Bihar Samachar: कोरोना के बढ़ते मामलों और लॉकडाउन की आशंका के बीच बड़े पैमाने पर मजदूरों का पलायन होने लगा है.
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Patna: कोरोना संक्रमण (Corona Infection) के बढ़ते मामलों ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. हालांकि, कोरोना के कहर को रोकने के लिए प्रशासन कोई कसर नहीं छोड़ रहा हैं. लिहाजा, सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) को मेनटेन रखने के लिए एक बार फिर भक्त से भगवान को दूर कर दिया गया हैं.
कर्मकांड पर भारी कोरोना कांड
विश्वप्रसिद्ध गया के महाबोधि मंदिर (Mahabodhi Temple) में जिला प्रशासन की ओर से श्रद्धालुओं के प्रवेश पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है. मंदिर बंद होने से भगवान बुद्ध के दर्शन करने के लिए पहुंचे श्रद्धालुओं को बिना दर्शन ही लौटना पड़ा जिससे उन्हें निराशा हुई. वहीं, गया पहुंचे श्रद्धालुओं ने अचानक धार्मिक स्थल को बंद किए जाने के सरकार के फैसले को लेकर कहा कि इस तरह के फैसलों के लिए जनता को कुछ समय देना चाहिए जिससे लोग खुद को तैयार कर सकें.
जानकारी के अनुसार, कोरोना के असर को देखते हुए बिहार में धार्मिक स्थलों को 30 अप्रैल तक बंद कर दिया गया है. साथ हीं, पटना के प्रसिद्ध राजवंशीनगर हनुमान मंदिर में भक्तों को बाहर से ही दर्शन कर लौटना पड़ा. जहां भक्त से भगवान की यह दूरी भक्तों को नागवार गुजरा और मंदिर के बाहर से ही दर्शन कर लौट रहे श्रद्धालुओं ने मंदिर बंद करने से पहले यातायात के साधनों को बंद करने की वकालत की. हालांकि, तमाम कोशिशों के बाद भी बिहार में कोरोना संक्रमण काबू में नहीं आ रहा है और लगातार रफ्तार बढ़ती ही जा रही है.
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संक्रमण रोकने के लिए सख्ती जरूरी
वहीं, ऐसे में शुक्रवार को सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने समीक्षा बैठक की और कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सख्ती के संकेत दिए. इधर, पटना के मल्टीप्लेक्स में एक-दो लोग ही पहुंच रहे हैं. यहां आने वाले दर्शकों ने मास्क लगा रखे थे तो वहीं सिनेमा हॉल संचालक भी गाइडलाइन का पालन करते हुए आधे से कम क्षमता में हॉल का संचालन कर रहे हैं.
होटल संचालकों में 'हाहाकार'
मल्टीप्लेक्स में आधे से कम क्षमता के साथ संचालन किया जा रहा है तो कोरोना वायरस को लेकर पटना के रेस्तरां में भी नजारा बदला-बदला सा नजर आया. वहीं, एक तरफ जहां लोगों ने कोरोना के खौफ से बेवजह घरों से निकलना कम कर दिया है तो रेस्तरां संचालक भी नई गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन करते दिख रहे हैं. इधर, राजधानी पटना में लोगों के घरों से कम निकलने के कारण रेस्तरां संचालकों को नुकासन हो रहा है. बता दें कि नई गाइडलाइन के तहत शाम 7 बजे से पहले ही दुकान और प्रतिष्ठान बंद करने के आदेश हैं. ऐसे में देर रात तक रेस्तरां न खोलने की वजह से होटल संचालकों की आमदनी भी कम हुई है.
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JCB से कोरोना पर प्रहार
कोरोना से लड़ाई की एक अनोखी पहल मुंगेर प्रशासन ने की है, जहां जेसीबी (JCB) युक्त मशीन के जरिए सेनेटाइजेशन किया जा रहा है. कोरोना पर JCB से प्रहार के संबंध में मुंगेर नगर आयुक्त श्रीकांत शास्त्री ने बताया कि 'संक्रमण पर नियंत्रण के लिए नगर निगम क्षेत्र में अब प्रतिदिन JCB मशीन से सेनेटाइजेशन किया जाएगा. इसके लिए JCB पर एक-एक हजार की दो गैलन की टंकी है और इसमें प्रति लीटर 7 एमएल सोडियम हाईपोक्लोराइड सॉल्युलेशन डालने के बाद सेनेटाइजेशन किया जायेगा'
सासाराम कलेक्ट्रेट गेट (Sasaram Collectorate Gate) पर कोरोना का पहरा
मुंगेर प्रशासन JCB मशीन के जरिए कोरोना पर वार कर रहा है तो सासाराम जिला समाहरणालय में कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए आम लोगों के प्रवेश पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई है. वहीं, यहां कलेक्ट्रेट के गेट पर बकायदा नोटिस चिपका कर आम लोगों का परिसर में प्रवेश 30 अप्रैल तक बंद कर दिया गया है.
गाइडलाइंस की उड़ी धज्जियां
कोरोना (Corona) के बढ़ते कहर के बीच प्रदेश से अपने घर लौटने वाले यात्रियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और दानापुर सिकंदराबाद एक्सप्रेस में कोरोना गाइडलाइंस कि धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. दरअसल, श्रमिको को घर भेजने के लिए स्पेशल ट्रेन चलाई जा रही है. जिसमें यात्रा के दौरान यात्री काफी लापरवाही कर रहे हैं. इन लापरवाहियों की वजह से संक्रमण के फैलने के खतरा बना हुआ है. वहीं, दानापुर स्टेशन पर कोरोना जांच मजाक बनकर रह गया है. मुसाफिरों की जांच के लिए बड़े पैमाने पर नर्स और डॉक्टर्स की तैनाती की गई है. लेकिन उनको स्क्रीनिंग के लिए उपकरण नहीं मिला. जिससे बिना जांच के लिए यात्रियों को जाने दिया गया.
हालांकि, महाराष्ट्र से बिहार आने वाले श्रमिक स्पेशल ट्रेनों (Special Train) के पैसेंजर की स्क्रीनिंग के लिए 15 सेंटर बनाए गए हैं. स्क्रीनिंग के बाद मुसाफिरों को आइसोलेशन सेंटर भेजने की तैयारी है. कोरोना के बढ़ते मामलों और लॉकडाउन (lockdown) की आशंका के बीच बड़े पैमाने पर मजदूरों का पलायन होने लगा है और लोग अपने घरों को लौटने लगे हैं. श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से दरभंगा लौटे एक परिवार ने आपबीती सुनाते हुए कहा कि 'पिछली बार लॉकडाउन के कारण कई दिनों तक पैदल चलकर घर लौटना पड़ा था. इस बार भी कामकाज ठप पड़ गया. इसलिए वह लौट आए'. वहीं, घर लौटे एक शख्स ने बताया कि इस बार हम दो महीने में ही लौट आए हैं. जिससे आर्थिक परेशानी हो रहीं हैं.