झारखंड: अफीम की खेती पर अंकुश लगाने की तैयारी शुरू, पकड़े जाने पर की जाएगी कार्रवाई
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झारखंड: अफीम की खेती पर अंकुश लगाने की तैयारी शुरू, पकड़े जाने पर की जाएगी कार्रवाई

एसपी ने कहा कि अफीम की खेती का समय शुरू हो गया है. जहां भी खेती किये जाने की सूचना है या पिछले वर्षों में जहां खेती हुई थी वहां खास तौर पर प्रशासन की नजर है. 

 एसपी ने स्पष्ट रूप से कहा कि जिले में अफीम की खेती बैन है. (फाइल फोटो)

रांची: झारखंड में धान कटनी के समाप्त होने के साथ ही जिले भर में एकबार फिर से अफीम की खेती पर अंकुश लगाने की तैयारी शुरू हो गयी है. खूंटी एसपी आशुतोष शेखर की अगुवाई में इससे संबंधित आवश्यक बैठक बुलाकर भी पुलिस पदाधिकारियों को व्यापक दिशा निर्देश दिया गया है. 

एसपी ने स्पष्ट रूप से कहा कि जिले में अफीम की खेती बैन है और किसी तरह भी इस खेती करने या करने सम्बन्धित बातें सामने आती है तो संबंधित ग्रामीण, ग्राम प्रधान, मुखिया या अन्य जनप्रतिनिधियों पर कार्रवाई की जाएगी. संबंधित क्षेत्र में खेती होने की सूचना हर हाल में पुलिस को दें. 

एसपी ने कहा कि अफीम की खेती का समय शुरू हो गया है. जहां भी खेती किये जाने की सूचना है या पिछले वर्षों में जहां खेती हुई थी वहां खास तौर पर प्रशासन की नजर है. यहां फिर से अफीम की खेती तो नहीं हो रही है इससे संबंधित जांच की जा रही है. 

उन्होंने कहा कि अफीम की खेती के रोकथाम के लिए थाना स्तर पर ग्राम प्रधान, मुखिया तथा जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक करने का भी निर्देश दिया गया है. संबंधित ग्राम प्रधान मुखिया तथा जनप्रतिनिधियों को एनडीपीएस एक्ट के तहत नोटिस दिया गया है. यदि उनके क्षेत्र में खेती होने की सुगबुगाहट है तो पुलिस को सूचना दें. अफीम की खेती की सूचना नहीं देने पर ग्राम प्रधान, मुखिया तथा जनप्रतिनिधियों पर एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई भी की जाएगी.

जानकारी के अनुसार खूंटी जिला के सोसोकुटी पंचायत अन्तर्गरत नोडी गांव व तमाड़ से सटा हुआ क्षेत्र, अड़की के दक्षिणी हिस्से का जोजोहातू, हुडुआ, बारूबेडा, पुरना नगर का दक्षिणी क्षेत्र हूंट, सोसोकुटी का ईदीपीढ़ी, जोरको, मोसोंगा, लेम्बा, पुरना नगर स्थित डोडाँडीया, डोम्बारी नदी आसपास, नोडी में भूतूडीह, जांगला भुसुडीह, पुरतु, तिरीलडीह समेत मारंगहादा, समेत खूंटी-रांची से सटा हुआ क्षेत्र से लेकर अन्य ऐसे जगह हैं.

जहां पिछले वर्ष अफीम की खेती की गई थी, लेकिन लगातार पुलिसिया कार्रवाई चली थी. पुलिस द्वारा कई एकड़ जमीन में होनेवाली अफीम की इस खेती को नष्ट करने का दावा भी किया गया था.