Bhagalpur News: TMBU में कागज हुए खत्म, बाजार में उधार कागज देना हुआ बंद, विश्वविद्यालय के पास नहीं बचे खरीदने के लिए पैसे...
Bhagalpur News: तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय और नए विवाद दोनों का गहरा नाता है. अब यहां एक नया मामला सामने आया है जो चौंकाने वाला है. इसके साथ ही हास्यास्पद भी है. दरअसल, तिलकामांझी यूनिवर्सिटी के परीक्षा विभाग के पास कागज ही खत्म हो गया है.
भागलपुरः तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय और नए विवाद दोनों का गहरा नाता है. अब यहां एक नया मामला सामने आया है जो चौंकाने वाला है. इसके साथ ही हास्यास्पद भी है. दरअसल, तिलकामांझी यूनिवर्सिटी के परीक्षा विभाग के पास कागज ही खत्म हो गया है. वह कागज जिससे अंक पत्र और टीआर तैयार होते हैं. कुछ दिनों पहले ही कागजात जब खत्म हुए तो बाजार से मंगवाया जाने लगा, लेकिन पैसे की कमी हो गयी. दुकानदार ने पैसे नहीं देने से कागज देना बंद कर दिया.
अब ऐसे में हजारों छात्र छात्राएं परीक्षा पास कर चुके हैं. वह अगली कक्षा में नामांकन नहीं करवा पा रहे हैं. जिन्हें जॉब की जरूरत है वो डॉक्यूमेंट जमा नहीं कर पा रहे है. विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ विकास भी 10 दिनों से विश्वविद्यालय में अनुपस्थित है. विश्वविद्यालय प्रशासन को छात्र छात्राओं की कोई फिक्र नहीं है. छात्र छात्राएं दूर दराज से हर दिन विश्वविद्यालय आते है और चक्कर लगाकर जाते है, उनका काम नहीं हो पाता है। परीक्षा विभाग में छात्र छात्राओं के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी गयी है. इसके साथ ही छात्र छात्राओं के परेशानियों को दोगुनी करती हुई तस्वीर तब कैमरे पर सामने आ गयी, जब हमारे संवाददाता विश्वविद्यालय पहुंचे और यहां जब परीक्षा विभाग जाने लगे तो दरवाजे पर मौजूद गार्ड ने बदतमीजी की, अभद्र तरीके से बात करने लगे. जो भी छात्र छात्राएं यहां अपना टीआर लेने या सर्टिफिकेट लेने या फिर अंक पत्र लेने पहुंच रहे है. उन्हें और उनके अभिभावक को सही जानकारी देने के बजाय जलील कर दिया जाता है.
ऐसे में किस तरह से बेहतर शिक्षा व्यवस्था की उम्मीद की जा सकती है. देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने महान स्वतंत्रता सेनानी तिलकामांझी के नाम पर भागलपुर को विश्वविद्यालय उपहार में दिया था, ताकि भविष्य में छात्र छात्राओं को कोई परेशानी नहीं हो, लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा कोई दिन नहीं है. जब यहाँ अपना काम करवाने के लिए आने वाले छात्र छात्रओं को परेशानियों से न गुजरना पड़ा हो. लिहाजा लगातार हंगामा और बवाल भी होता है. लेकिन स्थिति जस की तस रहती है.
छात्र छात्राओं से जब हमने बात की तो उन्होंने बताया कि काफी समय से दौड़ रहे है, लेकिन काम नहीं हो रहा है. अब कहा जा रहा है कि कागज खत्म हो गए है. जब यहां आते है तो झल्लाकर ही बात किया जाता है. वहीं इस मसले परीक्षा विभाग के नियंत्रक आनंद झा से जब हमने बात की तो उन्होंने कहा कि बीते दो महीने से रिजल्ट का प्रकाशन चल रहा था. पार्ट 2, पार्ट 3 और सेमेस्टर के रिजल्ट का प्रकाशन हुआ. अब यह है कि जो फाइनल ईयर के है. उन्हें उच्च शिक्षा द्वारा लेना है. उनको जल्द में मार्कशीट और प्रोविजनल की आवश्यकता होती है.
हमलोग स्थानीय बाजार से खरीदकर उसको प्रिंट करवाकर दे पाते है, लेकिन दिसंबर से परीक्षा विभाग को राशि नहीं मिलने के कारण समस्याएं उत्पन्न हो गयी है. बाजार से जो क्रेडिट के रूप में मिल रहा था. बाद में उन्होंने देना बंद कर दिया है. साथ ही पत्रकार से गार्ड द्वारा बदसलूकी किये जाने को लेकर उन्होंने कहा कि परीक्षा विभाग में पत्रकारों को नहीं रोका जाना चाहिए, न गलत भाषा का प्रयोग कर सकते है. गार्ड ने ऐसा किया है तो मैं जाँच करूंगा, उन पर कार्रवाई करूंगा.
इनपुट- अश्वनी कुमार, भागलपुर
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