Bhojpuri Film Industry: भोजपुरी सिनेमा जगत का कारवां 22 फरवरी, 1963 में शुरू हुआ जो आज भी बा दस्तूर जा रही है. भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री आज करीब 2000 करोड़ रुपए की बन गई है. इंडस्ट्री में एक से लेकर एक फिल्में बनती है. कुछ फिल्में ऐसी होती है, जो दर्शकों के दिलों में उतर जाती है. हालांकि, बीच में इंडस्ट्री का खराब दौर भी आया था. जब भोजपुरी सिनेमा जगत पूरी तरह से खत्म होने के कगार पर था. तभी एक फिल्म आती है और इंडस्ट्री का कायाकल्प कर देती है.


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भोजपुरी की पहली फिल्म गंगा मैया तोहे पियरी चढ़इबो को विश्वनाथ शाहाबादी ने 1963 में रिलीज किया था. दरअसल, भोजपुरी सिनेमा जगत की शुरुआत पर चर्चा 1960 के दशक में ही शुरू हो गई थी. जब भारत के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने बॉलीवुड एक्टर नाजीर हुसैन से मुलाकात किया था. इस दौरान राजेंद्र प्रसाद ने भोजपुरी में एक फिल्म बनाने के लिए कहा था. हालांकि, फिल्म बनने में 3 में साल और रिलीज होने में 3 साल का वक्त लग गया था. 


इसके बाद से लगातार भोजपुरी फिल्में बनने लगी. दर्शक इन फिल्मों को खूब पसंद करते थे. हालांकि, 1980 से भोजपुरी इंडस्ट्री का पतन शुरू हो गया था. फिल्म कम बनने लगी थी. धीरे-धीरे फिल्म बनना ही इस इंडस्ट्री में बन हो गया था. बस केवल गाने ही बनते थे. इस बीच साल 2003 में भोजपुरी फिल्म ससुरा बड़ा पैसावाला रिलीज होती है. इस फिल्म ने इंडस्ट्री में जान फूंक दी. यहां से भोजपुरी सिनेमा दौड़ने लगा.


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मनोज तिवारी और रानी चटर्जी ने इस फिल्म में काम किया है. साल 2003 में रिलीज हुई इस फिल्म को बनाने में लगभग 30 लाख रुपए की लागत आई थी और यह उस समय की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली भोजपुरी फिल्म थी. अब भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री 2000 करोड़ रुपए की बन चुकी है.


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