Arwal: बिहार में इन दिनों एक जिला चर्चाओं के केंद्र है. इसकी वजह जब आप जानेंगे तो हैरान हो जाएंगे. आपकी खुद की और अपनों की चिंता सताने लगेगी. अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर हम ऐसा क्यों कह रहे हैं? तो चलिए इस स्टोरी में सारी बातों का जिक्र हम करेंगे. साथ ही उस जिले का नाम और क्यों चर्चा में है सबकुछ बताएंगे.


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हर महीने 3 से 4 नए मरीज सामने आ रहे


दरअसल, बिहार के अरलवल जिले में एड्स के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रहा है. जी हां, सही पढ़ रहे हैं आप. इसको लेकर अरवल स्वास्थ्य विभाग जागरूकता अभियान चलाने का फैसला किया है. रिपोर्ट के अनुसार, अरवल में एड्स के 336 मरीज हैं. सबसे अहम बात ये है कि हर महीने 3 से 4 नए मरीज सामने आ रहे हैं, जो बेहद चिंताजनक है. 


 एड्स एक खतरनाक बीमारी है


इसी मामले को लेकर सिविल सर्जन कार्यालय में चर्चा के लिए सेमीनार का आयोजन किया गया था. इस परिचर्चा में आईसीडीएस, जीविका, नेहरू युवा केंद्र और शिक्षा विभाग भाग लिया. साथ ही मामले पर गहरी चर्चा की. सिविल सर्जन डॉ राय कमलेश्वर नाथ सहाय ने कहा कि एड्स एक खतरनाक बीमारी है. मगर, सबसे ज्यादा चिंता की बात ये है कि जिले में एड्स तेजी से फैल रहा है.


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'एड्स छूने या साथ खाने से नहीं फैलती है' 


परिचर्चा में कहा गया कि एड्स को रोकने के लिए जन जागरूकता फैलाने की जरूरत है. संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. बैजनाथ प्रसाद ने कहा, 'एड्स छूने या साथ खाने से नहीं फैलती है.' उन्होंने आगे कहा कि बस इस बीमारी से पीड़ित शख्स को अपना ध्यान रखने की आवश्यकता होती है.


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