगा के तहत कराने का निर्णय सरकार ने लिया है. इसके लिए 5 एकड़ तक के जलाशयों का मनरेगा के तहत जीर्णोद्धार करने की योजना है.

इस दौरान कैबिनेट ने जल जीवन हरियाली के तहत अतिक्रमण हटाने के दौरान छत छीन जाने वाले गरीबों को सहायता राशि उपलब्ध कराने का फैसला भी किया है. सरकार वैसे लोगों को 60 हजार रुपए जमीन खरीदने के लिए सहायता राशि के रूप में उपलब्ध कराएगी. यह राशि सीएम वास स्थल सहायता योजना के तहत दी जाएगी.

इसके अलावा कैबिनेट ने रोहतास प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ ओ पी लाल को, डुमरांव के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ कामरान हबीब को भी बर्खास्त कर दिया है.

स्वास्थ्य विभाग से कई और नामों की छुट्टी कर दी गई है. जिसमें कई तत्कालीन चिकित्सा पदाधिकारी और वर्तमान चिकित्सक अधिकारी भी हैं. वैसे लोग जिन्होंने अपनी ड्यूटी ठीक ढ़ंग से नहीं बजाई, सरकार ने उनके खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं.

साथ ही भवन निर्माण के गेट स्कोर के आधार पर संविदा पर नियुक्त 49 सहायक अभियंता की सेवा 1 साल तक के लिए विस्तारित कर दी गई है. कॉम्फेड को इसके लिए 234 करोड़ रुपए उपलब्ध कराए गए हैं. यह राशि 2021 से 2024 तक के लिए दी गई है.