Patna News: बिल्लियों के मालिकों का मानना है कि अमूमन पटना जैसे शहरों में डॉग शो का ही क्रेज है, लेकिन पिछले साल से अब यहां कैट शो भी आयोजित होने लगे हैं जिसकी वजह से कैट लवर्स को भी प्लेटफॉर्म मिला है.
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Patna:आपने रैंप वॉक शो का नाम सुना होगा. जिसमें मॉडल, फैशनेबेल कपड़े पहनकर अपने रैंप वॉक से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देते हैं. लेकिन बिहार की राजधानी पटना में किसी महिला या पुरूष मॉडलो के लिए नहीं, बल्कि बिल्लियों के लिए 'कैट शो' का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में बिल्लियों के द्वारा तरह-तरह के करतब दिखाए गए.
समाज में बिल्लियों को माना जाता है अपशकुन
दरअसल, समाज में बिल्लियों को लेकर कई तरह के भ्रांतियां हैं. भ्रांतियां ऐसी है कि यदि कोई बिल्ली चलते हुए राहगीर के रास्ते के बीच से गुजर जाए तो, लोग किसी दुर्घटना होने का अदेंशा समझकर इसे अपशकुन मानते हैं. कैट शो के आयोजन इन्हीं भ्रांतियों को तोड़ने के उद्देश्य से किया गया था.
2020 में भी हुआ था आयोजन
गौरतलब है कि 2020 में भी पटना में इस कार्यक्रम का आयोजन हुआ था. इस खास शो में पिछले साल 30 कैट लवर्स शामिल हुए थे. जिसके कारण ये कार्यक्रम बेहद सफल रहा था. वहीं, पिछले साल शुरू हुए इस प्रतियोगिता की सफलता को देखते हुए, बिहार पशु चिकित्सा महाविद्यालय ने इसे प्रत्येक साल कराने का फैसला लिया है. वैसे तो तीस कैट्स को ही शो में रजिस्टर किया गया था. लेकिन इस शो में इससे ज्यादा लोग पहुंचे.
बिल्लियों के मालिकों का मानना है कि अमूमन पटना जैसे शहरों में डॉग शो का ही क्रेज है, लेकिन पिछले साल से अब यहां कैट शो भी आयोजित होने लगे हैं जिसकी वजह से कैट लवर्स को भी प्लेटफॉर्म मिला है. इस कैट शो में प्रमुख तौर पर पर्सियन कैट, बर्मन कैट और इंडियन कैट्स जैसी ब्रीड्स शामिल हुईं. कैट शो में शामिल बिल्लयों की कीमत 20 हजार रुपए से लेकर 50 हजार रुपए के बीच है.
वहीं, बिल्लियों के मालिकों का कहना है कि बिल्ली बेहद शांत रहने वाले पेट्स हैं, बस इन्हें प्यार की जरूरत है. इन्हें कुतों की तरह ज्यादा देखभाल की जरूरत नहीं होती है. कैट लवर्स ने कहा कि बिल्लियां साफ-सफाई को पसंद करने वाली जीव हैं. इन्हें खुद साफ रहना बेहद पसंद है. गंदगी से ये कोसों दूर रहती हैं, साथ ही, अनुशासन में रहना इनकी आदत होती है.
हाईटेक हो रहीं हैं बिल्लियां
कैट शो में अपनी प्यारी बिल्ली के साथ पहुंची रूबी ने बताया, 'उनकी बिल्ली को मोबाइल पर गेम खेलना बेहद पसंद है, खासतौर पर 'टॉम एंड जेरी' (Tom And Jerry) उनकी बिल्ली का पसंदीदा शो है.' वहीं, एक अन्य कैट ओनर ने कहा, 'उन्हें फुटबॉल खेलना बेहद पसंद है और वो घर पर ही फुटबॉल खेलते थे.' उनकी बिल्ली ने उन्हें खेलते देख खुद ही फुटबॉल खेलना सीख गई और आज उनकी बिल्ली उनके साथ फुटबॉल भी खेलती है.
इससे अच्छा संयोग और क्या हो सकता है कि कैट शो में शिरकत करने पहुंची एक बिल्ली के दो बेटे जो अलग-अलग घरों में पल रहे है. ,कैट शो में साथ पहुंचे थे. फिर क्या था एक मां अपने बच्चों से मिलकर बेहद खुश हुई . मां और उसके दो बेटों को लंबे समय के बाद मिलने पर कैट्स के ओनर्स भी बेहद भावुक हो गए. बिल्ली की देखभाल कर रहे मालिक ने कहा, 'बिल्लियों को लेकर समाज में अंधविश्वास है, जिसे तोड़ने में ऐसे आयोजन बेहद मददगार साबित हो रहे हैं. क्योंकि जानवरों से भेदभाव नहीं किया जा सकता ,जानवरों को शुभ-अशुभ से जोड़कर नहीं देखा जा सकता.'
बिल्ली पालने के बाद घर और गाड़ी का सपना हुआ पूरा
शो में शामिल कुछ कैट ओनर्स ने कहा, 'पहले उन्हें बिल्लियों से बेहद डर लगता, क्योंकि समाज में बिल्लियों को लेकर जो अंधविश्वास का माहौल बनाया गया था, उसे लेकर वो भी बिल्ली पालने में हिचकते थे.' लेकिन जब हिम्मत करके बिल्ली पाला तो ना सिर्फ लाइफ पाॉजीटिव हुई, बल्कि बिल्लियों के आने के बाद हमारा घर और गाड़ी का सपना भी पूरा हो गया. ओनर्स ने कहा, 'भले ही कुछ अंधविश्वास की वजह से बिल्लियों को अशुभ मानते हों, लेकिन उनके लिए बिल्लियां बेहद शुभ साबित हुई हैं.'
बिहार एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी वीसी थे कार्यक्रम के मुख्य अतिथि-
वहीं, चीफ गेस्ट बिहार एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉक्टर रामेश्वर सिंह ने कहा, 'ऐसे आयोजनों से समाज में जानवरों के प्रति नकारात्मक धारणाओं को खत्म करने में सहायता मिलती है. साथ ही, जानवरों के प्रति लोगों में प्यार की भावना उत्पन्न होती है.' सिंह ने आगे कहा, 'बहुत जल्द जानवरों के लिए मल्टी स्पेसिएलिटी हॉस्पिटल का निर्माण होने जा रहा है, जहां छोटे से लेकर बड़े जानवरों का इलाज किया जाएगा.'
वहीं, कैट शो के आयोजनकर्ता और वेटनरी कॉलेज के डीन डॉक्टर जेके प्रसाद ने कहा, 'बिल्लियों के प्रति समाज में, खासतौर पर बिहार में बहुत सारी अंधविश्वास की बातें सामने आती हैं और इन्ही धारणाओं को तोड़ने के लिए ऐसे आयोजनों को किया जा रहा है.' उनका मानना है कि ऐसे शोज के निरंतर आयोजन से बिल्लियों के प्रति लोगों की धरणा में भी बदलाव देखा जा रहा है. (
(इनपुट-रितेश मिश्रा)