राज्यपाल ने कहा बिहार में कृषि के विविधीकरण तथा इसके अनुषंगी प्रक्षेत्रों के विकास की भी आवश्यकता है.
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पटनाः बिहार के राज्यपाल लालजी टंडन ने यहां गुरुवार को कहा कि खाद्यान्न उत्पादन के साथ-साथ फल, फूल, सब्जी, सुगंधित एवं औषधीय पौधों के उत्पादन के जरिए भी किसानों का आर्थिक सशक्तीकरण हो सकता है. उन्होंने कहा कि राज्य में कृषि के विविधीकरण तथा इसके अनुषंगी प्रक्षेत्रों के विकास की भी आवश्यकता है.
राजभवन में आयोजित राज्यस्तरीय उद्यान प्रदर्शनी का उद्घाटन करते हुए राज्यपाल ने कहा, "पटना के राजभवन को भी फल, फूल, सब्जी, सुगंधित एवं औषधीय पौधों की खेती के मामलों में एक मॉडल के रूप में विकसित किया जाएगा."
उन्होंने कहा, "इस वर्ष से उद्यान प्रदर्शनी आयोजन की नई शुरूआत हो चुकी है और अगले वर्ष से यह प्रदर्शनी और अधिक बड़े पैमाने पर चार-पांच दिनों के लिए आयोजित होगी, जिससे अधिक से अधिक लोग इसे देख सकें और किसानों का इसका लाभ मिल सके."
राज्यपाल कहा, "राजभवन परिसर में विभिन्न नक्षत्र-ग्रहों के अनुसार पौधे लगाकर 'नक्षत्र वाटिका' एवं विभिन्न प्रजाति के कमल लगाते हुए 'कमल वाटिका' भी विकसित की जाएगी. यहां सिन्दूर, रूद्राक्ष, बरगद, पीपल, पाकड़ आदि के पौधे भी लगाए जाएंगे, जिनसे पर्यावरण शुद्घ होता है."
टंडन ने कहा कि रसायनिक खादों की जगह आज जैविक खादों के उपयोग का प्रचलन बढ़ रहा है. उन्होंने 'गो-पालन' की भी अपील करते हुए कहा कि एक गाय पालने से 10 एकड़ भूमि के लिए जैविक खाद की प्राप्ति हो जाती है तथा दूध, दही मिठाई जैसी खाद्य-सामग्रियां भी मिल जाती हैं.
बिहार कृषि विश्वविद्यालय तथा उद्यान निदेशालय के माध्यम से आयोजित 'उद्यान प्रदर्शनी' में पूरे राज्य के विभिन्न जिलों से आए सैकड़ों कृषकों ने भाग लिया.
(इनपुटः आईएएनएस)