Russell Viper: भागलपुर में रसेल वाइपर सांप का खौफ सिर चढ़कर बोल रहा है. कुछ लोग रसेल वाइपर से खतरा मोल ले रहे हैं तो अधिकांश लोग बचाव में लग जाते हैं. उधर, वन विभाग की टीम का कहना है कि रसेल वाइपर को ज्यादातर लोग अजगर समझ लेते हैं.
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Russell Viper Snake: एशिया में टॉप 5 सबसे ज़हरीले सांपों में से एक रसेल वाइपर भागलपुर में लगातार पाया जा रहा है. जिले का मिराचक गांव रसेल वाइपर का गांव बनता जा रहा है. यहां पर आए दिन रसेल वाइपर निकल रहा है, जिससे ग्रामीणों में काफी खौफ पैदा होता जा रहा है. सबौर प्रखंड के मिराचक गांव में एक के बाद एक रसेल वाइपर सांप मिल रहे हैं. इसे लेकर बच्चों से लेकर बड़ों में दहशत बढ़ती जा रही है. इस गांव की किसी भी गली में, किसी भी घर में और कभी भी रसेल वाइपर सांप मिल जाता है. पिछले दो साल से ऐसा हो रहा है. इस बार तो बाढ़ के प्रकोप के बाद से यह सिलसिला और तेज हो गया है.
जब प्रेशर कुकर की सिटी की तरह यह फूंफकारता है तो लोग समझ जाते हैं कि रसेल वाइपर सांप आ चुका है और फिर बचने के उपाय शुरू हो जाते हैं. गांव में एक व्यक्ति की रसेल वाइपर के काटने से मौत भी हो चुकी है. लोगों की चिंता यह है कि मादा रसेल वाइपर एक बार में 40 से 42 सांप पैदा करती है. लोगों को डर है कि अगर ऐसा ही रहा तो हर घर से रसेल वाइपर सांप निकलेगा!
कुछ दिन पहले, प्रकाश मंडल नाम के व्यक्ति को रसेल वाइपर ने काटा तो वह सांप को गर्दन में लपेटकर अस्पताल पहुंच गया था. तुरन्त प्रकाश मंडल को एंटी वेनम दिया गया, जिससे उसकी जान बच गई. एक दिन पहले बुधवार को शिक्षक दीपक जब कोचिंग में क्लास ले रहे थे, तभी कक्षा के बाहर रसेल वाइपर सांप दिखा. खतरा मोल लेते हुए शिक्षक ने रसेल वाइपर को पकड़कर डब्बे में पैक कर वन विभाग को सौंप दिया.
बताते हैं कि यह सांप इतना जहरीला होता है कि काटने के कुछ देर बाद ही व्यक्ति की मौत हो सकती है. रसेल का मुंह तिकोना होता है और शरीर पर भूरे रंग के धब्बे होते हैं. स्वभाव से यह सांप सुस्त होता है और खतरा महसूस होते ही उछलकर काट लेता है.
गांव के मुखिया जयकरण बताते हैं, बाढ़ के बाद लोग लोकल सांपों के अलावा रसेल वाइपर से परेशान हैं. अब तक 10 से 12 रसेल वाइपर सांप निकल चुके हैं. सूचना मिलती है तो वन विभाग को बता देते हैं. उनकी टीम आती है और सांप को पकड़कर ले जाती है. उन्होंने मांग की कि अब वन विभाग को गांव में कैंप लगाना चाहिए और रसेल वाइपर के लिए सर्च अभियान चलाना चाहिए.
उधर, भागलपुर वन विभाग की टीम ने पूरे भागलपुर में अब तक 125 से ज्यादा रसेल वाइपर को रेस्क्यू कर जंगलों में छोड़ा है. डीएफओ श्वेता कुमारी का कहना है कि बाढ़ के कारण यह सांप ज्यादा देखने को मिल रहा है. लोगों को यह अजगर लगता है. वन विभाग की टीम सूचना मिलने के आधे घंटे के भीतर लोकेशन पर पहुंचकर सांप को रेस्क्यू करती है.
रिपोर्ट: आश्विनी कुमार