मुजफ्फरपुर रेप कांडः CBI ने फ्रीज किया ब्रेजश ठाकुर के 20 बैंक अकाउंट, तीन गिरफ्तार
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मुजफ्फरपुर रेप कांडः CBI ने फ्रीज किया ब्रेजश ठाकुर के 20 बैंक अकाउंट, तीन गिरफ्तार

सीबीआई ने ब्रजेश ठाकुर के सभी अकाउंट को फ्रीज कर दिया है. और उसके बैंक अकाउंट ट्रांजक्शन को खंगाल रही है.

सीबीआई ने मुजफ्फरपुर रेप कांड मामले में कार्रवाई की है. (प्रतीकात्मक फोटो)

मुजफ्फरपुरः बिहार के मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले में सीबीआई लगातार जांच कर रही है. वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अपने कड़े रूख दिखाने के बाद सीबीआई भी बड़ी कार्रवाई में लग गई है. सीबीआई ने गुरुवार को जांच को तेज कर दिया है. खबरों के अनुसार सीबीआई ने ब्रजेश ठाकुर के तीन सहयोगियों को हिरासत में लिया है.

खबरों के अनुसार, सीबीआई मुजफ्फरपुर और सोनपुर में चार जगहों पर छापेमारी कर रही है. जबकि ब्रजेश ठाकुर के सहयोगी गुड्डू, विजय और संतोष को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया है. तीनों सहयोगी ब्रजेश ठाकुर के अखबार में काम करते हैं. वहीं, ब्रेजश के सहयोगी सुमन शाही को भी हिरासत में लेने की बात सामने आई है.

बताया जाता है कि सीबीआई सभी लोगों से पूछताछ कर रही है. वहीं, सीबीआई ने ब्रजेश ठाकुर के सभी अकाउंट को फ्रीज कर दिया है. और उसके बैंक अकाउंट ट्रांजक्शन को खंगाल रही है. जानकारी के अनुसार इसके तहत ब्रजेश ठाकुर के लगभग 20 बैंक अकांउट को खंगाल रही है. 

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समाज कल्याण विभाग से निलंबित सहायक निदेशक रोजी रानी को भी हिरासत में लिया गया है. बताया जा रहा है कि रोजी रानी मुजफ्फरपुर में साल 2015 से 2017 के बीच सहायक निदेशक के पद पर कार्यरत थी.

पद पर कार्यरत रहने के दौरान वह बालिका गृह का निरीक्षण करने जाती थी. इस दौरान जब बच्चियां रोजी रानी से बालिका गृह की व्यवस्था को लेकर शिकायत करती थी. लेकिन बच्चियों की शिकायत पर कोई एक्शन नहीं लिया जाता था. बल्कि बालिका गृह को लगातार क्लीन चीट देती रही. उसके क्लीन चीट की वजह से समाज कल्याण विभाग से पैसा और एक्सटेंशन मिलता रहा. 

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आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को मुजफ्फरपुर रेप कांड जांच की मीडिया रिपोर्टिंग को लेकर फैसला सुनाया गया. कोर्ट के फैसले के तहत पटना हाईकोर्ट द्वारा लगाई गई मीडिया रिपोर्टिंग के बैन को हटा लिया गया है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया और NBA को नोटिस जारी कर ऐसे अपराधों में मीडिया रिपोर्टिंग के लिए गाइडलाइन बनाने में सहयोग मांगा है.

सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि यह मीडिया ट्रायल नहीं बल्कि मीडिया जजमेंट है. कोर्ट ने कहा हम उम्मीद करते हैं कि प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया आत्म चिंतन करें कि क्या हो रहा है. मुजफ्फरपुर मामले में कोर्ट ने कहा कि मीडिया ने पहले ही आरोपियों को दोषी करार दे चुका है.

हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मीडिया रिपोर्टिंग पर ब्लैंकेट बैन नहीं लगाया जा सकता है. लेकिन इसके लिए सीमा रेखा होनी चाहिए. कोर्ट ने आदेश दिया है कि यौन उत्पीड़न मामले में पीड़िता का किसी भी तरह से पहचान उजागर न हो. पीड़िता का कोई इंटरव्यू नहीं होगा. इस तरह के मामले को मीडिया सनसनीखेज न बनाएं.