बिहारः दहेजा हत्या मामले में पति-सास और देवर को आजीवन कारावास की सजा
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बिहारः दहेजा हत्या मामले में पति-सास और देवर को आजीवन कारावास की सजा

बिहार के बक्सर में दहेज हत्या के मामले में अदालत ने तीन अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. 

दहेज हत्या मामले में तीन आरोपियों को आजीवन कारावास. (प्रतीकात्मक फोटो)

बक्सरः बिहार के बक्सर में दहेज हत्या के मामले में अदालत ने तीन अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. वहीं, तीनों आरोपियों पर कोर्ट ने अर्थ दंड भी लगाया है. खबरों के मुताबिक हत्या का मामला साल 2015 का है. जिसमें एक विवाहिता की दहेज के लिए जिंदा जला दिया गया था. जिसके बाद पीड़िता के परिवारवालों ने केस दर्ज करवाया था. वहीं, परिवारवाले कोर्ट के फैसले से काफी खुश है.

जानकारी के मुताबिक, आरा के कर्मन टोला निवासी अधिवक्ता विरजन ठाकुर की पुत्री की शादी 2013 में बक्सर जिला के मुफस्सिल थाना अंतर्गत नादान गांव के रहने वाले दीपन ठाकुर के साथ हुई थी. दीपन ठाकुर सेना में कार्यरत थे लेकिन शादी के ढाई साल बाद ही अधिवक्ता पुत्री की जलाकर हत्या कर दी गई. 2015 में हुई इस निर्मम हत्याकांड के बाद स्थानीय मुफसिल थाना में हत्या का मुकदमा दर्ज कराया गया जिसमे तीन लोगों को आरोपी बनाया गया.

इसी मामले में अदालत ने मृतिका के सास देवर और उसके पति को आरोपी करार देते हुए तीनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. सरकारी वकील शेषनाथ सिंह ने बताया कि मृतका गुंजा देवी के शादी के ढाई साल बाद ही उसे दहेज के लिए जलाकर मार दिया गया था और उसके शव को आंगन में रख दिया था. 

साक्ष्य को छुपाने के लिए काफी प्रयास किया गया, लेकिन आखिरकार आरोपियों के खिलाफ दोष सिद्ध हुआ और उन्हें कोर्ट ने आजीवन कारावास के साथ अर्थदंड की भी सजा सुनाई है.

मृतका के पिता और पेशे से अधिवक्ता विरजन ठाकुर ने बताया कि शादी के बाद से ही उनकी बेटी को दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाता था. सब कुछ दिए जाने के बाद भी अतिरिक्त 5 लाख की डिमांड की जा रही थी. डिमांड नहीं पूरा होने पर ससुराल पक्ष के लोगों ने उनकी पुत्री को जिंदा जलाकर उसकी हत्या कर दी.

हालांकि न्यायालय के तरफ से आए इस फैसले के बाद मृतका के परिवारवाले काफी खुश हैं. उनका कहना है कि न्यायालय ने सच्चाई से न्याय किया है.