पटना में फुटपाथ पर बच्चों के रात गुजारने के मामले में शिक्षा मंत्री ने कही यह बात...
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पटना में फुटपाथ पर बच्चों के रात गुजारने के मामले में शिक्षा मंत्री ने कही यह बात...

बिहार में सरकारी योजनाओं की धज्जियां और शिक्षा विभाग की घोर लपरवाही सामने आई है. 

पटना में फुटपाथ पर बच्चों के सोने के मामले में सरकार ने दिए जांच के आदेश

पटनाः बिहार में सरकारी योजनाओं की धज्जियां और शिक्षा विभाग की घोर लपरवाही सामने आई है. जिसके बाद शिक्षा विभाग से लेकर सरकारी अधिकारियों में अफरा-तफरी मची हुई है. पटना राजीव गांधी जैविक उद्यान के सामने सड़क किनारे करीब 75 बच्चों को राम गुजारना पड़ा था. वहीं, किसी भी सरकारी अमलें ने इस मामले में किसी तरह की कार्रवाई की थी. मीडिया में खबर आने के बाद से अब शिक्षा विभाग ने इस मामले में संज्ञान लिया है.

शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा ने बुधवार को इस मामले में संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं. उन्होंने कहा है कि इसमें जो भी दोषी पाए जाएंगे, उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि संबंधित जिलाधिकारी को मामले की जांच कर दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा गया है.

शिक्षा मंत्री ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि, 'यह कहीं से सही नहीं है कि स्कूली बच्चों को फुटपाथ पर रात गुजारनी पड़े.'

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आपको बता दें कि, स्कूली बच्चों को पटना स्थित राजीव गांधी जैविक उद्यान घुमाने के लिए लाया गया था. लेकिन किसी कारण बच्चे वापस लौट नहीं सके, तो शिक्षकों ने बच्चों को ठेले पर खाना खिलाकर सड़क किनारे ही सुला दिया गया. वहीं, प्रशासन की ओर से किसी ने भी इसकी खबर लेनी जहमत नहीं उठाई.

पूर्वी चंपारण कोटवा प्रखंड के राजकीय उत्क्रमित विद्यालय के बच्चों पर पटना घुमाने के लिए लाया गया था. बच्चों को मुख्यमंत्री दर्शन योजना के तहत राजधानी पटना स्थित राजीव गांधी जैविक उद्यान घुमाने लाया गया था. जू घुमने के बाद बच्चों को लौटने में देर हो गई. वह किसी कारण वापस घर रवाना नहीं हो सके. जिसके बाद शिक्षक ने बच्चों को सड़क किनारे ही सुला दिया.

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वहीं, इस बारे में शिक्षकों ने सरकार पर ही आरोप लगा दिया है. शिक्षक का कहना है कि 20 हजार रुपये में बच्चों को व्यवस्था नहीं दी जा सकती है. इसलिए उन्हें सड़क पर खिलाना और सुलाना पड़ रहा है. 

अब यह घटना पूरे सिस्टम पर सवाल खड़ा कर रहा है. वहीं, पटना जू एक हाईप्रोफाइल इलाके में स्थित है. जहां कई मंत्रियों और विधायकों के आवास स्थित है. लेकिन प्रशासन और नेता किसी ने भी इस बारे में जानकारी लेने की जहमत नहीं उठाई. किसी नेता ने की नजर रात में सड़क किनारे सो रहे बच्चों पर पड़ी.