राहुल की पटना रैली में नहीं मिला सम्मान, कांग्रेस के कई विधायक नाराज, बना रहे नई रणनीत‍ि
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राहुल की पटना रैली में नहीं मिला सम्मान, कांग्रेस के कई विधायक नाराज, बना रहे नई रणनीत‍ि

ब‍िहार में नाराज विधायकों ने सदानंद सिंह के आवास पर बैठक की.  अब व‍िधायक आगे की योजना पर सोच विचार कर रहे हैं.

कांग्रेस ने पटना रैली को सफल बताया था, लेकिन ये विधायक इससे सहमत नहीं.

पटना: राहुल गांधी यूपी में रोड शो के जरिये जनाधार पाने की भले कोशि‍श कर रहे हों, लेकिन बि‍हार में उनकी पार्टी के नेता उनसे ही खुश नहीं हैं. पटना में हुई उनकी रैली ने कांग्रेस के कई विधायकों को नाराज कर दिया है. राहुल गांधी की रैली में सम्मान नहीं मिल पाने से कांग्रेस के कई विधायक नाराज हैं और भविष्य की रणनीति को लेकर फैसला करने में जुट गये हैं.

कांग्रेस 3 फरवरी को पटना के गांधी मैदान में हुई जनआकांक्षा रैली को सफल बता रही है. राहुल भले ही बिहार की रैली में लोगों का दिल जीत लेने का दंभ भर रहे हों, लेकिन हकीकत ये है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने इस रैली के कारण अपने विधायकों का विश्वास खो दिया है. आलम ये है कि रैली की व्यवस्था से नाराज पार्टी के तीन सीनियर विधायकों ने सोमवार को गुप्त बैठक की और आगे की रणनीति तय की. कांग्रेस विधान मंडल दल के नेता  सदानंद सिंह के आवास पर विधायकों की बैठक हुई. बैठक में विधायक अवधेश सिंह, विधायक अजित शर्मा भी मौजूद थे.

बैठक को लेकर सदानंद सिंह ने कहा कि पास देने में गडबडी हुई है. यहां तक की प्रोटोकॉल का भी ख्याल नहीं रखा गया. प्रोटोकॉल के मुताबिक कांग्रेस विधायकों को राहुल गांधी के आते और जाते उनसे मिलवाया जाना चाहिए था. लेकिन ये व्यवस्था नहीं हो पाई. संगठन स्तर कहीं न कहीं चूक हुई है. बैठक में शामिल पार्टी के सीनियर लीडर विधायक अवधेश सिंह ने कहा कि रैली सफल रही. लोग बड़ी तादाद में राहुल गांधी को सुनने गांधी मैदान पहुंचे थे. लेकिन जो व्यवस्था होनी चाहिए थी वह नहीं हो सकी.

विधायक भी राहुल गांधी से नहीं मिल सके. व्यवस्था में कहीं न कहीं कमी रही. वहीं विधायक अजित शर्मा ने कहा कि रैली में ऐसे लोगो को पास और मंच दिया गया, जिसके पास 1 वोट नही था. एमएलए एमएलसी राहुल गांधी से मिल तक नहीं सके. सारे विधायक रैली को सफल बनाने में जुटे थे, यही वजह रही कि उस वक्त इन मुद्दों को तरजीह नहीं दी गई,  लेकिन मामला बेहद गंभीर है कि आखिर पार्टी के विधायक और एमएलसी को क्यों नजरअंदाज किया गया.